कोरोना वायरस की वजह से कई देशों ने यह ऐलान किया है कि वे चीन के वुहान में फंसे अपने देश के नागरिकों को बाहर निकालेंगे। भारत समेत अभी यूरोपियन यूनियन और दुनिया के 8 अन्य देश वुहान से अपने नागरिकों को वापस अपने देश ले जाने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन चीन इसको लेकर खुश नहीं है। भारत में चीन के राजदूत पहले ही कह चुके हैं कि किसी देश को कोरोना वायरस पर जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता नहीं है, और सब को चीन के स्वास्थ्य तंत्र पर विश्वास रखना चाहिए। यही कारण है कि अब पाकिस्तान ने चीन को खुश करने के लिए अपने नागरिकों को वुहान से बाहर नहीं निकालने का फैसला लिया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब यह पुष्ट हो गया है कि चीन में पाकिस्तान के चार नागरिक कोरोन वायरस से संक्रमित हो चुके हैं।
प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य मामलों के विशेष सहायक डॉ. जफर मिर्जा ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सुझावों पर अमल करते हुए पाकिस्तान ने चीन से अपने नागरिकों को नहीं निकालने का निर्णय लिया है। डॉन अखबार के मुताबिक मिर्जा ने कहा, ,“हम मानते हैं कि अभी चीन में रह रहे हमारे प्रियजनों के हित में है। (वे वहीं रहें।) यह क्षेत्र, विश्व, देश के वृहद् हित में है कि हम उन्हें अभी बाहर न निकालें।” आगे उन्होंने कहा “डब्ल्यूएचओ भी यही कह रहा है, यह चीन की नीति है और यही हमारी भी नीति है। हम चीन के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़े हैं। अभी चीन की सरकार संक्रमण को वुहान शहर में रोकने में कामयाब हो गई है। यदि हम गैर जिम्मेदारी से काम करेंगे और लोगों को वहां से निकालना शुरू कर देंगे तो यह संक्रमण पूरे विश्व में जंगल की आग की तरह फैल जाएगा।”
पाकिस्तान सरकार के इस रुख के बाद अब चीन में रह रहे Pakistan के छात्र भी सोशल मीडिया पर आकर पाकिस्तानी सरकार को खरी-खोटी सुना रहे हैं। वुहान से एक पाकिस्तानी छात्र ने एक वीडियो संदेश के जरिये अपना दर्द बयां किया। उसने एक वीडियो जारी कर कहा “प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य मामलों के विशेष सहायक डॉ. जफर मिर्जा ने कहा है कि WHO के कहने पर वे चीन से पाकिस्तानी नागरिकों को नहीं निकालेंगे। हम बता दें कि दुनिया के कई देश पहले ही वुहान से निकालने के लिए इंतजामात कर रहे हैं। इस वीडियो का यह मकसद तो बिल्कुल नहीं है कि मैं अपनी सरकार से कहूं कि हमें भी यहां से निकालें, लेकिन हमारे केंद्रीय मंत्रियों को इतना नहीं पता कि WHO ने क्या कहा है इसके बारे में। उनके पास कोई आंकड़ा ही नहीं है। ऐसे ही आ गए मीडिया में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने और लोगों को गुमराह करने। जो आप कह रहे हैं कि पाकिस्तान के चार संक्रमित लोग यहां बेहतर हैं, उनके बारे में हम ही बेहतर जानते हैं”।
Pakistani student Shahid Jadoon in Wuhan: https://t.co/u2YUBeSi9r
— Naila Inayat (@nailainayat) January 30, 2020
— Naila Inayat (@nailainayat) January 30, 2020
चीन से अपने नागरिकों को बाहर निकालकर Pakistan चीन को यह संदेश बिल्कुल नहीं देना चाहता कि उसे चीन के स्वास्थ्य तंत्र पर विश्वास नहीं है। इसलिए उसने चीन के साथ अपने रिश्तों को अच्छे रखने के लिए हजारों पाकिस्तानी छात्रों और नागरिकों की जान खतरे में डालने का फैसला लिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि चीन से Pakistan को कर्ज़, पैसा और हथियार मिलते हैं। यह दिखाता है कि पाकिस्तान के लिए उसके नागरिक नहीं, बल्कि चीन की चाटुकारिता पहले आती है।