केरल की कम्युनिस्ट सरकार एक बार फिर विवादों में है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर पूरा विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है। दरअसल, केरल पुलिस की विशेष सशस्त्र बल (SAPB) के हथियार कैंप से 25 रायफल और 12 हजार जिंदा कारतूस गायब हैं। सरकार से इस पर पूरा विपक्ष सवाल पूछ रहा है लेकिन विजयन को जवाब देते नहीं बन रहा है। हथियारों की हेराफेरी में कैग ने अपनी जांच में बताया है कि एसएपीबी (SAPB) के बेल ऑफ आर्म्स (ऐसे जगह जहां हथियार रखे जाते हैं) के सहायक कमांडेंट के साथ संयुक्त सत्यापन में 12,061 कारतूस गायब मिले। इसके साथ ही 25 रायफल्स भी गुम थे।
कैग की रिपोर्ट आने के बाद केरल पुलिस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (क्राइम) थाचंकेरी ने कहा- कैग बहुत ही जिम्मेदार जांच एजेंसी है और उसके आरोपों को गंभीरता से लेने की जरूरत है। हमनें कैग की रिपोर्ट के अनुसार मामला दर्ज कर लिया है। उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में तमाम आरोपों पर जवाब देने की जिम्मेदारी एसएपीबी की है, उन्हें इसके लिए आगे आना चाहिए।
हथियारों के इस तरह से गायब हो जाने पर पूरा विपक्ष हमलावर हो गया है। भाजपा और कांग्रेस विजयन सरकार से बयान जारी करने के लिए कह रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि मुख्यमंत्री विजयन आखिर इस पर जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं। अगर केरल के सीएम को इस मामले की जानकारी नहीं है तो वे केरल के डीजीपी लोकनाथ बेहरा को डीजीपी के पद से हटाएं। उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों को इस मामले की गहनता से जांच करनी चाहिए। इसके साथ विपक्ष ने कहा कि अगर हथियार के मामले में सरकार हेराफेरी की है तो विजयन को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
Congress MLA PT Thomas: If the fraud was committed with the knowledge of the government, the Chief Minister is not entitled to remain in this position for even a minute. pic.twitter.com/O9GvFrATZ3
— ANI (@ANI) February 19, 2020
सच कहें तो यह कोई रूपयों की हेराफेरी नहीं है, हथियारों की है। इस हेराफेरी को हल्के में नहीं लेना चाहिए। कहा जाता है कि पुलिस जनता की रक्षा के लिए होती है और अगर उसी पुलिस से अपना हथियार नहीं संभाला जाता है तो वह क्या जनता की सुरक्षा करेगी। राज्य में नक्सलियों का भी काफी प्रभाव रहता है।
ऐसे में यदि उनके हाथ ये हथियार पहुंच गए तो क्या होगा इसका अंदाजा कोई नहीं लगा सकता। इसलिए केरल के सीएम विजयन की जिम्मेदारी होती है कि वह इस लापरवाही पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें और आरोपित पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई करें।