दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को जीत मिली और कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इस जीत पर आम आदमी पार्टी की बड़ी सराहना की। अपनी हार से ज्यादा कांग्रेस को इस बात की ख़ुशी थी कि भाजपा हार गयी। इसपर कांग्रेस के नेताओं की इस ख़ुशी पर अन्य कांग्रेस नेता भडक गये तो वहीं सोशल मीडिया पर यूजर्स ने भी खूब मजे लिए थे। एक बार फिर से कांग्रेस के नेताओं के बीच का ये टकराव और गंभीर होता जा रहा है या यूं कहें आम आदमी पार्टी की जीत और भाजपा की हार ने कांग्रेस में दो फाड़ कर दिए हैं। अब मिलिंद देवड़ा और अजय के बीच ऐसी ही नोकझोक सोशल मीडिया पर देखने को मिली है।
Sharing a lesser known & welcome fact — the @ArvindKejriwal-led Delhi Government doubled its revenues to ₹60,000 crore & maintained a revenue surplus over the last 5 years.
Food for thought: Delhi is now one of India’s most fiscally prudent governments pic.twitter.com/bBFjbfYhoC
— Milind Deora | मिलिंद देवरा ☮️ (@milinddeora) February 16, 2020
दिल्ली के तीसरी बार मुख्यमंत्री बने अरविंद केजरीवाल की तारीफ करने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मिलिंद देवड़ा को अजय माकन ने फटकार लगाई है। दरअसल, मिलिंद देवड़ा ने कहा था कि केजरीवाल द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने पर महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मिलिंद देवड़ा ने रविवार को ट्वीट कर उनकी तारीफ की। उन्होंने लिखा, ‘एक ऐसी जानकारी साझा करने जा रहा हूं जिससे कम लोग जानते हैं। केजरीवाल सरकार ने पिछले पांच साल में राजस्व को दोगुना किया है और अब ये 60 हजार करोड़ तक पहुंच गया है। दिल्ली अब भारत का आर्थिक रूप से सबसे सक्षम राज्य बन रहा है।’
Brother,you want to leave @INCIndia-Please do-Then propagate half baked facts!
However,let me share even lesser know facts-
1997-98-BE (Revenue) 4,073cr
2013-14-BE (Revenue) 37,459cr
During Congress Govt Grew at 14.87% CAGR2015-16 BE 41,129
2019-20 BE 60,000
AAP Gov 9.90% CAGR— Ajay Maken (@ajaymaken) February 16, 2020
मिलिंद देवड़ा के इस ट्वीट को केजरीवाल ने री-ट्वीट भी किया परन्तु कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री अजय माकन ने इसपर कड़ी आपत्ति जताई। अजय माकन ने कहा,‘भा!, अगर आप कांग्रेस पार्टी छोड़ना चाहते हैं, तो छोड़ सकते हैं। इसके बाद आप आधा-अधूरे तथ्यों का प्रचार करें।‘ इस ट्वीट के साथ अजय माकन ने कुछ तथ्य भी शेयर किये थे।
अजय माकन ने अपने ट्वीट में कांग्रेस पार्टी की दिल्ली में उपलब्धि को लेकर लिखा था कि कांग्रेस सरकार के दौरान 1997-98 से 2013-14 के बीच राजस्व में 14.87% (4 हजार 73 करोड़ से 37 हजार 459 करोड़) की वृद्धि दर्ज की गई थी जबकि 2015-16 से 2019-20 के बीच आप सरकार के दौरान चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) महज 9.90% (41 हजार 129 करोड़ से 60 हजार करोड़) रही।
Brother, I would never undermine Sheila Dikshit’s stellar performance as Delhi CM. That’s your specialty.
But it’s never too late to change!
Instead of advocating an alliance with AAP, if only you had highlighted Sheila ji’s achievements, @INCIndia would’ve been in power today https://t.co/aiZYdizdUL
— Milind Deora | मिलिंद देवरा ☮️ (@milinddeora) February 17, 2020
पर मिलिंद देवड़ा को ये बात पसंद नहीं आई और उन्होंने तुरंत पलटवार करते हुए कहा, ‘भाई! मैं कभी भी शीला दीक्षित जी द्वारा किए गए काम को कमतर नहीं आंका। यह आपकी विशेषज्ञता है लेकिन बदलाव के लिए अभी देर नहीं हुई है। उन्होंने माकन पर तंज कसते हुए कहा कि अगर आपने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की वकालत करने की बजाय शीला दीक्षित जी की उपलब्धियों को उजागर किया होता तो आज कांग्रेस सत्ता में होती’।
इन दोनों के बीच ट्विटर पर छिड़ी इस लड़ाई में कांग्रेस पार्टी के नेताओं के बीच आंतरिक मतभेद एक बार फिर से सामने आ गये हैं। ऐसा हो भी क्यों न 66 में से 63 उम्मीदवारों की दिल्ली विधानसभा चुनाव में जमानत जब्त होने पर पार्टी की हार की समीक्षा की बजाय आम आदमी पार्टी की जीत की खुशियां मना रही है।
इससे पहले पी चिदंबरम ने भी आम आदमी पार्टी की हार पर ख़ुशी जाहिर की थी। पर शशि थरूर और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी और कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने इसपर कड़ी आपत्ति जताई थी।
With due respect sir, just want to know- has @INCIndia outsourced the task of defeating BJP to state parties? If not, then why r we gloating over AAP victory rather than being concerned abt our drubbing? And if ‘yes’, then we (PCCs) might as well close shop! https://t.co/Zw3KJIfsRx
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) February 11, 2020
3 Things Congress should NOT do today:
1. Justify own defeat
2. Find happiness in BJP defeat
3. Tell themselves that in Election wins & losses are cyclicCongratulations to @AamAadmiParty for a well deserved victory & running a focussed campaign.
— Jaiveer Shergill (@JaiveerShergill) February 11, 2020
किसी की जीत पे यूं नाज़ाँ हैं
शिकस्त खा के फतह पाई हो ! #DelhiElectionResults— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) February 12, 2020
बता दें कि इस बार दिल्ली के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने जमकर चुनाव प्रचार नहीं किया। राहुल हो सोनिया गाँधी हो या प्रियंका गांधी या पार्टी के कार्यकर्त्ता किसी में भी वो जोश चुनाव प्रचार के दौरान नहीं देखने को मिला जो अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव में देखने को मिला था। दिल्ली विधानसभा के चुनावों में कांग्रेस को ज़ीरों सीट मिली है जबकि वोट शेयर केवल 4 प्रतिशत ही रहा। वर्ष 2015 में जब आम आदमी पार्टी की जोरदार हवा में भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवार कहीं भी ठहर नहीं पाये थे, तो भी कांग्रेस पार्टी का वोट शेयर 10 प्रतिशत था। ये ऐसे वोटर्स थे, जो कांग्रेस पार्टी कों शुरू से ही वोट देते आए हैं और पार्टी के लॉयल वोटर्स माने जाते हैं। पर इस बार ऐसा लगता है मानो इन चुनावों में तो कांग्रेस के लॉयल वोटर्स ने भी आम आदमी पार्टी को वोट दिया और ऐसा सोची समझी रणनीति के तहत किया गया। दिल्ली की कई सीटों पर आम आदमी पार्टी और भाजपा के उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। सोचिए अगर यह चुनाव त्रिकोणीय होता, तो यहां भाजपा भारी बहुमत से चुनाव जीत सकती थी। लेकिन दिल्ली में भाजपा के विरोध में पड़ने वाला वोट बंटा नहीं और वह सारा मतदान आम आदमी पार्टी के पक्ष में हुआ। जिस तरह इन चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने चुनाव जीतने का कोई जज्बा ही नहीं दिखाया, उससे इस बात की आशंका और ज़्यादा बढ़ जाती है।
अब कांग्रेस की मदद से आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में शानदार जीत तो हासिल कर ली, लेकिन कांग्रेस अब पार्टी दुविधा में हैं कि जीत का जश्न मनाया जाए या नहीं। पी चिदंबरम और मिलिंद देवड़ा जैसे कुछ नेताओं द्वारा खुले तौर पर ख़ुशी जताना दर्शाता है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अघोषित गठबंधन था जिसकी खबर शीर्ष नेताओं को तो थी पर जिनको नहीं थी वो नाराजगी जता रहे हैं। खैर, जो भी हो परन्तु इस चुनाव ने कांग्रेस पार्टी में दो फाड़ कर दिए हैं।