उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार अखिलेश के सामने एक युवक ने जय श्री राम का नारा लगाया जिससे वे बुरी तरह भड़क गए और फिर सारा गुस्सा उन्होंने एक पुलिस अधिकारी पर निकाल दिया।
दरअसल, अखिलेश यादव शनिवार कन्नौज स्थित पार्टी कार्यालय पहुंचे, जहां वे महिला सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान एक युवक पहले रोजगार से जुड़ा कोई सवाल किया। फिर अखिलेश ने उसे मंच पर आने के लिए बुलाया। जैसे ही युवक अखिलेश के मंच पर पहुंचा, जोर-जोर से ”जय श्री राम” का उद्घोष करने लगा। जिसे सुनकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बौखला गए। उन्होंने तमतमाते हुए कहा- ”हम विष्णु भगवान को मानते हैं, कृष्ण भगवान को भी मानते हैं, क्या जरूरी है कि जय श्री राम ही बोलें?”
#WATCH Uttar Pradesh: Samajwadi Party President Akhilesh Yadav scolds a police officer after a man went near the dais and chanted 'Jai Shri Ram' while he was addressing a gathering in Kannauj district today. pic.twitter.com/2XGk9kQHhh
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 15, 2020
देखते ही देखते युवक को सपा के कार्यकर्ताओं ने घेर लिया और बुरी तरह पिटाई कर दी। पुलिस ने किसी तरह उस युवक को भीड़ से बचाया। अखिलेश यादव जय श्री राम के नारे से इतना बौखला गए थे कि पुलिस अधिकारी को भी नहीं बख्शा। उन्होंने पुलिस इंसपेक्टर राजा दिनेश सिंह से सवाल किया कि भाजपा का आदमी यहां कैसे पहुंच गया? आप लोग क्या कर रहे थे? अखिलेश यादव ने ढोंग रचते हुए यह भी कह डाला कि वह युवक उनकी जान भी ले सकता था। वह अपने साथ एक बैग भी लेकर आया था, क्या पता कि उस बैग में कोई हथियार रखा हो। उसका बैग क्यों नहीं चेक किया गया।
अखिलेश यादव इतने पर ही नहीं रूके, अपनी गुंडागर्दी पर उतरते हुए यह तक कह डाला कि जब तक उस लड़के का नाम पता नहीं बता देते तब तक आप यहां से हिलेंगे नहीं। फिर पुलिस ने युवक के बारे में अखिलेश यादव को जानकारी दी तब जाकर अखिलेश ने अपना भाषण खत्म किया और मंच से उतरे।
भाषण खत्म करन के बाद अखिलेश यादव मीडिया के सामने एकदम रोंदू बन गए। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को भेजकर हमारी जनसभा खराब करना चाहती है। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा गलतफहमी में बिल्कुल न रहे, कन्नौज में तो और भी नहीं, याद रखें कि फिर कभी वे यहां कोई कार्यक्रम नहीं कर पाएंगे।
मालूम हो कि नारा लगाने वाले युवक पर योगी सरकार की पुलिस ने शांति भंग की कार्रवाई की है। युवक का पहचान गोविंद शुक्ला के रूप में की गई है। प्रशासन ने कहा कि युवक अभी पढ़ाई कर रहा है, उसे जेल में डालना उचित नहीं होगा। इधर भाजपा ने भी पलटवार करते हुए कहा- ‘प्रभु राम के नाम से ऐसी नफरत तो मुगलकाल के कट्टरपंथी नवाबों को भी ना थी, हे राम!!’
बता दें कि अखिलेश यादव की पार्टी पहले से ही राम विरोधी रही है। नब्बे के दशक में इनके पिता मुलायम सिंह यादव ने कारसेवकों पर गोलियां चलवाई थीं, जिसमें कई कारसेवक शहीद हो गए थे। अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए अखिलेश यादव ने भी जाहिर कर दिया है कि ये वही सपा है जिसे राम के नाम से दिक्कत है।
सेक्युलर गैंग की पार्टियों में सिर्फ सपा को ही नहीं दिक्कत होती है, इससे पहले ममता बनर्जी को भी देखा गया है कि उन्हें भी जय श्री राम के नारों से दिक्कत थी। कुल मिलाकर सपा, बसपा, टीएमसी, कांग्रेस, जैसी पार्टियों को श्री राम के उद्घोष से तकलीफ होती है। मंच से खड़े होकर पुलिस, सरकार और युवक को धमकी दे रहे हैं। इन पर एक ही कहावत फिट बैठती है- ”रस्सी टूट जाए पर ऐंठन न जाए” यानि सरकार से बाहर हैं पर अकड़ नहीं गई है जनाब की।