Boycott ANI के नाम से हैशटैग आज दिनभर ट्विटर पर ट्रेंड करता रहा। इसका कारण था एक वीडियो जिसमें ANI का एक रिपोर्टर योगी आदित्यनाथ के पैर छूते दिखाई दे रहा है। इस वीडियो के सामने आते ही कुछ लोगों को ऐसी मिर्ची लगी कि उन्होंने ANI के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया। इसमें नेता से लेकर वामपंथी गुट के पत्रकार सब शामिल थे। ऐसी ही एक नेता थीं समाजवादी पार्टी से जुड़ी जुही सिंह। जुही सिंह ने न्यूज़लॉन्ड्री नामक एक वामपंथी न्यूज़ पोर्टल की खबर को ट्वीट करते हुए लिखा “ये क्या हो रहा है, ANI का रिपोर्टर योगी आदित्यनाथ के पैर छू रहा है, ANI का बहिष्कार करो”।
#Boycott_ANI What’s going on! Video surfaces of ANI reporter touching Yogi Adityanath’s feet https://t.co/6xPrRmhyqZ
— Smt Juhie Singh (@juhiesingh) February 16, 2020
जुही सिंह ने उस खबर को ट्वीट कर दिया, लेकिन इस बात की उम्मीद तो उन्हें भी नहीं होगी कि ANI की एडिटर स्मिता प्रकाश उन्हें इसको लेकर सोशल मीडिया पर ही ट्रोल कर देंगी। स्मिता प्रकाश ने इस ट्वीट का रिप्लाई करते हुए लिखा “यह जाकर अपने बॉस से कहो”। पाँच शब्दों के इस जवाब से जुही सिंह की बोलती बंद हो गयी। बॉस से यहां स्मिता प्रकाश का मतलब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से था।
ANI को उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश की विस्तृत ground रिपोर्टिंग के लिए जाना जाता है, और इसके साथ ही पीएम मोदी जैसे बड़े नेता से लेकर अखिलेश यादव जैसे क्षेत्रीय नेताओं तक, सब ANI को ही इंटरव्यू देना पसंद करते हैं, क्योंकि उसके बाद वह इंटरव्यू फिर सभी चैनलों तक पहुंचा दिया जाता है। कुल मिलाकर ANI को दिये गए बयान या इंटरव्यू अधिक लोगों तक पहुंच पाते हैं, ऐसे में ANI का भला कौन बॉयकॉट करना चाहेगा, वो भी अखिलेश यादव जैसे नेता तो बिलकुल नहीं।
हर किसी व्यक्ति को अपनी official life जीने के साथ-साथ अपनी निजी ज़िंदगी जीने का भी अधिकार है। अगर वह पेशे से पत्रकार है, तो इसका मतलब ये नहीं कि वह अपनी धर्मनिरपेक्षता को साबित करने के लिए मंदिर या मस्जिद जाना छोड़ दे, या फिर अपने धर्म का पालन करना छोड़ दे। अगर किसी व्यक्ति ने, जो कि ANI का पत्रकार भी है, किसी व्यक्ति के पैर छूएं हैं तो वह उसका निजी फैसला है और इस पर किसी तीसरे व्यक्ति द्वारा टिप्पणी करना उचित नहीं है।
सपा नेता को स्मिता प्रकाश के जवाब के बाद लोगों ने भी सपा नेता के खूब मजे लिए, और स्मिता प्रकाश की तारीफ की। एक यूजर ने लिखा “स्मिता मैडम कोई कोई फर्क नहीं पड़ता boycott ANI बोलने से। वह एक सन्यासी के पैर छू रहा है। इसलिए इसपर राजनीति नहीं करनी चाहिए”।
@smitaprakash madam ko ghanta fark nahi padta boycott #ANI bolne se. @juhiesingh he is taking blessings from an monk. So don't try to politize it. #dumbjuhiesingh
— sms 🇮🇳 (@shivsarda36) February 16, 2020
इसी तरह एक अन्य यूजर ने सपा नेता से सवाल पूछते हुए लिखा- “वो योगी हैं, हिन्दू धर्म में उनके पैर छूए जाते हैं, इसमें इतनी बड़ी बात क्या है मैडम”?
he is yogi…and in Hinduism..we have to take blessings from him ..what is issue in this madam…..
— देशभक्त (@Deshbhakt_27) February 16, 2020
स्मिता प्रकाश ने अपने इस ट्वीट से ऐसे लोगों पर निशाना साधा है, जो ANI के माध्यम से ही लोगों तक पहुंच पाते हैं, और फिर अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए मौका मिलते ही ANI को ही लपेटे में ले लेते हैं। स्मिता प्रकाश ने जिस तरह सपा नेता के पाखंड को एक्सपोज किया है, उसके लिए उनकी तारीफ की जानी चाहिए।