दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को राजद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे जेएनयू के विवादित छात्र शरजील इमाम की न्यायिक हिरासत को बढ़ा दिया। इमाम की छह दिनों की न्यायिक हिरासत बुधवार को समाप्त हुई थी। उसे बिहार के जहानाबाद जिले के काको से 28 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। इमाम को कथित तौर पर प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने व राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
इसके बाद उसे पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था। इसके बाद हिरासत को तीन दिन और बढ़ा दिया गया। 6 फरवरी को उसे छह दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया और उसे रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। अपराध शाखा ने 26 जनवरी को उसके खिलाफ एक राजद्रोह का मामला दर्ज किया।
बता दें कि पिछले दिनों शर्जील इमाम ने शाहीन बाग में भड़काऊ भाषण देते हुए कहा था कि बाकी भारत को नॉर्थ ईस्ट से जोड़ने वाली चिकन नेक मुस्लिम बहुल इलाका है और अगर सभी मुस्लिम इकट्ठा हो जाएँ तो वे नॉर्थ ईस्ट को भारत से अलग कर सकते हैं।
इमाम ने कहा था “क्या आप जानते हैं कि असम के मुसलमानों के साथ क्या हो रहा है? एनआरसी पहले से ही वहां लागू है, उन्हें हिरासत में रखा गया है। आगे चलकर हमें यह भी पता चल सकता है कि 6- 8 महीने में सभी बंगालियों को मार दिया गया। हिंदू हो या मुस्लिम। अगर हम असम की मदद करना चाहते हैं, तो हमें भारतीय सेना और अन्य आपूर्ति के लिए असम का रास्ता रोकना होगा”।
शर्जील इमाम जैसे कट्टरपंथी और इस्लामिस्ट लोगों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई करने की जरूरत है। आजकल सरकार के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में हिन्दू विरोध और भारत विरोध करना सामान्य सी बात हो गयी है। CAA के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों में मुस्लिमों को बढ़काया जा रहा है, और कट्टरपंथ फैलाया जा रहा है।
भड़काऊ बयान देने के बाद पिछले दिनों ही इमाम को बिहार से पकड़ा गया था, और पूछताछ में उसने यह कबूल किया है कि वह भारत में इस्लामिक राज्य स्थापित करना चाहता है। अब असम पुलिस के साथ पूछताछ में शर्जील इमाम को लेकर और कई खुलासे होने की उम्मीद है। कोर्ट ने न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है, ऐसे में पुलिस अपने तरीके से पूछताछ करेगी और जल्द ही आोरपी गुनाह कबूल कर सलाखों के पिछे होगा।