समुद्री रास्तों के जरिए भारत की सीमाओं में घुसपैठ करने की कोशिश करने वाले चीन को भारतीय नेवी ने एक अच्छा सबक सिखाया है। दरअसल, 3 फरवरी को गुजरात के कांडला बन्दरगाह पर भारतीय कस्टम अधिकारियों ने पाकिस्तान के कराची की ओर जा रहे एक ऐसे vessel को दबोचा जिस पर हॉन्ग-कॉन्ग का झण्डा लगा हुआ था।
इस जहाज के बारे में पहले ही भारतीय खूफिया एजेंसियों ने भारतीय कस्टम अधिकारियों को सूचित कर दिया था, जिसके बाद कांडला पोर्ट के आस-पास मुस्तैदी बरती जा रही थी। जब अधिकारियों ने इस जहाज को पकड़ा तो इसमें रक्षा उपकरणों से जुड़ा सामान रखा हुआ मिला, जबकि इस जहाज पर सवार लोगों का दावा था कि उनके जहाज में इंडस्ट्रियल ड्रायर रखा हुआ है। हालांकि, उनका यह झूठ जल्द ही एस्कपोज हो गया। अब DRDO उस समुद्री जहाज की जांच कर रहा है।
इस जहाज के बारे में यह जानकारी भी हाथ लगी है कि वह चीन की यांग्त्जे नदी पर मौजूद जियांग्यिन पोर्ट से चला था, और उसे पाकिस्तान के कराची पोर्ट पहुंचना था। इस vessel के चीन और पाकिस्तान से सीधा लिंक होने के कारण इस पर संदिग्ध होने का संदेह और बढ़ गया है, लेकिन पूरा मामला तो DRDO द्वारा की जा रही जांच के खत्म होने के बाद ही सामने आ सकेगा।
बता दें कि पिछले कुछ समय से चीन लगातार भारत की समुद्री सीमाओं में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा है, और कई बार चीनी नौसेना को भारत द्वारा चेतावनी दी जा चुकी है। उदाहरण के तौर पर पिछले वर्ष दिसंबर में भारतीय नौसेना ने अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के पास एक चीनी जहाज को शोध कार्य करते हुए पकड़ा था और उसे वापस लौटने पर मजबूर किया था। तब भारत ने चीनी नौसेना को साफ तौर पर चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर उसे हिन्द महासागर में ऐसी किसी भी गतिविधि को अंजाम देना है, तो हमसे इजाजत लिए बिना वह ऐसा नहीं कर सकता।
इसके अलावा इसी वर्ष चीन और पाकिस्तान ने अरेबियन सी में मिलकर “sea guardian” संयुक्त युद्धाभ्यास को भी अंजाम दिया था। चीन और पाक की संयुक्त समुद्री चुनौती से निपटने के लिए भारत ने तब अपने सबसे बड़े विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य को अरब सागर में उतारा था। आईएनएस विक्रमादित्य को तैनात करके भारत ने संकेत दिया था कि वह किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए हमेशा तैयार है।
चीन अभी भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया द्वारा तैयार इंडो-पेसिफिक रणनीति का मुक़ाबला करने का भरपूर प्रयास कर रहा है। इसी प्रयास के तहत वह एक तरफ इंडोनेशिया जैसे दक्षिण एशियाई देशों पर धाक जमा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ हिन्द महासागर में भी वह शरारतें करने से बाज़ नहीं आ रहा है।
हालांकि, अभी तक भारतीय नेवी ने हिन्द महासागर में चीन की एक भी नहीं चलने नहीं दी है। वहीं, कोरोना वायरस की वजह से पहले ही चीन का सुरक्षा तंत्र अव्यवस्थित हो चुका है। अब इस चीनी vessel को काबू में कर भारत ने चीन के साथ पाकिस्तान को भी यह कड़ा संदेश दे दिया है कि हिन्द महासागर में उसकी कोई चाल नहीं चलने वाली है।