वुहान में कोरोना से ठीक हुए 10% मरीज़ फिर पड़े बीमार, ऐसे वुहान खोलोगे तो दूसरी बार तबाही आ जाएगी चीन

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चीन के जिस वुहान शहर से कोरोना वायरस की बीमारी पूरी दुनिया में फैलना शुरू हुई, अब वो शहर दोबारा सामान्य जीवन की ओर बढ़ता जा रहा है। चीनी मीडिया के मुताबिक अब वुहान से कोरोना के नए मामले आना बंद हो गए हैं, और शहर को दोबारा ओपन किया जा सकता है। हालांकि, अब कुछ मीडिया रिपोर्टस ऐसी भी आ रही हैं जिसमें दावा किया गया है कि वुहान में कोरोना से ठीक हुए लगभग 10 प्रतिशत मरीजों में दोबारा इस बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं और वुहान से अभी भी कोरोना पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।

 

ऐसे में अगर चीनी सरकार वुहान को दोबारा खोलने के कदम उठाती है तो इससे चीन में कोरोना की तबाही दूसरी बार दस्तक दे सकती है। ऐसे में चीन को अपने आर्थिक फायदे के लिए जल्दबाज़ी में वुहान को दोबारा खोलने का रिस्क उठाना नहीं चाहिए।

बता दें कि चीन के सरकारी आंकड़ों के अनुसार चीन में कोविड बीमारी से ग्रसित 90 प्रतिशत मरीजों को ठीक कर हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया है और अभी भी लगभग 4300 मरीजों का उपचार किया जा रहा है। जो 90 प्रतिशत मरीज ठीक किए गए हैं, उनमें से अब 10 प्रतिशत मरीजों में दोबारा कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अभी इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि किसी रिकवर कर चुके मरीज से भी यह वायरस आगे फैल सकता है या नहीं। हालांकि, इन आकड़ों से इतना साफ है कि वुहान अभी कोरोना-रहित नहीं हुआ है और इसे दोबारा ओपन करके चीन मानवता के सामने एक बड़ी चुनौती पेश कर रहा होगा।

वुहान शहर चीन के बड़े आर्थिक केन्द्रों में से एक है। इस शहर में लगभग 1 करोड़ 10 लाख लोग रहते हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के वुहान शहर के लॉकडाउन होने की वजह से चीन को इस साल अपनी GDP ग्रोथ का एक प्रतिशत हिस्सा खोना पड़ सकता है, और वह अब अनुमानित 5.9 प्रतिशत की दर की बजाय सिर्फ 4.9 प्रतिशत की दर से विकास करेगी।  वर्ष 2019 में वुहान की GDP विकास दर 7.8 प्रतिशत थी, जो कि राष्ट्रीय औसत से 1.7 प्रतिशत ज़्यादा थी। दुनिया की टॉप 500 कंपनियों में से 300 से ज़्यादा कंपनियां आज वुहान में मौजूद हैं। यहाँ ऑटो इंडस्ट्री में बहुत तेज विकास के कारण इस शहर को “मोटर सिटी” भी कहा जाता है।

ये सब आंकड़े दिखाते हैं कि वुहान चीन की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ज़रूरी है और इसीलिए चीन इस शहर को जल्द से जल्द ओपन करना चाहता है। यह शहर जनवरी से ही लॉकडाउन में है और इस प्रकार इसे बंद हुए 3 महीने से भी ज़्यादा का समय हो गया है। लेकिन चीन अपने आर्थिक हितों के लिए अब दोबारा पूरी मानवता को खतरे में डालने में लगा है।

इससे पहले खबर आई थी कि वुहान शहर में लोगों का अब कोरोना के लिए टेस्ट ही नहीं किया जा रहा है। हॉन्ग कॉन्ग की मीडिया ने रिपोर्ट किया था कि वुहान के लोगों के मुताबिक चीन अभी मरीजों का मेडिकल नहीं बल्कि पोलिटिकल ट्रीटमेंट कर रहा है। वुहान को ओपन करना और वहां सब कुछ सामान्य दिखाना चीन की राजनीतिक मजबूरी बन गया है।

बार-बार सामने आ रही ऐसी रिपोर्ट्स से चीन पर शक होता है कि कहीं वह दोबारा इस बीमारी को लेकर दुनिया में कोई भ्रम तो नहीं फैला रहा है। चीन इस बीमारी के फैलाव से संबन्धित कई झूठ तो पहले ही दुनिया के सामने परोस चुका है। उदाहरण के लिए शुरू में चीन ने कहा था कि यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है, बाद में यह झूठा साबित हुआ। इसी प्रकार यह हो सकता है कि अपने आर्थिक हितों के लिए चीन ने दोबारा दुनिया से झूठ बोलना शुरू कर दिया हो, और इसके कारण अब चीन में दूसरी बार वुहान वायरस फैलने का खतरा बढ़ गया है।

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