जब बात बिहार की राजनीति की हो और लालू यादव का नाम न आए, ऐसा कैसे हो सकता है? और लालू यादव का नाम आए और कुछ मसालेदार खबर न हो ऐसा कैसे हो सकता है? इस बार तो कुछ ऐसा हुआ कि आप भी अपनी हंसी को नहीं रोक पाएंगे। लालू यादव की पार्टी RJD ने गुरुवार को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की और इस घोषणा में एक नाम ने सभी को चौंका दिया। इसमें जहां राबड़ी देवी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाने की जानकारी दी गई वहीं, प्रोफेसर कुमकुम राय को राष्ट्रीय प्रधान महासचिव बना दिया।
राजद के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एस. एम. कमर आलम ने गुरुवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मीडिया को कुमकुम राय के मनोनयन के बारे में जानकारी दी।
प्रोफेसर कुमकुम राय का नाम देखकर सभी चौंक गए क्योंकि कुमकुम राय नितीश कुमार की पार्टी JDU की नेता हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की लिस्ट लालू यादव के सामने से हो कर गुजरी थी यानि लालू भी अपनी पार्टी के नताओं को नहीं पहचान पाये और राष्ट्रीय कार्यकारिणी में JDU की कुमकुम को राष्ट्रीय प्रधान सचिव बना दिया।
हालांकि, बाद में इस मामले में आरजेडी ने सफाई देते हुए इसे टाइपिंग की गड़बड़ी बताया। आरजेडी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एसएम कमर आलम ने शुक्रवार को कहा है कि गुरुवार को जारी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची में टाइपिंग की गड़बड़ी के कारण कुमकुम राय का नाम दर्ज हो गया था। उन्होंने कहा कि उस भूल का सुधार करते हुए सूची से कुमकुम राय का नाम हटा दिया गया है और विधानसभा सदस्य यदुवंश कुमार को पार्टी का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है।
किसी राष्ट्रीय पार्टी में इतनी बड़ी चूक के बाद सवाल उठना लाजमी है। सवाल यह कि क्या लालू प्रसाद यादव जैसे राजनीतिज्ञ इतनी बड़ी गलती कर सकते हैं? हालांकि, RJD कार्यकारिणी के सदस्यों में अपना नाम देख, कुमकुम राय ने दावे को दरकिनार करते हुए खुद को JDU के साथ बता कर स्थिति स्पष्ट की। कुमकुम ने 19 अगस्त को आरजेडी छोड़कर जेडीयू की सदस्यता ग्रहण की थी। RJD ने यह दावा किया था कि लालू प्रसाद यादव से अनुमति के बाद ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की गई है। इससे लालू यादव की पार्टी पर कई सवाल उठने लगे। कई ने तो लालू की कार्यकारिणी में जालसाजी का आरोप भी लगा दिया। आखिर जिस कुमकुम ने सात महीने पहले पाला बदलकर राजद को अलविदा कह दिया था उन्हें किस आधार पर राजद की शीर्ष टीम में पदाधिकारी बना दिया गया ? यहां तक कि सूचना देने पर भी भूल सुधार की कोशिश नहीं की गई। उल्टे दावा किया गया कि कुमकुम का राजद के साथ पुराना रिश्ता है।
इस मामले को लेकर जेडीयू विधान पार्षद और मंत्री नीरज कुमार ने आरजेडी पर जमकर निशाना साधा है। नीरज कुमार ने कहा कि वैसे तो आरजेडी को अपने जंगलराज को लेकर जाना ही जाता है, अब वह राजनीतिक संगठन में जंगलराज कायम करने पर उतर आए हैं।
बता दें कि भारत की राजनीति में लालू अपने अनोखे अंदाज के लिए जाने जाते हैं लेकिन यह अंदाज इतना अनोखा हो जाएगा यह किसी को उम्मीद नहीं थी। किसी बड़े नेता का पार्टी छोड़ कर दूसरी पार्टी में शामिल होना और शीर्ष नेताओं को उसकी जानकारी न होना, RJD के अंदर चल रहे कलह की ओर ही इशारा करता है।