चीन के वुहान शहर में उत्पन्न वुहान वायरस अब धरती के 169 देशों में तेजी से फैल चुका है। ये साढ़े तीन लाख से ज़्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है और 15000 से ज़्यादा लोगों की जान भी के चुका है। इटली जैसे देशों में तो हालात बहुत ही ज़्यादा खराब है, क्योंकि वहां पर 55000 से ज़्यादा मामले पाए गए हैं, और मृत्यु दर के मामले में ये चीन को भी आधिकारिक रूप से पीछे छोड़ चुका है।
एक महीने पहले वुहान वायरस के तीसरे फेस से इटली को जो नुकसान हुआ है, उसका कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता। पर ऐसे संकट के समय भी कोई है, जो इटली जैसे देशों को इस संकट से उबरने में सहायता कर रहा है। यह अपना देश भारत है, जो इस संकट की घड़ी में भी दूसरे देशों की सहायता कर रहा है।
पीएम मोदी ने राहत सामग्री से लैस एक विशेष एयर इंडिया फ्लाइट्स भेजी है। इस पर इटली के विदेश मंत्रालय ने आभार प्रकट करते हुए एक विज्ञप्ति जारी की है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि वे भारत के मित्रता के आभारी हैं।
इटली ने हालांकि अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर से भी सहायता की अपील की थी, परन्तु उन्हें निराशा ही हाथ लगी। भारत ने इसके अलावा भूटान, मालदीव, यहां तक कि चीन को भी असंख्य मास्क, ग्लव्स, मेडिकल इक्विपमेंट इत्यादि भेजे थे। वुहान वायरस से निपटने हेतु सार्क वीडियो कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने आवश्यक सहायता देने की भी बात कीI
India has received request for help from countries 4 countries– Bhutan, Maldives, Italy, Iran over #CoronavirusOutbreak. MEA says they are "processing the request" and "package" is being put in place.
— Sidhant Sibal (@sidhant) March 12, 2020
इसके अलावा भारत ने इज़रायल और ईरान की सहायता भी की। वहीं दूसरी ओर चीन इस मुसीबत से पल्ला झाड़ने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। अपने देश में केसों पर लगाम लगाने के बाद अब चीन वुहान वायरस से ग्रस्त देशों को सहायता के नाम पर अपने पाले में करना चाहता है।
चाहे फिलीपींस और पाकिस्तान को सर्जिकल मास्क और टेस्ट किट देने हो, श्रीलंका को पांच सौ मिलियन डॉलर का अतिरिक्त कर्ज देना हो, चीन ने अपने स्याह पहलू को छुपाने का तनिक भी प्रयास नहीं किया है। आखिर चीन को अपने देश में उत्पन्न इस महामारी के वास्तविक कारण भी छुपाने हैं।
जब ये मामला ठंडा पड़े, तो विश्व को बिना किसी हिचकिचाहट के चीन को इस महामारी को दुनिया में फैलाने के लिए आड़े हाथों लेना चाहिए। वहीं दूसरी ओर अपने वात्सल्य से भारत ने विश्व को अपनी परमार्थ का परिचय दिया है। भारत की संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम् के रास्ते पर चलती है और पूरे विश्व को अपना परिवार मानती है इसीलिए यह सभ्यता सनातन है और अविरल चलती आ रही है।