बीते गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी लोगों को 22 मार्च यानि आज के दिन घरों में रहकर जनता कर्फ़्यू का पालन करने की अपील की थी। इसमें लोगों से अपील की गई कि वह सुबह 7:00 बजे से रात 9:00 बजे तक अपने घरों में रहें और आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को छोड़कर कोई भी बाहर ना निकले। पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन में लोगों से विनती की थी कि वे यात्राओं से परहेज करें, सार्वजनिक स्थलों पर ना जाएं और भीड़भाड़ से दूर रहें। कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में दुनियाभर के राष्ट्राध्यक्ष अपने लोगों से ऐसी ही अपीलें कर रहे हैं।
पिछले दिनों ही ऑस्ट्रेलिया के PM स्कॉट मॉरिसन ने भी अपने यहां लोगों से भीड़ में जुटने से मना किया था, और उन्हें social distancing अपनाने को कहा था। हालांकि, अपने-अपने प्रधानमंत्रियों की बात को मानने में भारत और ऑस्ट्रेलिया के लोगों में ज़मीन आसमान का अंतर नज़र आ रहा है।
भारत में आज जनता कर्फ़्यू के दिन सभी छोटे और बड़े शहरों में सन्नाटा छाया हुआ है। पीएम की अपील के बाद लोगों ने खुद से ही आज घरों से बाहर नहीं निकालने का फैसला लिया। देश की राजधानी दिल्ली हो या पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी, हर जगह सड़कों पर सन्नाटा दिखाई दे रहा है। लोगों को यह समझ आता दिखाई दे रहा है कि घरों से बाहर निकलकर वे न सिर्फ अपनी बल्कि अपने प्रियजनों की जान भी खतरें में डाल रहे होंगे। इसलिए अब लोग घरों में रहकर कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में बाकी देशवासियों के साथ एकजुटता दिखा रहे हैं।
#WATCH Delhi: Empty streets and closed shops in Connaught Place area, as self-imposed #JanataCurfew is being observed in the country to fight #Coronavirus pic.twitter.com/soa8yjIv9o
— ANI (@ANI) March 22, 2020
Delhi: A flock of pigeons gather in Connaught Place area, as people restrict their movement in the national capital amid #JantaCurfew today announced by Prime Minister Narendra Modi. pic.twitter.com/axyxt8fUxX
— ANI (@ANI) March 22, 2020
हालांकि, भारतीयों से कहीं ज़्यादा पढ़े-लिखे और सभ्य माने जाने वाले ऑस्ट्रेलिया के लोग खुलेआम अपने प्रधानमंत्री की बात का मज़ाक उड़ाते और हजारों की संख्या में भीड़ में इकट्ठे होते दिखाई दे रहे हैं। 18 मार्च को ऑस्ट्रेलिया के PM ने लोगों से अपील की थी कि वे अपने घरों से बाहर 500 लोगों से ज़्यादा की भीड़ में ना जुटे और अपने घरों के अंदर भी 100 लोगों से ज़्यादा लोगों को इकट्ठा ना होने दें। इसी के साथ PM ने सभी लोगों से आपस में लगभग डेढ़ मीटर की दूरी बनाने का अनुरोध किया था। यहां आप देख सकते हैं कि कैसे PM स्कॉट मॉरिसन ने लोगों से कड़े शब्दों में अपनी बात कही थी।
“It has been one of the most disappointing things I have seen in Australian behavior in response to this crisis.”
Australia’s PM Scott Morrison urges people to stop hoarding during the #CoronavirusOutbreak #CoronavirusAus #COVID19au pic.twitter.com/lX5sQQ4IkW
— Bloomberg Originals (@bbgoriginals) March 18, 2020
हालांकि, बीते शुक्रवार यानि 20 मार्च को ऑस्ट्रेलिया के लोग ऑस्ट्रेलिया के सबसे मशहूर बीच ‘बोंडी बीच’ पर हजारों की संख्या में इकट्ठा हुए दिखाई दिये। इससे सिर्फ दो दिन पहले ही पीएम स्कॉट ने लोगों से ऐसा ना करने की अपील की थी।
I can’t not say anything. As a #GP working in #Bondi and living in this area with my children, I am appalled at the lack of disregard by many for how serious this all this. #Bondi this is NOT #SocialDistancing. You are contributing to the spread of #covid 😡 pic.twitter.com/jCtXV6gght
— Amandeep (@Dochansra) March 20, 2020
लोगों को मना करने के बावजूद उनके इस तरह इकट्ठा होने से ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट का पारा चढ़ गया। उन्होंने रिपोर्टर्स से बातचीत में कहा “जो हुआ वह अस्वीकार्य है। local काउंसिल को यह नहीं होने देना चाहिए था। ये सब लोग दूसरों की ज़िंदगी भी खतरे में डाल रहे हैं”।
इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के और भी कई लोगों ने ऑस्ट्रेलिया के लोगों की लापरवाही पर ट्वीट किए। ऐसे ही एक यूजर ने ट्वीट किया-
“इन लोगों को देखकर ऐसा लगता है कि इन्हें किसी महामारी की कोई फिक्र ही नहीं है। ऐसा लगता है मानो ये लोग ऐसी दुनिया में जीते आए हैं जहां अपने सिवा किसी दूसरे की चिंता करने की सोचा ही नहीं जाता”।
I guess this shows that some people either are unable to process the seriousness of this pandemic, or have simply grown up in a world where it’s ‘ok’ not to care about others. #bondi pic.twitter.com/QAJAVT06C5
— Benjamin Northey (@BenNorthey) March 20, 2020
ऑस्ट्रेलिया में अभी तक कोरोना के 700 से भी ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जबकि उस देश की आबादी भारत के हरियाणा राज्य जितनी ही है। भारत के मुक़ाबले इतनी कम जनसंख्या होने के बावजूद वहां कोरोना के मामले भारत से दोगुने हैं। यह दिखाता है कि अगर भारत के लोगों के पास पीएम मोदी जैसा मजबूत नेता हो, तो वे नियमों का पालन करने और समाज की सुरक्षा के लिए एकजुट होने में सबसे आगे रहते हैं।
दुनियाभर की मीडिया द्वारा ऐसा माहौल बनाया गया है मानो भारत के लोग ही दुनिया में सबसे ज़्यादा गैर-जिम्मेदार और असभ्य हैं। यहां तक कि इस एजेंडे का शिकार होकर कुछ भारतीयों में भी inferiority की भावना जग चुकी है, हालांकि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पश्चिमी देशों का यह भ्रम जाल अब पूरी तरह टूट चुका है।