JNU से लेकर जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी तक, हर जगह बच्चों की मानसिकता को गलत ढंग से प्रभावित करने में शिक्षकों की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। हालांकि, अगर ऐसे शिक्षकों से पढ़ने वाले छात्र अपने धर्म के प्रति जागरूक हों और इनके एजेंडे को भली-भांति समझते हों, तो कई बार ऐसे शिक्षकों को धूल चटाने में भी ये छात्र पीछे नहीं हटते। ऐसा ही एक उदाहरण हमें असम के सिल्चर में देखने को मिला। सिल्चर के गुरुचरण कॉलेज का एक शिक्षक सोशल मीडिया पर ना सिर्फ PM मोदी को लोगों का हत्यारा बता रहा था, बल्कि वह सनातन धर्म के विरुद्ध भी फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट डाल रहा था। फिर क्या था, बच्चों ने उस शिक्षक के खिलाफ पुलिस और कॉलेज प्रशासन से शिकायत की और जल्द ही उसे पुलिस द्वारा अरेस्ट करवा दिया गया।
सौरादीप सेनगुप्ता ने असल में दिल्ली हिंसा को लेकर फेसबुक पर पोस्ट लिखी थी, जिसमें उसने हिंसा के लिए सीधे तौर पर हिंदुओं को दोषी ठहराया था। इसके साथ ही उसने पीएम मोदी के लिए mass murderer शब्द का प्रयोग किया था। सेनगुप्ता ने आरोप लगाया था कि पीएम मोदी वर्ष 2002 में हुए गुजरात दंगों की तरह ही दिल्ली में दंगे करवाकर मुसलमानों को मरवाना चाहते हैं।
अपनी एक पोस्ट में उस टीचर ने लिखा था “वे सभी आतंकवादी जय श्री राम चिल्ला रहे थे। सनातम धर्म my foot!, हमनें एक mass murderer को दो बार चुन लिया, मोदी को वोट देने वालों ने चंद रुपयों के लिए देश बेच दिया है”।
इस टीचर की ऐसी पोस्ट्स देखकर गुरुचरण कॉलेज के छात्र भड़क गए और छात्रों ने उस शिक्षक पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाकर पुलिस और कॉलेज प्रशासन से चिट्ठी लिखकर उसकी शिकायत कर दी। अपने पत्र में छात्रों ने लिखा “हमारे कॉलेज का यह guest teacher बच्चों को गलत ढंग से प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है और अगर उसे अभी उसके पद से नहीं हटाया गया तो वह भविष्य में ऐसे ही करता रहेगा। हमारा कॉलेज एक प्रतिष्ठित संस्थान है और यहां इस सब की आज्ञा नहीं दी जानी चाहिए”।
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छात्रों के भारी विरोध के बाद सेनगुप्ता ने माफी मांगते हुए सोशल मीडिया पर एक अन्य पोस्ट में लिखा “मैंने एक संवेदनशील मुद्दे पर बिना सोचे-समझे टिप्पणी कर दी, मेरा इरादा किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का नहीं था। मैं स्थिति को सही ढंग से नहीं समझ पाया”। हालांकि, उसका यह माफीनामा उसे पुलिस कार्रवाई से बचा नहीं पाया और बीते शुक्रवार की रात को उसे पुलिस द्वारा अरेस्ट कर लिया गया।
कचार पुलिस के एसपी मनबेंद्र देव राय के मुताबिक, “टीचर को फेसबुक पर असमाजिक कमेंट करने के लिए गिरफ्तार किया गया है। इससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ने के आसार थे।” पुलिस ने उन पर आईपीसी की धारा 295(ए), 153(ए), 507 और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत एफआईआर दर्ज की। इससे पहले सौरदीप पर भड़के छात्रों ने उसके घर का घेराव भी किया था और लगभग 40 छात्रों की भीड़ ने उससे माफी मांगने को कहा था।
असम में हुई इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि JNU और जामिया जैसी यूनिवर्सिटी के छात्र ही देश के सभी छात्रों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं, और देश के बाकी जगहों के छात्र देशविरोधी एजेंडे को बखूबी जानते हैं। इन छात्रों को जैसे ही सेनगुप्ता ने देशविरोधी मानसिकता परोसने की कोशिश की, ठीक वैसे ही इन जागरूक छात्रों ने इस शिक्षक को सबक सिखा डाला।
दिल्ली से लगभग 2200 किमी दूर पढ़ाई करते इन छात्रों से सरकारी पैसे पर पढ़ाई करने वाले JNU के मुफ्तखोर छात्रों को कुछ सीख लेनी चाहिए और एजेंडावादी मानसिकता से परे तथ्यों को ध्यान में रखकर अपने विचार देश के सामने रखने चाहिए।