कोरोना वायरस ने देश में सभी का जीवन अस्त-व्यस्त कर रखा है। यहाँ तक कि ED द्वारा की जाने वाली पूछताछ भी इससे अछूती नहीं रही है। कई मामलों से जुड़े आरोपी किसी भी तरह के पूछताछ से बच रहे हैं। हाल ही में यस बैंक से जुड़े मामलों में ED ने कई इंडस्ट्रियलिस्ट को पूछताछ के लिए समन भेजा था लेकिन अभी तक तीन लोगों ने कोरोना का कारण देते हुए पूछताछ के लिए हाजिर होने में असमर्थता जता चुके हैं।
Business Today की रिपोर्ट के अनुसार DHFL के दो प्रमोटर कपिल वधावन और धीरज वधावन ने ED को चिट्ठी लिख कर बताया कि कोरोना की वजह से स्वास्थ्य को खतरे को देखते हुए वो पूछताछ के लिए नहीं आ सकते। इसी तरह अब इंडिया बुल्स के समीर गहलोत ने भी जांच एजेंसी को अपने लंदन में होने की जानकारी दी है। गहलोत ने ये भी कहा है कि कोरोना को लेकर जिस तरह के हालात हैं, उसमें यात्रा करना सुरक्षित नहीं है।
बता दें कि कपिल और धीरज दोनों को पहली बार ईडी ने 10 मार्च को समन जारी किया था। उन्हें 13 मार्च को एजेंसी के सामने पेश होना था। लेकिन उनके नहीं आने के बाद, 13 मार्च को नया सम्मन जारी किया गया। इसके बाद 16 मार्च को सम्मन का दूसरा दौर जारी किया गया।
निदेशालय के अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि वाधवान बंधुओं को उसके दक्षिण मुंबई स्थित कार्यालय में मंगलवार को पेश होने के लिए कहा गया था। 10 मार्च को भेजे गए पहले समन के बाद वाधवान बंधु तीसरी बार समन पर हाजिर नहीं हुए। वाधवान बंधुओं ने बैंक के साथ अपने लेनदेन में किसी भी तरह की गड़बड़ी होने से इंकार किया है। कपिल वाधवान ने ईडी को भेजे जवाब में कहा है, ‘‘मैं स्वास्थ्य परेशानियों से गुजर रहा हूं और मैंने अपने पिछले पत्रों में भी इसकी जानकारी दी है। साथ ही अपने चिकित्सकों का प्रमाणपत्र भी आपको (ईडी) सौंपा है। कोरोना वायरस महामारी और मेरी उम्र के चलते मेरी पहले से खराब सेहत को अधिक जोखिम है। इसलिए मेरे लिए मुंबई की यात्रा करना मुश्किल है।’’
सूत्रों का कहना है कि अगर संदिग्धों ने समन की अनदेखी करना जारी रखा तो एजेंसी कोर्ट में जाकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील करेगी।
ईडी, यस बैंक संकट में डीएचएफएल की भूमिका और बैंक के साथ 3700 करोड़ रुपये से अधिक के लेन-देन की जांच कर रहा है। जांच एजेंसियों ने आरोप लगाया है कि डीएचएफएल ने पैसे के लिए यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के परिवार की फर्मों को 600 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
यही नहीं बंद हो चुकी जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल भी 18 मार्च को ED के सामने पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए थे। उन्होंने अपने नहीं पेश होने का कारण कुछ अलग दिया और बताया कि उनका एक रिश्तेदार अस्पताल में भर्ती है और कैंसर की आखिरी स्टेज में है। हालांकि, गोयल ने ED से कहा कि अगर वो चाहे तो उनका बयान अस्पताल से ही रिकॉर्ड कर सकते हैं लेकिन ED ने मना कर दिया था। वहीं एक और इंडस्ट्रियलिस्ट और एस्सेल ग्रुप के प्रमुख सुभाष चंद्रा भी ED के सामने पेश होने पेश नहीं हुए और अपने राज्यसभा सदस्य होने का कारण दिया। उन्होंने एजेंसी को सूचित किया कि राज्यसभा का सत्र जारी है, इसके समाप्त होने के बाद ही वो पूछताछ के लिए आ सकते हैं।
यहा यह कहना गलत नहीं होगा कि कोरोना वायरस ने इन सभी जांच से बचने का एक मौका दे दिया है और ये सभी इसी मौके का फायेदा उठा रहे हैं। परंतु कब तक कभी न कभी तो सामने आना ही पड़ेगा और जांच झेलनी ही पड़ेगी जिससे इनके काले कारनामे सभी के सामने खुलेंगे।