पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की बेहाली के बारे में तो आप जानते ही होंगे। इमरान खान सरकार पिछले एक साल से पाकिस्तान का हुक्का-पानी चलाये रखने के लिए दुनियाभर से कर्ज़ मांगती रही है। दुनियाभर से कर्ज़ ना लेने के वादे के साथ सरकार में आए इमरान खान अपने पहले ही साल में Pakistan के इतिहास में कर्ज़ लेने का रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं। अब लगता है कोरोना ने पाकिस्तानी सरकार और सेना को दुनिया से और ज़्यादा कर्ज़ मांगने का अच्छा बहाना दे दिया है। इसीलिए यही देखने में आ रहा है कि एक तरफ जहां पाकिस्तान ने अपने लोगों को कोरोना से मरने के लिए छोड़ दिया है, तो वहीं अब वह दुनियाभर से न सिर्फ नए कर्ज़ मांग रहा है, बल्कि दुनिया से उसके पुराने कर्ज़ माफ करने की भी अपील कर रहा है। अब दोबारा पाकिस्तान सरकार ने दुनियाभर के कई कर्जदाताओं से 3.7 बिलियन डॉलर का नया कर्ज़ मांगा है। कोरोना के समय में दुनिया की बाकी सरकारें जहां अपने लोगों की जान बचाने में जुटी हैं, तो वहीं कर्ज़-खोर पाकिस्तानी सरकार के लिए यह समय golden period साबित हो रहा है।
अब तक पाकिस्तान में कोरोना के लगभग 1200 से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं और लगभग करीब 8 लोगों की इससे मौत हो चुकी है, लेकिन Pakistan सरकार इसपर ज़रा भी गंभीर नज़र नहीं आ रही है। लोगों को मरने के लिए POK में डंप किया जा रहा है तो वहीं, बाहर से आए लोगों को बेहद घटिया गुणवत्ता के क्वारेंटाइन में रखा जा रहा है, जिससे यह वायरस लगातार देश में फैलता ही जा रहा है। दुनियाभर की सरकारें कोरोना को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन का सहारा ले रही हैं, लेकिन इमरान खान सरकार ने लॉकडाउन करने से साफ इंकार कर दिया। प्रधानमंत्री इमरान खान के मुताबिक पाकिस्तान में ऐसा करना नामुमकिन है, क्योंकि अगर पाकिस्तान में शहरों को बंद कर दिया गया तो Pakistan घुटनों पर आ जाएगा। उनका कहना है कि यहां हालात अमेरिका या यूरोप जैसे नहीं हैं, यहां 25% आबादी गरीबी में रहती है। उनके मुताबिक- “अगर शहर बंद किए जाते हैं तो लोगों को कोरोना वायरस से तो बचा लिया जाएगा, लेकिन वे भूख से मर जाएंगे”।
लेकिन पाकिस्तान में लोग अब भूख से भी मर रहे हैं और कोरोना से भी, और शायद अभी पाकिस्तान की सरकार और सेना भी यही चाहती है। दरअसल, कोरोना से पाकिस्तान में जीतने ज़्यादा लोग मरेंगे, पाकिस्तान दुनिया से उतना ही ज़्यादा कर्ज़ माँगेगा, लेकिन बाद में वो पैसा खर्च कहाँ होंगे, इसमें किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए। कर्ज़ मांगने की शुरुआत पाकिस्तान ने पहले ही कर दी है। कल ही इमरान सरकार ने वैश्विक कर्जदाताओं से 3.7 बिलियन डॉलर का कर्ज़ मांगने की बात सामने रखी। इसमें से Pakistan 1.4 बिलियन डॉलर का कर्ज़ IMF से लेगा तो वहीं Asian development Bank भी पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर का कर्ज़ देगा। इससे पहले अमेरिका भी पाकिस्तान को 10 लाख डॉलर का कर्ज़ देने की बात कह चुका है। कोरोना के समय में जब पाकिस्तान पर बेहद ज़रूरी कर्ज़ों की बारिश हो रही हो, तो भला वह और ज़्यादा कर्ज़ मांगने के लिए क्यों अपने लोगों को नहीं मरवाएगा?
पाकिस्तान की खराब अर्थव्यवस्था के चलते Pakistan के आतंकी नेटवर्क को भी काफी नुकसान पहुंचा है और भारत में वह चाहकर भी कोई आतंकी हमले नहीं कर पा रहा है। इस बात की पूरी संभावना है कि पाकिस्तान कोरोना के नाम पर कर्ज़ लेकर वो सारा पैसा आतंक को बढ़ावा देने में लगा दे, क्योंकि आतंक फैलाना ही सही मायनों में Pakistan की पहचान है। ऐसे में यह ज़रूरी हो जाता है कि जो भी देश या संस्था कोरोना से लड़ने के लिए पाकिस्तान को कर्ज़ मुहैया कराता है तो उसे यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वह पैसा कोरोना से लड़ने के लिए ही खर्च हो, अन्यथा इन सभी संगठनों और देशों को पाकिस्तान को दिये जाने वाले कर्ज़ पर तुरंत पाबंदी लगा देनी चाहिए।