जहां केंद्र सरकार और अधिकांश राज्य सरकारें वुहान वायरस को नियंत्रित करने में जुटे हैं। सोशल distancing के लाभ समझा रहे हैं, तो वहीं कुछ ऐसे राज्य भी हैं, जहां सब कुछ राम भरोसे हैं। बिहार राज्य तो पाकिस्तान से भी ज़्यादा चिल्ड है, जहां उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं है कि इस बीमारी का कितना घातक असर उनके राज्य पर पड़ेगा।
बिहार में वुहान वायरस अभी ही दस्तक दे चुका है और तीन लोग इससे संक्रमित पाए गए हैं, जिसमें एक व्यक्ति इस बीमारी से मर भी चुका है। ये व्यक्ति 38 वर्ष का था और कतर से हाल ही में मुंगेर वापिस आया था। प्रारंभ में ये बताया गया कि ये व्यक्ति किडनी की बीमारी से मारा गया था, परन्तु इसके सैंपल टेस्ट के लिए तब भेजे गए जब इसे सांस संबंधी समस्याएं होने लगी। इससे साफ पता चलता है कि बिहार में इस बीमारी को लेकर वास्तव में कितनी तैयारी है।
परन्तु बिहार में इस मरीज़ की मृत्यु से एक और बात स्पष्ट हुई है कि यहां की टेस्टिंग दर पूरे देश में सबसे सुस्त है। यदि टेस्टिंग बाकी राज्यों के समान सही दर से हो रही होती, तो उस बीमार व्यक्ति को बचाया जा सकता था। परन्तु ये इकलौता केस नहीं है, लगभग हर टेस्ट में इस तरह का गैर ज़िम्मेदाराना व्यवहार देखा जा सकता है, जिससे राज्य को इस बीमारी से बहुत भारी नुकसान हो सकता है।
भले ही अधिकांश टेस्टिंग पटना के राजेन्द्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में हो रही है, परन्तु एक प्रश्न का उत्तर अभी तक नहीं दिया गया है, और वह यह कि मृत व्यक्ति के टेस्टिंग में इतना समय क्यों लगा? यही नहीं, 520 यात्रियों को ऑब्जर्वेशन की तुलना में केवल 79 सैंपल ही इकट्ठा हुए। इसके अलावा बिहार में डॉक्टरों के पास आवश्यक सुरक्षा इक्विपमेंट भी नहीं उपलब्ध है। सच में, बिहार में। व्यवस्था पूर्ण रूप से राम भरोसे हो चुकी है।
इसी परिप्रेक्ष्य में बोध गया से एक ड्राइवर की मृत्यु की खबर आई है, जिसे वुहान वायरस जैसे बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे थे। अब कल्पना कीजिए कि यदि उसने लोगों से संपर्क किया, तो कितनों के सिर पर इस बीमारी से ग्रसित होने का खतरा है।
परन्तु इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री उर्फ सुशासन बाबू नीतीश कुमार की मानो कोई चिंता ही नहीं है। लॉकडाउन के आदेश के बाद भी लोगों की भीड़ होना, दुकानें खुली रहना, इस बात का परिचायक है कि बिहार वास्तव में वुहान वायरस को लेकर कितना सजग है।
इससे भी ज़्यादा हैरान करने की बात तो यह है कि बिहार से अभी 12 मुस्लिम पकड़े गए हैं , जो विदेश से भाग कर यहीं छुपे हुए थे। पुलिस तभी एक्शन लेने के लिए आगे आए जब स्थानीय लोगों ने हंगामा करना शुरू किया।
Few kms away from my house Patna police hv detained 12 foreign nationals who had hidden in the mosque with the help of locals to evade coronavirus testing. Similarly a 38yr old Saif Ali who tested positive, passed away. He had come to Bihar from Qatar.#COVIDIOTS #Covid_19india pic.twitter.com/AWJCS4onG8
— Gautam Vats (@jhagautam333) March 23, 2020
BIHAR my state is least prepared.
– Preparing 500-bed isolation ward in Patna’s IGIMS.
– Village guards(Chowkidars) asked to identity people with symptoms.— Marya Shakil (@maryashakil) March 23, 2020
जहां आधे से ज़्यादा देश लॉकडाउन कर वुहान वायरस से मोर्चा संभाले हुए हैं, तो वहीं बिहार सरकार अभी भी अपने ही धुन में काम करने तुला हुए है। यदि सतर्कता नहीं बरती गई, तो जल्द ही बिहार विनाश के मुहाने पर खड़ा होगा।