चीन के वुहान शहर में उत्पन्न कोरोना वायरस पूरी दुनिया के लिए मुसीबत का विषय बना हुआ है। अब तक सवा चार लाख से भी ज़्यादा लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं और लगभग 20 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। चीन के अलावा इटली, स्पेन, ईरान, जर्मनी और अमेरिका में हालात बेहद खराब हैं। लेकिन ऐसे समय में भी चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।
अब खबर आ रही है कि चीन ने जो टेस्ट किट्स दूसरे देशों को भेजी थी, वह घटिया निकली। ताइवान के एक न्यूज़ पोर्टल की माने तो चीन ने दोयम दर्जे के टेस्ट किट चेक गणराज्य को भेजे थे, जिसके लिए उसने बहुत मोटी रकम वसूली। एक चेक न्यूज़ साइट iROZHLAS की माने तो चीन ने डेढ़ लाख टेस्ट किट के बदले 14 मिलियन चेक क्राउन ऐंठे थे। परन्तु उन टेस्ट किट्स में से 80 प्रतिशत घटिया दर्जे के निकले।
ये निश्चित ही चीन की गिरी हुई मानसिकता को उजागर करता है। हालांकि ये चीन के लिए कोई नई बात नहीं है, क्योंकि इसी प्रवृत्ति के लिए वह विश्व भर में कुख्यात है। हाल ही में चीन ने श्रीलंका को वुहान वायरस से निपटने के लिए पांच सौ मिलियन डॉलर का लोन ऑफर किया था। अब प्रश्न ये उठता है कि अगर चीन की मंशा वाकई श्रीलंका की मदद करना था, तो उसने उसे सीधे तौर पर सहायता ना देकर लोन देने का फैसला क्यों लिया, वह भी जब श्रीलंका की वित्तीय हालत खस्ता हो चुकी है और नए कर्ज़ देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर सकते हैं।
चीन ने आज तक दुनियाभर में देशों को अपने कर्ज़ जाल में फंसाने के लिए अपने One Belt One Road (OBOR) का सहारा लिया। इसके जरिये उसने आर्थिक तौर पर कमजोर देशों को बड़े-बड़े लोन देकर अपने चंगुल में फंसाया, जिसमें मालदीव, श्रीलंका और नेपाल जैसे देश शामिल रहे। लेकिन कोरोनावायरस के कहर ने इस प्रोजेक्ट को पूरी दुनिया में बर्बाद कर दिया। अब चीन ने फायदा अर्जित करने के लिए कोरोना को हथियार बनाना शुरू कर दिया है। श्रीलंका चीन की इस साजिश का बड़ी ही आसानी से शिकार बनाता जा रहा है।
कोरोना ने दुनियाभर में अर्थव्यवस्थाओं पर सबसे बुरा प्रभाव डाला है। भारत में भी कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस वायरस के फैलाव से सुस्त पड़ी आर्थिक गतिविधियों की वजह से देश की GDP को 1 प्रतिशत तक का बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। भारत,चूंकि एक बड़ी अर्थव्यवस्था है, वह इसका प्रभाव झेल सकता है, लेकिन दक्षिण एशिया के बाकी देश जैसे पाकिस्तान, श्रीलंका, मालदीव और भूटान, अपने बल पर इस वायरस से लड़ने में अक्षम हैं।
परन्तु जहां ये खबर चीन के वास्तविक स्वरूप को उजागर करती है, तो वहीं ये भारत के लिए भी एक सुनहरा अवसर है। हाल ही में भारत ने वुहान वायरस की जांच करने वाली टेस्ट किट बनाई है, जो पूर्ण रूप से भारतीय है, और व्यक्ति में वुहान वायरस के लक्षण को तुरंत डिटेक्ट भी करती है। ऐसे में जिस तरह भारत ने इटली और ईरान जैसे देशों की सहायता की, वैसे ही वे आवश्यक मेडिकल इक्विपमेंट का उत्पादन बढ़ाकर भारत ने ना केवल एक लीडिंग नेशन की छवि पेश की है, बल्कि चीन के फर्जी मेडिकल सामानों को भी तमाचा जड़ा है।