जब से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोनावायरस को चीनी वायरस कहना शुरू किया है, तभी से दुनियाभर के लिबरलों की पीड़ा रह रहकर बाहर आ रही है। कल जब अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कोरोनावायरस पर प्रेस कोंफेरेंस कर रहे थे, तो एक रिपोर्टर ने अपनी कुंठा जाहिर करते हुए ट्रम्प द्वारा चीनी वायरस शब्द इस्तेमाल करने पर अपनी आपत्ति जताई। बदले में ट्रम्प ने भी उसे ऐसा जवाब दिया कि उस महिला रिपोर्टर की बोलती बंद हो गयी।
दरअसल, प्रेस कोंफेरेंस के दौरान एक महिला रिपोर्टर ने ट्रम्प से सवाल पूछा कि “आप इसे चीनी वायरस क्यों कहते रहते हैं? क्या आपको पता है कि आपके इस बयान की वजह से अमेरिका में रहने वाले चीनी मूल के नागरिक घृणा का शिकार हो रहे हैं? किसी की नागरिकता या जाति की वजह से कोई बीमारी पैदा नहीं होती, यह नस्लभेदी है”।
इसके बदले में ट्रम्प उस रिपोर्टर को जवाब देते हैं “यह चीनी वायरस ही है। यह नस्लभेदी नहीं है”। इसके बाद ट्रम्प दूसरे रिपोर्टर के पास आगे बढ़ जाते हैं, लेकिन जब वह महिला रिपोर्टर बीच में बोलने लगती है तो ट्रम्प आगे कहते हैं “मुझे इस देश के सब नागरिकों से प्यार है, लेकिन चीन ने इस वायरस की ज़िम्मेदारी अमेरिकी सैनिकों पर डालने की कोशिश की। यह नहीं चलने वाला, जब तक मैं राष्ट्रपति हूँ, यह नहीं चलने वाला”।
President @realDonaldTrump explains why he says "Chinese Virus"
"China tried to say…[Coronavirus] was caused by American soldiers. That can't happen. It's not going to happen as long as I'm president. It comes from China." pic.twitter.com/E1PYxtr8Rm
— Team Trump (Text TRUMP to 88022) (@TeamTrump) March 18, 2020
बता दें कि जब से ट्रम्प ने चीनी वायरस को उसके भ्रामक नाम कोरोनावायरस की बजाय असली नाम से पुकारना शुरू किया है, तब से लिबरलों की रात की नींद उड़ी हुई हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने बीते मंगलवार को ट्वीट करके लिखा था , ‘अमेरिका पूरी ताकत के साथ एयरलाइन जैसे उन उद्योगों की मदद कर रहा है जो विशेष रूप से चीनी वायरस से प्रभावित हुए हैं। हम इतना ज्यादा मजबूत होंगे जितना पहले कभी नहीं थे।’
The United States will be powerfully supporting those industries, like Airlines and others, that are particularly affected by the Chinese Virus. We will be stronger than ever before!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) March 16, 2020
सभी ने ट्रम्प पर धावा बोलते हुए उनके इस ट्वीट को racist यानि नस्लभेदी करार दिया। यहाँ तक कि जो मीडिया खुद कल तक कोरोनावायरस को वुहान वायरस के नाम से संबोधित कर रही थी, उसने भी ट्रम्प के इस ट्वीट पर आपत्ति जताना शुरू कर दिया।
https://twitter.com/TheRightMelissa/status/1239728391865204736
किसी वायरस का नाम उसकी उत्पत्ति की जगह के नाम पर रखने की परंपरा शुरू से ही रही है और यह कोई नई बात नहीं है। आज दुनिया में ऐसी 17 तरह की बीमारियां हैं जिनके नाम किसी न किसी जगह के नाम पर रखे गए हैं। उदाहरण के तौर पर Japanese Encephalitis जापान के नाम पर रखा गया है। German Measles वायरस का नाम जर्मनी के नाम पर रखा गया है क्योंकि इसकी उत्पत्ति जर्मनी में हुई थी। इसी प्रकार Spanish Flu का नाम स्पेन के नाम पर रखा गया है।
Here is the list of Viruses/Diseases named after places. Since Coronavirus was firstly reported in #Wuhan, then why is it not named #WuhanVirus or #ChineseVirus? How this becomes racist now?
Link: https://t.co/ACgvCJUh4G@IndoPac_Info pic.twitter.com/gABRYP9kBd— Vikrant Singh (@VikrantThardak) March 17, 2020
जिस प्रकार चीन अब इस वायरस के फैलाव की ज़िम्मेदारी अमेरिका पर डालने की कोशिश कर रहा है और दुनिया को इस वायरस से लड़ने में कोई मदद नहीं कर रहा है, उससे बाद इस वायरस को चीनी वायरस कहना ज़रूरी हो गया है, ताकि चीनी एजेंडे का मुक़ाबला किया जा सके। इस सच्चाई से दुनिया को मुंह नहीं मोड़ना चाहिए।