CAA के खिलाफ प्रदर्शन के बीच कानपुर पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने रोहिंग्याओं के सरगना को पकड़ा है जो अवैध बांग्लादेशियों को भारत में सेट करता था और फिर उन्हें भारत का जरूरी दस्तावेज़ बनवा कर देता था। बता दें कि बांग्लादेश में रोहिंग्या मुस्लिम सबसे बड़े शरणार्थी हैं और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी इन्हें पूरे क्षेत्र के लिए खतरा बताया था। रोहिंग्या मुस्लिमों ने भारत में भी कई बार परेशानी खड़ा करने का प्रयास किया है लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने इनके कई मॉड्यूल को ध्वस्त किया है। इसी प्रयास में कानपुर पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली और अब पुलिस इन बंगलादेशी और रोहिंग्या मुस्लिमों के फंडिंग की तार CAA विरोधी दंगों में जांच कर रही है।
बता दें कि कानपुर पुलिस पुलिस ने कुछ दिनों पहले दो रोहिंग्या मुस्लिमों मासूम शेख और अलामीन शेख को पकड़ा था जो लोगों को डॉलर बेचने का झांसा देकर लाखों रुपये हड़पता था। दैनिक जागरण के अनुसार इन दोनों के पास से बांग्लादेशी सिमकार्ड, फर्जी आधार कार्ड मिले थे। रिपोर्ट के अनुसार ये दोनों बांग्लादेश से आए अवैध मुस्लिमों को कानपुर में सेटल करते थे।
बता दें कि भारत और बांग्लादेश का बार्डर कुछ क्षेत्रों में नदी के किनारे है जिससे एक देश से दूसरे देश में प्रवेश करना आसान है। जब बांग्लादेश से वे भारत आते थे तब अलामीन के गैंग का काम शुरू होता है। यह गैंग अवैध विदेशी रुपयों के अदला-बदली का धंधा चलाता था जिससे ये लाखों रुपया कमाते थे। इन रुपयों को फिर मुंबई में बैठे इनके आका या यूं कहे kingpin के पास भेजा जाता था। जांच में यह भी बात सामने आई कि इन रुपयों का इस्तेमाल देश भर में चल रहे CAA विरोधी दंगों और अभियानों को फंड करने के लिए किया जाता है।
अलामीन घुसपैठियों को नदी पार करने के बाद पश्चिम बंगाल के रास्ते कानपुर लाता था। अलामिन ने बताया कि वह बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुस्लिमों को पश्चिम बंगाल के रास्ते कानपुर लाता था और उन्हें अलग-अलग इलाकों की बस्तियों में किराए पर कमरा दिलाकर या झोपडिय़ों में रुकवाता था। उन्हीं की मदद से गैंग बनाकर डॉलर से नोट बनाने का ठगी का जाल फैलाकर रुपये जमा करता था। अलामिन ने ही गैंग के प्रत्येक सदस्य को ठगी के लिए डॉलर, पहचान पत्र, मोबाइल और नगदी की व्यवस्था कराई थी। उसने अपना व कई सदस्यों के बारासिरोही के पते पर फर्जी आधार कार्ड भी बनवाया था।
कानपुर पुलिस का कहना है कि इस गिरोह का असली सरगना मुंबई में बैठा है और ये सभी वहीं से संचालित किए जाते हैं। थाना प्रभारी ने बताया कि गैंग को मुंबई में बैठा मास्टरमाइंड ऑपरेट कर रहा था। लोगों को शिकार बनाने के बाद ठगी की रकम को मुंबई के ही एक खाते में ट्रांसफर किया जाता था। पुलिस ने कहा है कि मास्टर माइंड की गिरफ्तारी के लिए टीम को मुंबई भेजा जाएगा। उसके गिरफ्तारी से ही CAA विरोधी अभियानों में होने वाले फंडिंग का खुलासा होगा।
भारत में अलामीन के इस गैंग की तरह और कई गैंग ऑपरेट कर रहे हैं और भारत विरोधी अभियानों का हिस्सा है। पिछले महीने ही कोलकाता के एयरपोर्ट से 2 रोहिंग्या को फेक पासपोर्ट के लिए बैंकॉक जाते समय पकड़ा गया था। भारत में बांग्लादेश से आए अवैध घुसपैठियों की संख्या बढ़ती जा रही है। वहीं भारत के कई नेता तो उन्हें सीधे तौर पर वोट बैंक के लिए समर्थन देने लगे हैं। ममता बनर्जी ने तो यह कह दिया है कि सभी बंगलादेशी जो पश्चिम बंगाल में रह रहें हैं वे सभी भारतीय नागरिक हैं। वहीं रोहिंग्याओं की संख्या भी बढ़ती जा रही है। इनके तो आतंकी संगठनों से भी लिंक का खुलासा हुआ हैं।
हाल की घटनाओं को देखते हुए भारत की सुरक्षा एजेंसियों को त्वरित कारवाई कर देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करना होगा।