जहां पूरा देश lockdown में अपना समय वयक्त कर रहा है, तो वहीं रामायण और महाभारत ने एक बार फिर दर्शकों के मन मस्तिष्क में अपनी जगह बना ली है। अब इस लोकप्रियता में चार चांद लगाए हैं ब्राज़ील के राष्ट्रपति जैर बोलसोनारो ने, जिन्होंने पीएम मोदी को लिखे पत्र में भारत के सहायता की तुलना संजीवनी बूटी लाने वाले पवनपुत्र हनुमान जी से की।
अपने पत्र में जैर बोलसोनारो लिखते हैं, ‘जैसे भगवान हनुमान भगवान राम के भाई की जान बचाने के लिए हिमालय से पवित्र बूटी लेकर आये थे, और यीशु ने बार्टेमेयू की दृष्टि को ठीक किया वैसे ही भारत और ब्राजील भी इस वैश्विक संकट से एक साथ उबरने में कामयाब होंगे।’
बता दें कि वुहान वायरस के कारण पूरे संसार में त्राहिमाम मचा हुआ है, और ब्राज़ील भी इससे अछूता नहीं है। ब्राज़ील में 14000 से भी ज़्यादा लोग संक्रमित है और दुर्भाग्यवश 688 लोगों कीमृत्यु हो गई है।
अब ब्राज़ील भारत की ओर आशा के साथ देख रहा है, क्योंकि भारत के पास हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन की भरमार है, जिससे वुहान वायरस के मामलों को मौत के मुंह से बाहर निकालने में काफी सहायता मिली है। इसी के कारण ब्राज़ील के राष्ट्रपति हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन को संजीवनी बूटी की संज्ञा दे रहे हैं।
अब बता दें कि भारत ने इस दवा के एक्सपोर्ट पर 25 मार्च से रोक लगा दी थी। हालांकि, अभी कुछ दिनों पहले भारत ने केस टू केस के आधार पर यह दवा एक्सपोर्ट करने का निर्णय लिया
In view of the humanitarian aspects of #COVID19 pandemic, it has been decided that India would licence paracetamol & Hydroxychloroquine in appropriate quantities to all our neighbouring countries who are dependent on our capabilities: Ministry of External Affairs (MEA) pic.twitter.com/W7Vox2sd2E
— ANI (@ANI) April 7, 2020
इस समय भारत हर माह 20 करोड़ HCQ के टैबलेट बनाता है। मांग बढ़ने पर इसकी उत्पादक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। भारत के फार्मा कंपनियों की माने तो हमारे पास इतनी क्षमता है कि हम 10 करोड़ टैबलेट अपने पास (भारतीयों के उपयोग हेतु) रखकर पूरी दुनिया की आवश्यकताओं का ख्याल रख सकते हैं।
रोचक बात तो यह है कि अधिकांश फार्मा कंपनियों की फैक्ट्री गुजरात और केंद्रीय हेडक्वार्टर मुम्बई में है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणि बताते हैं, “गुजरात पूरे विश्व के लिए एक आदर्श उदाहरण है। अमेरिकी राष्ट्रपति तक हमसे भारत निर्मित HCQ के टैबलेट की मांग कर रहे है, और केंद्र सरकार की मंजूरी पाने के बाद गुजरात अमेरिका की सहायता पाने के लिए पूरी तैयार है”
अब पवनपुत्र हनुमान जी का उल्लेख कर ब्राज़ील ने कूटनीति की एक नई मिसाल पेश की है। इसी वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर जैर बोलसोनारो मुख्य अतिथि के रूप में पधारे थे, और कहा जाता है कि तभी से वे सनातन धर्म के प्रति काफी उत्सुक और आकर्षित हुए है, जिसके कारण भारत एवं ब्राज़ील के संबंध और प्रगाढ़ हो चले हैं।
भारत इस संकट की घड़ी में पवनपुत्र हनुमान जी की भांति संकटमोचक के तौर पर उभर रहा है, और विश्व का हर प्रमुख देश उसकी ओर टकटकी लगाए देख रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इन्हे निराश नहीं किया है, और इतना तो स्पष्ट है कि वुहान वायरस के खत्म होने पर भारत के लिए विश्व में सम्मान चौगुना हो जाएगा।