आम तौर पर हम चर्चित हस्तियों से बेबाक मत की अपेक्षा नहीं करते हैं। परन्तु पहलवान बबीता फोगाट उनमें से नहीं है। महिला कुश्ती में भारत को अप्रत्याशित ऊंचाई दिलाने वाले पहलवानों में शामिल बबीता आजकल वामपंथियों को खुलेआम उनके खोखले दावों के लिए पटखनी देते दिखाई दे रही हैं।
तब्लीगी जमात के सदस्यों द्वारा मचाए गए उत्पात के कारण भारत में 15 अप्रैल को खत्म होने वाला लॉक डाउन 3 मई तक एक्सटेंड कर दिया गया है। परन्तु इस समय भी कुछ लोग अपने कुत्सित प्रोपेगैंडा को फैलाने से बाज़ नहीं आ रहे हैं, और वे चाहते हैं कि तब्लीगी जमात के उत्पात पर कोई उंगली भी नहीं उठा पाए। परन्तु बबीता फोगाट को इनकी गीदड़ भभकी रास नहीं आई और उन्होंने ट्वीट किया, “कोरोना वायरस भारत में दूसरी सबसे बड़ी समस्या है, पहली समस्या तो हमेशा जाहिल जमाती ही रहेगी।”
कोरोना वायरस भारत की दूसरे नंबर की सबसे बड़ी समस्या है।
जाहिल जमाती अभी भी पहले नंबर पर बना हुआ है।#jahiljamati
— Babita Phogat (Modi Ka Parivar) (@BabitaPhogat) April 15, 2020
इस ट्वीट के पीछे सभी वामपंथी और जमातियों के चाटुकार बबीता के पीछे हाथ धोकर पड़ गए। कुछ तो बबीता फोगाट के अकाउंट को ट्विटर से सस्पेंड कराने की मांग करने लगे, तो कुछ प्रशांत कनौजिया जैसे नीच भी थे, जो बबीता के कुश्ती के कौशल पर सवाल उठाते हुए कहने लगे कि यदि आमिर खान की फिल्म दंगल ना होती, तो कोई फोगाट वंश को पूछता भी नहीं।
एक मुसलमान ने फ़िल्म बनाकर फेमस कर दिया वरना इस देश में क्रिकेट छोड़ अन्य खिलाड़ी कई साल बाद गोलगप्पे बेचते नज़र आये हैं। https://t.co/6fLguhVoMW
— Prashant Kanojia (@KanojiaPJ) April 15, 2020
परन्तु मजाल है कि बबीता फोगाट ऐसे लोगों के सामने तनिक भी विचलित हुई हों। उन्होंने एक वीडियो मैसेज शेयर किया, जहां वे बताती हैं कि वे कोई ज़ायरा वसीम नहीं है, और वे सच बोलने पर डरेंगी नहीं।
यदि आप बबीता फोगाट को सपोर्ट करते हैं तो उन तक यह बात जरूर पहुंचा दीजिए और उनको बोलिए ध्यान से कान खोल कर सुन लें। pic.twitter.com/gqec3lQwPE
— Babita Phogat (Modi Ka Parivar) (@BabitaPhogat) April 17, 2020
बबीता फोगाट कहती हैं, “कान खोलकर ध्यान से सुनो। मैं जायरा वसीम नहीं, बबीता फोगाट हूं। मैं अपने देश के लिए लड़ाई लड़ी है, और मैं सदैव सच के साथ खड़ी रही हूं। क्या ये सच नहीं है कि तब्लीगी जमात के सदस्यों के कारण वुहान वायरस के मामलों में अप्रत्याशित उछाल आया था? इनके कारण भारत में लॉकडाउन को बढ़ाना पड़ रहा है। लोगों को इस बात से स्वीकारना ही होगा।”
परन्तु ऐसा नहीं है कि बबीता फोगाट ने पहली बार वामपंथियों की ऐसी धुलाई की हो। 2017 में जब गुरमेहर कौर ने एबीवीपी को हिंसा के झूठे आरोप में बदनाम करने की कोशिश की थी, तो उसके खोखले दलीलों पर वीरेंद्र सहवाग और रणदीप हुड्डा ने चुटकी लेते हुए पोस्ट किए। इस पर वामपंथी चिढ़ गए और उन्होंने हरियाणा को बुरा भला कहना शुरू कर दिया, परन्तु जब बबीता फोगाट ने आपत्ति जताई, तो लिबरल ब्रिगेड ने वह किया, जो उन्हें कभी नहीं करना चाहिए था, एक खिलाड़ी का अनावश्यक अपमान। इसके बाद तो मैदान के अंदर और मैदान के बाहर, दोनों जगह बबीता फोगाट ने जमकर अपने विरोधियों की पटक पटक कर धोया।
haryana ke hain na. Doing his bit for emancipation of women
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) February 26, 2017
Haryana ki hi hain hum Phogat sister bhi. Kya jante h aap haryana k bare me . https://t.co/ZWtl5fnEXJ
— Babita Phogat (Modi Ka Parivar) (@BabitaPhogat) February 27, 2017
bahot khushi hui ki aapne insaaf pasandi ki baat ki. Umeed hai ki aap jaisi haryana ki achiever @mehartweets ke haq mein bhi baat karengi. https://t.co/saezYQrZz4
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) February 27, 2017
Jo aapne desh ke haq m bat nhi kar sakti uske haq m bat karna thik h kya??? https://t.co/t4Xb0AELHi
— Babita Phogat (Modi Ka Parivar) (@BabitaPhogat) February 27, 2017
बबीता फोगाट प्रारंभ से ही राष्ट्रवादी रही हैं, और ऐसे में किसी को हैरानी नहीं हुई जब उन्होंने अपने पिता और प्रसिद्ध पहलवान महावीर सिंह फोगाट के साथ भाजपा की सदस्यता ली। देश में कोई भी अहम निर्णय लिया गया हो, बबीता ने सदैव उसका समर्थन कर राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा है।
यही नहीं, हैदराबाद में एक पशु चिकित्सिका की जघन्य हत्या के पश्चात तेलंगाना पुलिस ने एनकाउंटर में चारों अपराधियों को मार गिराया, तो बबीता ने इस निर्णय का भी समर्थन करते हुए कहा था, “ठोंक दिया ठीक किया।”
ठोक दिया ठीक किया #hydrabaadencounter
— Babita Phogat (Modi Ka Parivar) (@BabitaPhogat) December 6, 2019
इसमें कोई दो राय नहीं है कि बबीता फोगाट को उनकी बेबाकी के लिए अक्सर निशाने पर लिया जाता है। परन्तु वे जिस तरह से अपने विचारों पर अडिग रही हैं, वह उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणास्रोत है, जो सच बोलने से हिचकिचाते हैं।