पिछले कुछ दिनों से कोरोनावायरस (CoronaVirus) महाराष्ट्र में त्राहिमाम मचा हुआ है। पूरे राज्य से वुहान वायरस के सर्वाधिक मामले सामने आ रहे हैं, जबकि वहां का प्रशासन स्थिति को नियंत्रण में लाने के बजाए निर्दोष जनता के खिलाफ अत्याचार करने पर तुला हुआ है। हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है, जहां ठाणे के एक अभियंता को एनसीपी से राज्य मंत्री जितेंद्र अव्हाद ने ना केवल अपने घर बुलवाया, बल्कि अपने गुंडों से उसे बुरी तरह पिटवाया भी।
हुआ यूं कि पीड़ित व्यक्ति, अनंत कर्मुसे ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली, जिसमें उसने जितेंद्र अव्हाद पर कटाक्ष किया था-
Fascism techniques being used in Maharashtra to suppress the voice of common people on SM platforms are really worrying. MLA @niranjandtweets thanks for taking it up with @CMOMaharashtra @OfficeofUT. Will the CM show spine to take it up against @NCPspeaks minister @Awhadspeaks https://t.co/LVqfoR9qVI pic.twitter.com/xdfs2mIltN
— Pratik Karpe (मोदी का परिवार) (@CAPratikKarpe) April 7, 2020
आपल्या नेत्यां बद्दल अस केले असते तर?
पूर्वी तुमच्या नेतृत्वा विषयी बोलले तरी जेल मध्ये टाकले जायचे
त्याचे फेस बुक तपासा मग बोला
विकृति चे समर्थन करता आहत pic.twitter.com/QznXbAs6RA— Dr.Jitendra Awhad (@Awhadspeaks) April 7, 2020
यह कटाक्ष जितेंद्र अव्हाद द्वारा पीएम मोदी के नौ बजे नौ मिनट पर उसकी अनुचित आलोचना के प्रत्युत्तर में किया गया था।
परन्तु उसी रात अनंत को दो पुलिसकर्मी उठा के जितेंद्र के घर ले गए, जहां पहले से ही 10 से 15 लोग उपस्थित थे। अनंत ने दावा किया कि उसे लाठियों से, बेल्ट से और बांस की लकड़ियों से बहुत पीटा गया। ये सारा घटनाक्रम मंत्री जी के सामने हुआ।
विपक्ष के प्रमुख नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने जितेंद्र अव्हाद को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने की मांग की। उन्होंने कहा-
“ये एक जघन्य कृत्य है। निजी अंगरक्षक एक आम आदमी को उठाकर एक मंत्री के सामने पिटवाए, ये बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है”।
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब जितेंद्र अव्हाद का नाम सुर्खियों में आया था। ये वही गुंडा है, जिसने अजय देवगन के फिल्म ‘तान्हाजी’ में छद्म धर्मनिरपेक्षता पर प्रहार करने वाले दृश्यों को ना हटाने पर राज्य भर में स्क्रीनिंग रोकने की धमकी दी थी।
उद्धव ठाकरे की सरकार इसके अलावा छद्म धर्मनिरपेक्षता पर प्रहार करने वाले हर व्यक्ति पर अपना हंटर चलाने में व्यस्त है। हाल ही में तबलीगी जमात के मुखिया पर निशाना साधने के लिए एक डॉक्टर के विरुद्ध मुकदमा चलाने का निर्देश दिया गया है।
ये घटना औरंगाबाद की है , जहां एक डॉक्टर ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद को आतंकवादी कहा था। इसके पीछे औरंगाबाद की पुलिस ने इस डॉक्टर पर मुकदमा दर्ज किया है। एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार डॉ संभाजी गोविंद चिताले के विरुद्ध मौलाना साद को आतंकवादी कहने के लिए गिरफ्तार किया गया है और उन्हें नोटिस थमाया गया है।
Worst part is that police released name and work details of the doctor to media, and media published it too. This when a guy has been killed for comments. They could have held back personal info and just informed about the case if intention was to warn people. https://t.co/3yZeigncE9
— Rahul Roushan (@rahulroushan) April 7, 2020
दरअसल, डॉ संभाजी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर मौलाना साद की फोटो पोस्ट करते हुए लिखा, “ये व्यक्ति वांछित है। यदि आपको ये आतंकवादी कहीं दिखे, तो स्थानीय पुलिस को अवश्य सूचित करें।“
अनंत का पोस्ट चाहे जैसा भी था, परन्तु जो जितेंद्र अव्हाद ने किया है, वह किसी भी स्थिति में क्षमा योग्य नहीं है। यदि उद्धव ठाकरे में तनिक भी शर्म बाकी है, तो उसे तुरंत इस पागल व्यक्ति को बर्खास्त कर उसे जेल में ठूंस देना चाहिए।