चीन अभी कोरोना से धीरे धीरे उबर रहा था और वुहान से लॉकडाउन हटाया गया था कि फिर से इस देश में कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। इस बार इस महामारी का केंद्र चीन का सबसे उत्तरी प्रांत है जिसके सीमावर्ती शहर Suifenhe में कोरोना के 100 केस मिले हैं। चीन में कोरोना के इस दूसरे चरण में भी चीन झूठ ही बोल रहा है और वहाँ के नागरिकों को भी अपनी सरकार के करतूतों के बारे में पता है। चीनी नागरिकों का कहना है कि चीन फिर से झूठ बोल कर और इसे आयातित मामला बता कर कम आंकड़े दिखाने की कोशिश में जुटा है।
चीन ने रूस से सटे प्रांत के इस शहर में एक 13 मंज़िल की बिल्डिंग को 580 बेड के हॉस्पिटल में बदल दिया है। इस वायरस से संक्रमण के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। हालांकि, चीन इसे दूसरे देशों से इंपोर्टेड या आयातित मामले बता रहा है लेकिन ऐसा लगता है कि चीन कभी इससे उभरा ही नहीं था। हालांकि, चीन ने जब इस शहर में लगभग 100 की जानकारी दी है तो आखिर 580 बेड के हॉस्पिटल और पूरे Suifenhe शहर को लॉकडाउन की क्या आवश्यकता थी। इससे स्पष्ट होता है कि मामला कहीं अधिक गंभीर है।
चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 का केंद्र रहे वुहान से बीमारी खत्म करने के बाद अब चीन कोरोना वायरस के आयातित मामलों से जूझ रहा है। उनका कहना है कि चीन में सोमवार को 89 नए आयातित मामले सामने आए। उनका कहना है कि सैकड़ों चीनी नागरिक यूरोपीय देशों, अमेरिका, रूस और ईरान सहित विभिन्न देशों से स्वदेश लौट रहे हैं।
बता दें कि Suifenhe शहर के 70 हजार नागरिकों को Home Quarantine कर दिया गया है और एक घर से एक ही व्यक्ति को बाहर निकलने की अनुमति है वह भी 3 दिनों में बस एक बार।
The Epoch Times ने दावा किया है कि उसे चीनी सोशल मीडिया WeChat पर एक अधिकारी द्वारा भेजे गए मैसेज को प्राप्त किया है जिसमें Suifenhe शहर में कोरोना के कारण गंभीर स्थिति के बारे में बताया गया है। उस मैसेज में लिखा था कि शहर में कई लोग कोरोना वायरस लेकर घूम रहे हैं और उन्हें पता भी नहीं है। यहाँ डरा देने वाली स्थिति है।
इसी से समझा जा सकता है कि चीन को कोरोना ने पूरी तरह से जकड़ लिया है और कोई भी सुरक्षित नहीं है।
हालांकि, चीन जरूर से इंपोर्टेड मामले बता कर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहा या फिर ऐसा दिखा रहा है कि जैसे कुछ हुआ ही नहीं। परंतु हालत बद से बदतर हो चुकी है। बता दें कि चीन के वुहान शहर जहां से कोरोना पूरे विश्व में फैला था वहाँ से 8 अप्रैल को लॉकडाउन हटा लिया गया था, जिसके बाद लोग खुशियाँ मनाने सड़क पर उतर गए थे। यहाँ पर चीन फिर से चूक कर बैठा। और उसके बाद अचानक से asymptomatic मामलों में बढ़ोत्तरी होने लगी, जिसके कारण अब यह अटकलें लगाई जाने लगी है कि कहीं चीन में वुहान वायरस एक बार फिर दस्तक तो नहीं देने जा रहा। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट की माने तो ऐसे silent कैरियर की संख्या 40 हजार से ज़्यादा है। लेकिन फिर भी चीन ने आर्थिक फायदे के लिए वुहान से लॉकडाउन हटा लिया था।
अब जो हालात उत्तरी प्रांत में बन रहा है उससे तो यही संकेत मिलते हैं- जो बताते हैं कि Suifenhe वास्तव में वुहान 2.0 हो सकता है। लॉकडाउन की भयावहता चीन के मामलों की संख्या से कहीं अधिक गंभीर है।
प्रकोप से निपटने के लिए एक बार फिर से चीन ने झूठे आंकड़े देना शुरू कर चुका है। चीन अब, Suifenhe में अपनी विफलताओं को कवर करने के लिए सारे दोष “आयातित मामलों” पर लगाना चाहता है। ऐसा लग रहा है कि चीन में कोरोना की एक दूसरी लहर आ चुकी है और यह वुहान में पहले की तुलना में कहीं अधिक गंभीर हो सकती है।