रिचर्ड ब्रैंसन ने एक बार कहा था, “यदि सफल उद्योगपति बनना चाहते हो, तो पहले एक बिलियन डॉलर से शुरुआत करें और फिर अपना प्लेन खरीदें।” विडंबना तो देखिए, आज वे खुद दिवालियेपन के मुहाने पर आ खड़े हुए हैं ।
जिस तरह से वुहान वायरस ने हवाई यात्रा के उद्योग की कमर तोड़ दी है, उससे कई बड़े खिलाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। अब खबर सामने आई है कि रिचर्ड ब्रैंसन अपने वर्जिन एटलांटिक एयरलाइंस के लिए खरीददार ढूंढ़ रहे हैं।
वर्जिन एटलांटिक ने बताया कि वैसे तो उन्होंने यूके सरकार के साथ बेलआउट पैकेज के लिए अर्जी डाली है, पर वे निजी उद्योग से भी थोड़ा निवेश चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार वुहान वायरस के कारण बाज़ार के माहौल ने वर्जिन एटलांटिक के पास काम विकल्प छोड़े हैं।
वर्जिन एटलांटिक सच में काफी मुसीबत में है और रिचर्ड ब्रैंसन इसे छुपाने का प्रयास भी नहीं कर रहे हैं। एक ब्लॉग पोस्ट में रिचर्ड ब्रैंसन ने कहा कि एयरलाइन को बचाने के लिए हम जो कर सकते है वह सब कर रहे हैं, परन्तु उन्हें भी सरकारी सहायता की आवश्यकता है। उन्होंने कथित तौर पर 500 मिलियन यूरो की सहायता की मांग की है, हालांकि यूके सरकार इस विचार पर ज़्यादा उत्साहित नहीं दिखती।
मार्च में यूके के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने एयरलाइंस को सूचित किया था कि वे अन्य स्रोतों की ओर देखे, और जब कुछ ना बचे, तभी वे सरकार के पास आए।
वर्जिन एटलांटिक पर तब मुसीबत आई है जब ऑस्ट्रेलिया में उसकी इकाई दिवालिया होने की कगार पर आ गई। वर्जिन एटलांटिक पर ऑस्ट्रेलिया में पहले ही काफी उधार है, और लॉक डाउन के कारण स्थिति बद से बदतर हो चली है।
वर्जिन एटलांटिक की वर्तमान स्थिति दुनिया को एक अहम संदेश है कि कैसे चीन में उत्पन्न वुहान वायरस के कारण पूरे उड्डयन उद्योग का बंटाधार हो रहा है। दुनिया में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उड़ान प्रतिबंधित होने के कारण एयरलाइंस को काफी भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने पहले ही कहा है कि इस साल एयरलाइन यात्री राजस्व में कटौती की जाएगी।।
रिचर्ड ब्रैंसन ने एक सार्वजनिक पत्र में स्वयं स्वीकारा है, ” इस समय चुनौती यह है कि हाथ में पैसा नहीं आ रहा है, पर काफी पैसा जा रहा है”। हवाई जहाज का उद्योग काफी ऊंचे दर का उद्योग है, और रिचर्ड ब्रैंसन जानता है कि कैसे यह उद्योग किसी को फर्श से अर्श पर ला सकता है।
जब इस महामारी का अंत होगा, तो हवाई जहाज के उद्योग को काफी गहरा नुकसान होना तय है। सबसे ज़्यादा नुकसान कस्टमर्स का ही होगा, क्योंकि अपने नुकसान की भरपाई हेतु हवाई जहाज़ सस्ती टिकट कम ही बेचेंगे। जब वुहान वायरस का खात्मा होगा, तो कुछ समय के लिए सस्ती फ्लाइट्स एक सपना ही रहेगा।