वुहान वायरस के फैलाव के कारण दुनियाभर के देशों में लॉकडाउन लागू किया हुआ है जिसके कारण पेट्रोल और डीज़ल के दामों में ऐतिहासिक गिरावट देखने को मिल रही है। एक तरफ जहां इतिहास में पहली बार WTI क्रूड ऑयल के दाम शून्य से नीचे चले गए, तो वहीं ब्रेंट क्रूड ऑयल के दामों में भी तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है। 22 अप्रैल की रिपोर्ट्स के अनुसार ब्रेंट ऑयल के दामों में 20 प्रतिशत गिरावट देखने को मिली है और क्रूड ऑयल का दाम 18 डॉलर प्रति बैरल तक गिर चुका है। भारत सरकार अब इस सस्ते क्रूड ऑयल का भरपूर फायदा उठाने की कोशिश में है, और सरकार जल्द ही उन Strategic Petroleum Reserve को सस्ते क्रूड ऑयल से भर सकती है जिन्हें स्थापित करने के लिए वित्त मंत्री रहते हुए स्वर्गीय अरुण जेटली ने बजट आवंटित किया था।
Strategic Petroleum Reserve का मतलब उन तेल के भंडारों से होता है, जिनका कोई भी देश विपदा के समय इस्तेमाल कर सकता है। फिर चाहे वह युद्ध के समय हो या फिर अंतर्राष्ट्रीय तेल बाज़ार में भारी उथल-पुथल के समय! International Energy Agency के मुताबिक किसी भी देश के पास कम से कम 90 दिनों की आवश्यकता पूर्ति के लिए इन reserves में तेल सुरक्षित होना ही चाहिए। भारत ने साल 2000 में इन Strategic reserves को बनाना शुरू किया था, और आज के समय में भारत के पास 5.3 मिलियन टन तेल को स्टोर करने की SPR क्षमता है। भारत में अब तेल की खपत हर दिन लगभग 5 मिलियन बैरल तेल तक पहुँच चुकी है और इस हिसाब से अभी भारत की SPR स्टोरेज क्षमता सिर्फ 10 दिनों तक ही है।
वर्ष 2017-18 का बजट पेश करते हुए तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट में इन SPR की क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से देश में दो और जगह नए SPR बनाने का प्रस्ताव पेश किया था। इनमें से एक रिज़र्व ओडिशा के चाँदीखोल में बनाया जाना था, तो वहीं एक रिज़र्व राजस्थान के बीकानेर में स्थापित किया जाना था। अरुण जेटली ने तब अपने भाषण में कहा था “इन दो रिज़र्व के बनने के बाद भारत की SPR क्षमता 15.33 मिलियन टन तक पहुँच जाएगी”।
द हिन्दू की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार अब जल्द ही इन दो रिज़र्व को अपनी SPR क्षमता को 30 दिनों तक बढ़ाने के लिए इस्तेमाल कर सकती है। भारतीय अधिकारियों के मुताबिक अभी भारत सरकार इन कम हुए दामों को फायदा उठाना चाहती है ताकि सरकार के खर्चों की पूर्ति के लिए उसके पास ज़्यादा मात्रा में पैसा आ सके। इतना ही नहीं, केंद्र सरकार अब अपनी SPR क्षमता को 90 दिनों तक बढ़ाने के लिए भी कदम उठा सकती है। लेकिन इतना साफ है कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा 2017-18 में उठाए गए उस कदम से भारत को आज भरपूर फायदा हो रहा है और अब भारत सरकार उन SPR का इस्तेमाल लोगों की भलाई में कर सकती है। आज भारत को अरुण जेटली जैसे दूरदर्शी नेता का अभिनंदन करना चाहिए। सिर्फ उनके जीवित रहते-रहते ही नहीं, बल्कि उनके स्वर्गवास के बाद भी भारत को उनकी दूरदर्शिता का फायदा मिल रहा है।