PM मोदी को वैश्विक नेताओं के कॉल से फुर्सत नहीं, सबको पता है केवल भारत ही उन्हें बचा सकता है

इस '56 इंच' के सीने का दुनिया में डंका बज रहा है

कोरोना

कोरोना से लड़ाई में भारत विश्वगुरु बनकर उभरा है। अब तक भारत में कोरोनावायरस बेकाबू नहीं हुआ है और इसके साथ ही भारत दुनिया के बाकी देशों के साथ सहयोग करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। यही कारण है कि WHO समेत दुनिया के कई देश आज भारत का लोहा मान रहे हैं और वे लगातार पीएम मोदी से फोन पर बात कर कोरोना से लड़ाई में भारत के साथ सहयोग बढ़ाने की बात कर रहे हैं। बता दें कि पिछले एक सप्ताह में प्रधानमंत्री मोदी के पास इज़राइल, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्राज़ील, स्पेन, ओमान, स्वीडन, बहरीन, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देशों के राष्ट्राध्यक्षों का फोन आ चुका है और वे भारत से लगातार मदद मांग रहे हैं। भारत की ओर से भी इन देशों को भरपूर मदद देने के आश्वासन दिये जा रहे हैं।

ऐसा लग रहा है मानो अब इन सब देशों को भारत से ही मदद की कोई आस है। ऐसा इसलिए दुनिया के सभी बड़े देशों में अब सिर्फ भारत ही बचा है जो कोरोना संकट से कुछ हद तक बचा हुआ है और जिसके पास इन देशों की मदद करने की क्षमता भी है।

उदाहरण के तौर पर अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, UK, ऑस्ट्रेलिया जैसे सभी बड़े देश कोरोना के संकट से जूझ रहे हैं। यहाँ संकट इतना गहरा गया है कि ये देश आपस में एक दूसरे की मदद करने में अक्षम हो चुके हैं। चीन दुनियाभर में खो चुकी अविश्वसनीयता के कारण पहले ही ग्लोबल विलेन बनकर उभरा है, ऐसे में दुनिया आज उससे बेशक मास्क और वेंटिलेटर खरीदने को तो मजबूर है लेकिन चीन के साथ कोई देश सहयोग बढ़ाने से हिचकिचा रहा है। ऐसे में अब भारत ही बचा है जो दुनिया को इस संकट से उबरने में मदद कर सकता है और तभी हाइड्रोक्लोरोक्वीन जैसी दवा के लिए ये देश भारत के पास आए हैं। दुनिया को अब भारत जे दवा उद्योग से ही उम्मीदें हैं।

अभी भारत से 30 से ज़्यादा देशों ने हाइड्रोक्लोरोक्वीन दवा की मांग की है जिसे कोरोना के खिलाफ कारगर माना जा रहा है। हाइड्रोक्लोरोक्वीन की मांग करने वाले नेताओं में अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प और ब्राज़ील के प्रधानमंत्री जेयर बोलसोनारो जैसे नेता शामिल हैं। अमेरिका को तो भारत ने इस दवा के एक्सपोर्ट की इजाजत भी दे दी है।

और सिर्फ HCQ के मुद्दे पर ही नहीं, बल्कि वह भारत ही था जिसने जी20 देशों को साथ लाकर इस महामारी से लड़ने के लिए कदम उठाने की अपील की थी। भारत ने ही सार्क देशों को साथ लाकर कोरोना से लड़ने के लिए प्रेरित किया। इसके अलावा दक्षिण एशिया देशों जैसे श्रीलंका, भूटान और मालदीव की मदद करने में भी भारत आगे रहा है, भारत ने इन देशों को दी गयी भारी मदद के बदले किसी तरह की मांग इनके सामने नहीं रखी।

दक्षिण एशिया से लेकर दक्षिण अमेरिका तक, हर जगह से भारत के पास मदद के लिए पुकार आ रही है और भारत भी यथासंभव हर किसी को मदद पहुंचाने का प्रयत्न कर रहा है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि इस संकट की घड़ी में दुनिया को भारत के रूप में एक नया वैश्विक नेता मिला है और इसका श्रेय PM मोदी को ही जाता है।

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