पिछले 3 दिनों से देश में हड़कंप मचा हुआ है और कारण कोई और नहीं बल्कि दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके से निकले 2000 से भी अधिक तब्लीगी जमात के लोग हैं जो पूरे देश में कोरोना वायरस लेकर घूम रहे हैं। जब से यह मामला सामने आया तब से देश में कोरोना के मामलों में अचानक से बड़ा उछाल आया है। इस जमात के लोग न सिर्फ पुर देश में कोरोना फैला रहे हैं बल्कि डाक्टरों और पुलिस पर पत्थरबाजी कर हमले करके थूक भी रहे हैं। ऐसे समय में भी देश में धरना के लिए और इस्लामिक संगठनों के साथ साँठ-गांठ के लिए मशहुर JNU और जामिया मिलिया ने तब्लीगी जमात को अपना समर्थन दिया है।
तब्लीगी जमात- निज़ामुद्दीन मरकज़ के किए कांड पत्र पर तीन पृष्ठ का बयान जारी करते हुए जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी ने ट्वीट किया और कहा, “उनकी (तब्लीगी जमात के उपस्थित लोग) गलती यह थी कि उन्होंने अपने लोगों को नहीं छोड़ा, जो कि सरकार के ठीक विपरीत हैं, जिन्होंने प्रवासी मजदूरों को सड़क पर उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया। हम इस सरकार की विफलताओं को Islamophobic fantasies और communal tantrums के ऊपर नहीं जाने देंगे। हम निजामुद्दीन मरकज के साथ खड़े हैं। ”
अब जब जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी यहाँ पर “इस्लामोफोबिया” का रोना रो रही है, तो बता दें कि मौलाना साद जिसने निज़ामुद्दीन में इस सम्मेलन का आयोजन किया था, उसे यह कहते हुए सुना जा सकता है कि, “वे हमें रोकने और विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं … हमें इकट्ठा न होने के लिए कह रहे हैं, वे हमें दराने की कोशिश कर रहे हैं” हम संक्रमित हो जाएंगे… यह प्रतिबंध मुसलमानों को हाथ मिला कर एक होने से रोकने के लिए रखा गया है… ”,, इस बयान से समझा जा सकता है कि कितनी समझदारी है और किस तरह से लोगों को बेवकूफ बनया जा रहा है। अब वायरस जो पूरी दुनिया में 8 लाख लोगों को प्रभावित कर चुका है वो धर्म देखकर तो नहीं आया है। हालांकि, जब से मरकज के ऊपर कार्रवाई हुई है तब से ही मौलाना साद फरार है।
https://twitter.com/Jamia_JCC/status/1244941991022153728
Shocking! Maulana Saad, superspreader #Corona, Tablighi Jamaat: "They are trying to stop & divide us…asking us not to gather, they're trying to scare us by saying we will get infected…This restriction is placed to stop Muslims from joining hands using a virus…" @TimesNow pic.twitter.com/NmBEbEiXt5
— Makarand R Paranjape, Ph.D. (Illinois) (@MakrandParanspe) March 31, 2020
जब बात इस तरह कि हो और JNU न चर्चा में आए ऐसा कैसे हो सकता है? भले ही मौलाना साद फरार है, लेकिन मार्क्सवादी-नास्तिक जेएनयू का मुस्लिम छात्र संगठन तब्लीगी जमात के खिलाफ FIR को रद्द करवाना चाहता है। मुस्लिम बॉडी ने एक पोस्टर जारी किया है जिसमें लिखा है, “मैनेजमेंट के खिलाफ FIR रद्द करें।“
JNU के मुस्लिम छात्रों ने इस पोस्टर को पोस्ट किया है जिसमें लिखा है, “स्टैंड विथ तब्लीगी जमात” और फिर से FIR को रद्द करने की मांग की गयी थी। यहां तक कि तब्लीगी जमात के खिलाफ की गयी कार्रवाई को “इस्लामोफिलिया” करार दिया गया और यह लिखा था कि मुसलमान बलि का बकरा नहीं है।
दिलचस्प बात यह है कि यह वही फेसबुक पेज है, जो इस्लामिक-अलगाववादी शारजील इमाम की रिहाई की मांग करने में भी बहुत मुखर रहा था। वही शरजील इमाम जिसने मुस्लिमों को ” Chicken’s neck” पर हमला कर भारत को पूर्वोत्तर राज्यों से अलग करने के लिए उकसाया था। भारत को तोड़ने वालों का समर्थन करने वालों से और उम्मीद भी क्या की जा सकती है।
दुर्भाग्यवश, JNU मुस्लिम छात्र निकाय और Jamia Coordination Committee दोनों ही यह बताने में विफल हैं कि क्यों तब्लीगी जमात ने कॉन्फ्रेंस की मेजबानी की थी, जिसमें कोरोनोवायरस देशों से आए 800 से अधिक विदेशी के साथ कुल 8000 लोग शामिल हुए जबकि दिल्ली में किसी भी प्रकार के समारोहों पर प्रतिबंध लगा हुआ था।
At 57 sec rioter is asking for hot water, perhaps to throw on medical workers. Pathetic!!! https://t.co/TGVlzO8OPK
— Vikas Pandey (Sankrityayan) Modi ji’s Family (@MODIfiedVikas) April 1, 2020
Disgusting. Two Doctors of Gandhi Hospital in Telangana attacked by relatives of a #COVID19 patient who had died. How can you even attempt something so foolish and idiotic? Doctors and Nurses are risking their life throughout India and the world to save us. Shame on these goons. pic.twitter.com/ZoC8In39V4
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) April 1, 2020
#Breaking 1st on TIMES NOW | A search party was fired upon for searching Markaz attendees in Madhubani.
TIMES NOW's Shyam with details. | #CoronaHarega pic.twitter.com/6Ue7hPzOCS
— TIMES NOW (@TimesNow) April 1, 2020
Occupants were unruly since morning&made unreasonable demand for food items. They misbehaved&abused staff at Quarantine Centre.Also they started spitting all over&on persons working/attending them incl doctors.They also started roaming around hostel building:CPRO Northern Railway https://t.co/mKLP1UQgJg
— ANI (@ANI) April 1, 2020
यह इस्लामिक सिंडिकेट भी यह बताने में नाकाम है कि मौलाना साद अब फरार क्यों है, जब पूरा देश उसकी गलती का खामियाजा भुगत रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात, उनके पास उन तब्लीगी अनुयायियों के बारे में कहने के लिए कुछ नहीं है, जो देश भर में पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों को दिल्ली से इंदौर, और अहमदाबाद से हैदराबाद, और बिहार के मधुबनी में हमले कर रहे हैं और थूक रहे हैं। वैसे इनसे किसी भी प्रकार के तर्क की उम्मीद करना बेवकूफी ही है।