‘पूरा माउंट एवरेस्ट हमारा है’, 5G लगवाया, नेपाल को कर्ज देकर फंसाया अब पूरा एवरेस्ट हड़पना चाहता है चीन

नेपाल अब दूसरा हॉन्ग-कॉन्ग बनने वाला है

श्रीलंका और मालदीव जैसे दक्षिण एशियाई देशों को हाईजैक करने में विफल होने के बाद अब लगता है चीन ने अपना सारा फोकस नेपाल पर कर दिया है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अब नेपाल को अपना गुलाम बनाना चाहती है, और पूरे नेपाल पर अपना कब्जा जमाना चाहती है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि चीन ने हाल ही में अपने सरकारी मीडिया के माध्यम से माउंट एवरेस्ट को अपना बता दिया है। चीन के सरकारी न्यूज़ चैनल सीजीटीएन ने 2 मई को एक ट्वीट किया जिसमें उसने यह दावा किया कि माउंट एवरेस्ट चीन के तिब्बत इलाके में पड़ता है। चीनी मीडिया के इस दावे के बाद नेपाल के लोगों में चीन के खिलाफ गुस्सा बढ़ गया है तो वहीं इससे चीन के मंसूबे भी जगजाहिर हो गए हैं। चीन नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ नजदीकियां बढ़ाकर नेपाल को अपनी मुट्ठी में करना चाहता है।

बता दें कि जब से नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार आई है उसके बाद से ही नेपाल पर चीन का प्रभाव काफी बढ़ गया है और भारत और नेपाल के रिश्ते में कड़वाहट आ गई है। कालापानी मुद्दे पर भारत और नेपाल के बीच तनाव बढ़ना और  हाल ही में नेपाल का भारत द्वारा मानसरोवर यात्रा करने वालों के लिए चीन के बॉर्डर तक 17000 फीट की ऊंचाई पर सड़क बनाने का विरोध करना यह दर्शाता है कि नेपाल की सरकार अब काफी हद तक चीन के इशारे पर ही काम कर रही है। हालांकि, नेपाल और चीन की दोस्ती का दुष्प्रभाव सिर्फ भारत और नेपाल के रिश्ते पर ही नहीं पड़ा है बल्कि, अब खुद नेपाली लोग भी चीन के साथ बढ़ती दोस्ती की आलोचना करने लगे हैं चीन पिछले कुछ समय से किस प्रकार माउंट एवरेस्ट को लेकर उत्साहित दिख रहा है उसने नेपाल में मौजूद कहीं लोगों को चिंता में डाल दिया है

एक तरफ कोरोना वायरस के बीच चीन माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को मां अपने पर अड़ा है तो वहीं उसने माउंट एवरेस्ट पर अलग-अलग ऊंचाई पर 5G एंटीना लगा दिए हैं चीन की वाबे कंपनी ने हाल ही में माउंट एवरेस्ट पर 6553 100 और 58 मीटर की ऊंचाई पर 5G के एंटीना लगाए हैं और चीन का यह दावा है कि उसने यह माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई नापने के लिए ही किया है। हालांकि, चीन का यह कदम भारत के साथ-साथ नेपाल की सुरक्षा को भी बड़ी चुनौती देता है जो कि अपने 5G एंटीना के माध्यम से चीन आसानी से हिमालय के क्षेत्र में भारतीय और नेपाली फौज की मूवमेंट पर नजर रख सकता है

दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत Mount Everest (माउंट एवरेस्ट) को लेकर शुरू से ही चीन और नेपाल के बीच विवाद रहा है। दोनों ही देश माउंट एवरेस्ट को अपने अपने इलाके में बताते हैं इस विवाद को सुलझाने के लिए वर्ष 1960 में दोनों देशों के बीच एक संधि हुई थी जिसमें माउंट एवरेस्ट को आधा-आधा बांट दिया गया था। तिब्बत की ओर से पड़ने वाला इलाका चीन का हिस्सा माना गया था जबकि आधा इलाका नेपाल के हिस्से आया था। हालांकि, अब चीन उस स्थिति को बदलने में लगा है और पूरे ही माउंट एवरेस्ट पर अपना अधिकार जमा रहा है

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