कोरोना वायरस के बीच अब कनाडा और चीन के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण स्थिति में पहुंच चुके हैं। स्थिति इतनी गंभीर है कि अब Canada में एक्सपर्ट्स चीन के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की बात कर रहे हैं। Canada और चीन के रिश्ते यूं तो पिछले कई सालों से ही खराब चल रहे हैं। वर्ष 2018 में जब कनाडा ने अमेरिका के कहने पर हुवावे की CFO को गिरफ्तार कर लिया था, तो उसके बाद ना सिर्फ चीन ने Canada की निंदा की थी, बल्कि चीन ने अपने यहाँ रह रहे Canada के दो पूर्व राजनयिकों को भी गिरफ्तार कर लिया था। चीन ने उनपर तब जासूसी करने का आरोप लगाया था।
हालांकि, अब जिस प्रकार Vancouver जज ने हुवावे की CFO मेंग वोंझु पर अमेरिका में चल रहे आपराधिक मामलों को आधार बनाकर मेंग वोंझु के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी है, उसने फिर से चीन को आग-बबूला कर दिया है। इसके अलावा हाल ही में कनाडा ने चीन द्वारा हाँग काँग के बेसिक लॉ में बदलाव करने की भी निंदा की थी। अब कनाडा से चिढ़े चीन ने कनाडा को ट्रेड वॉर शुरू करने की धमकी दी है। चीनी सरकार के मुखपत्र global times ने हाल ही में एक लेख छापा, जिसका शीर्षक था “Canada में बढ़ती अनिश्चितता के कारण वहाँ चीनी कंपनियों के लिए संकट पैदा होता जा रहा है”। ग्लोबल टाइम्स ने संकेत दिया कि अगर Canada ऐसे ही चीन की आलोचना जारी रखता है, तो चीन अपनी कंपनियों को चीन से बाहर निकाल सकता है।
बता दें कि हुवावे की CFO ने कनाडाई कोर्ट में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अर्जी दायर की थी। उनकी दलील यह थी कि उन्होंने कनाडा की ज़मीन पर कोई गैर-कानूनी काम नहीं किया है। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि अमेरिका में किया हुआ कोई अपराध भी Canada में अपराध की श्रेणी में आता है, इसके कारण उनका प्रत्यर्पण अमेरिका में किया जा सकता है। इससे हुवावे कंपनी पर संकट और ज़्यादा बढ़ गया है।
कल ही UK सरकार ने अपने प्रस्ताव में भारत समेत दुनिया के 10 बड़े लोकतन्त्र देशों का एक ग्रुप बनाने की बात कही थी, ताकि चीन की हुवावे कंपनी को दरकिनार कर सभी लोकतान्त्रिक देश आपस में 5जी तकनीक को लेकर सहयोग कर सकें। इसके अलावा ट्रम्प प्रशासन पहले ही हुवावे के खिलाफ एक वैश्विक अभियान चला रहे हैं। अब कनाडाई कोर्ट का यह फैसला हुवावे के ताबूत में आखिरी कील ठोकने का काम कर सकता है।
इससे डर बढ़ गया है कि कनाडा और चीन के रिश्ते बेहद खराब स्थिति में पहुँच सकते हैं। कनाडा भी चीन के रवैये को लेकर बेहद गुस्से में है। हाल ही में चीन ने वर्ष 2018 में पकड़े गए डो कनाडाई नागरिकों को consular access देने से इंकार कर दिया था। अमेरिकी न्यूज़ पोर्टल RCI के मुताबिक अमेरिका तो चीन में पकड़े गए अपने नागरिकों से फोन पर बात कर पा रहा है, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि क्या Canada को भी यही सुविधा उपलब्ध है। कनाडा की Queen’s University में Political Science professor क्रिश्चियन के मुताबिक- “चीन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का एक गंभीर साझेदार नहीं है और अब Canada को चीन के साथ अच्छा व्यवहार करना बंद कर देना चाहिए”। अब जब कनाडा ने हुवावे की सीएफ़ओ को वापस चीन को सौंपने से मना कर दिया है और हाँग-काँग मुद्दे पर चीन की आलोचना की है, तो इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में कनाडा और चीन के रिश्ते और भी ज़्यादा खराब हो सकते हैं।