दुनियाभर में Corona वायरस फैलाने वाले चीन को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए अब अमेरिका के एक सांसद ने अमेरिकी सरकार को एक नायाब तरीका सुझाया है। दरसअल, अमेरिकी सांसद टॉम कॉटन ने 7 मई को कांग्रेस के दोनों सदनों में अमेरिका में मौजूद चीनी दूतावास के सामने वाली गली का नाम डॉ ली वेनलियांग के नाम पर रखने का प्रस्ताव रखा है। टॉम कॉटन का मानना है कि ऐसा करके वे लोगों को डॉक्टर ली का नाम कभी नहीं भूलने के लिए प्रेरित करेंगे। बता दें कि डॉक्टर ली वेनलीयांग वहीं शख्स थे, जिन्होंने सबसे पहले चीन में नई बीमारी आने की खबर को सार्वजनिक किया था और बाद में जिनकी कोरोना वायरस से मौत हो गई थी। कम्युनिस्ट पार्टी पर उस डॉक्टर को प्रताड़ित करने और उसे मुंह ना खोलने की धमकी देने के आरोप लगते रहे हैं। अब अगर अमेरिका चीनी दूतावास के सामने वाली गली का नाम बदलने का काम करता है तो यह ना सिर्फ डॉक्टर ली के लिए श्रद्धांजलि का काम करेगा बल्कि चीन के लिए भी यह कड़ा सबक होगा।
बता दें कि अभी चीनी दूतावास के सामने वाली गली का नाम इंटरनेशनल प्लेस है जिसे Tom cotton ने बदलकर ली वेंलियांग के नाम पर रखने का प्रस्ताव सुझाया है। टॉम कॉटन को शुरू से ही चीन का धुर विरोधी माना जाता है और अगर वह अपनी इस कोशिश में कामयाब रहते हैं तो आने वाले कई सालों तक उनके इस कदम की सराहना की जाएगी। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका में किसी देश को सबक सिखाने के लिए उसके दूतावास के सामने वाली गली का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा गया हो।
वर्ष 2014 में अमेरिका में चीनी दूतावास के सामने वाली गली का नाम Liv Xiaobo के नाम पर रखने का प्रस्ताव सुझाया गया था। Liv Xiaobo चीन के नागरिक थे,जो चीन में लोकतंत्र की स्थापना की मांग कर रहे थे। कम्युनिस्ट पार्टी ने उन्हें जेल में भिजवा दिया था, जिन्हें बाद में नोबेल प्राइज से भी नवाजा गया था। वर्ष 2014 में ओबामा प्रशासन ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करने से मना कर दिया था और कहा था कि ऐसा करने से चीन के साथ उनके रिश्ते खराब हो सकते हैं। हालांकि, अब चूंकि अमेरिका में ट्रंप प्रशासन की सरकार है तो इस बात की उम्मीद बेहद ज्यादा है कि इस तरह के प्रस्ताव को माना जा सकता है।
बता दें कि इससे पहले अमेरिका में रूसी राजदूत के सामने वाली गली का नाम वर्ष 2018 में वॉशिंगटन की सिटी काउंसिल द्वारा बदल कर Boris Nemtsov के नाम पर किया गया था। बोरिस को शुरू से ही राष्ट्रपति पुतिन का धुर विरोधी माना जाता था और वर्ष 2015 में उनकी हत्या कर दी गई थी। अमेरिका ने उस शख्स को सम्मान देने के लिए रूसी राजदूत के सामने वाली गली का नाम ही उसके नाम पर रख दिया था। इसके अलावा भारत में कोलकाता में मौजूद अमेरिकन कोंसुलेट के सामने वाली गली का नाम भी वियतनाम के क्रांतिकारी ‘हो चिह मिन्ह’ के नाम पर रखा गया है। अब अगर अमेरिका भी चीन को सबक सिखाने के लिए चीनी दूतावास की गली का नाम डॉक्टर ली के नाम पर रखता है तो अमेरिका चीन पर ऐसा करारा वैचारिक प्रहार करेगा जिसे चीन आने वाले कई दशकों तक भुला नहीं पाएगा।



























