12 मई की शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को कोरोना के खिलाफ लड़ने का धन्यवाद देते हुए इस महामारी के दौरान चौथी बार देश को संबोधित किया। इस दौरान उनका ज़्यादा फोकस इकॉनमी पर दिखा। उन्होंने देशवासियों को आत्मनिर्भर होने का मंत्र दिया, और साथ ही लोगों से लोकल चीज़ें खरीदने के लिए कहा।
कोरोना महामारी के कारण भारत अघोषित protectionism की राह पर आगे बढ़कर अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयास कर रहा है, जहां पीएम मोदी एक तरफ Make in India को बढ़ावा दे रहे हैं, तो वहीं पीएम मोदी देशवासियों से भारत में बनी चीज़ें ही खरीदने को कह रहे हैं। विश्व व्यापार संगठन यानि WTO किसी भी देश को protectionism की राह पर चलने से रोकता है, क्योंकि protectionism वैश्विक व्यापार और ग्लोबल chain supply की राह में सबसे बड़े रोड़े की तरह काम करता है।
इसके अलावा protectionism की वजह से देशों में आपसी व्यापार संबंध भी खटाई में पड़ जाते हैं। हालांकि, अभी कोरोना के कारण पहले ही global supply बंद पड़ चुकी है, ऐसे में भारत सरकार ने देश में बनी चीजों को प्रोमोट करने का सही अवसर चुना है।
12 मई को पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा था-
“आपको आज जो ग्लोबल ब्रांड्स लगते हैं वो भी कभी ऐसे ही बिल्कुल लोकल थे। लेकिन जब वहां के लोगों ने उनका इस्तेमाल शुरू किया, उनका प्रचार शुरू किया, उनकी ब्रांडिंग की, उन पर गर्व किया, तो वे प्रोडक्ट्स लोकल से ग्लोबल बन गए। इसलिए, आज से हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए वोकल बनना है, न सिर्फ लोकल प्रोडक्ट्स खरीदने हैं, बल्कि उनका गर्व से प्रचार भी करना है। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा देश ऐसा कर सकता है। आपके प्रयासों ने, तो हर बार, आपके प्रति मेरी श्रद्धा को और बढ़ाया है”।
पीएम मोदी ने पहले भी देसी ब्रांड्स को प्रोमोट करने की कोशिश की थी
आमतौर पर जब कोई राष्ट्राध्यक्ष अपने लोगों से सिर्फ अपने देश में बने सामान को खरीदने के लिए कहता है, या फिर देसी ब्रांड को प्रोमोट करता है, तो उसे दुनिया में भारी विरोध का सामना करना पड़ता है। उदाहरण के लिए-
जब वर्ष 2018 में पीएम नरेंद्र मोदी ने देसी ब्रांड rupay card को प्रोमोट किया था, तो अमेरिकी पेमेंट कार्ड कंपनी mastercard ने अमेरिकी सरकार से भारत सरकार पर दबाव बनाकर “protectionism” नहीं अपनाने के लिए कहा था। mastercard ने तब कहा था “rupay card को प्रोमोट करके मोदी सरकार देश में protectionism को बढ़ावा दे रही है, इसे अभी रोका जाना चाहिए”।
उस वक्त सिर्फ rupay card की promotion को लेकर ही इतना बड़ा बवाल खड़ा हो गया था। हालांकि, जब आज पीएम मोदी सभी भारतीय brands को प्रोमोट करने की बात कह रहे हैं, तो शायद ही उनपर कोई वैश्विक दबाव बने, क्योंकि यह समय कोरोना वायरस का है, जहां सभी देशों को ना चाहते हुए भी protectionism को अपनाना पड़ रहा है, और जो चीज़ बाकी देशों के लिए समस्या बनकर उभरी है, पीएम मोदी ने उसे देश के लिए अवसर में बदल दिया है।
आमतौर पर देश आयात पर ज़्यादा कर लगाकर protectionism को बढ़ावा देते हैं। हालांकि, भारत में पीएम मोदी की एक अपील का असर बढ़ी हुई इम्पोर्ट ड्यूटी से ज़्यादा होता है। इसी बात को वर्ष 2018 में अमेरिकी कंपनी mastercard ने समझा था और अमेरिका में पीएम मोदी की शिकायत की थी। आज पीएम मोदी खुलकर भारतीय ब्रांड को प्रोमोट कर सकते हैं। इसे उनकी मजबूरी भी कहा जा सकता है, और किसी चुनौती को अवसर में बदलने की कला भी!