जब से लॉकडाउन लगा है तब से मानो zoom app की बहार आई हुई है। ऑनलाइन मीटिंग हो या क्लास सभी के लिए जूम एप्प का इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन इसके नए दुष्परिणाम भी सामने आए, जैसे प्राइवेसी को खतरा और इसका डेटा चीन तक ट्रांसफर होना। इसके बाद भारत सरकार हरकत में आई और देशी zoom app बनाने के लिए 10 IT कंपनियों का चुनाव किया है जिसमें HCL और ZOHO भी शामिल है।
ऐसे होगा कंपनियों का चयन
एक सरकारी अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि इन कंपनियों को प्रोटोटाइप यानि Zoom जैसा ही भारतीय संस्करण बनाने के लिए 5 लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके बाद दूसरे चरण में इन दस में से तीन कंपनियों का चयन किया जाएगा और उन्हें वीडियो कॉलिंग ऐप्प बनाने का जिम्मा सौंपा जाएगा। साथ ही प्रत्येक को 20 लाख रुपये भी दिए भी जाएंगे।
फिर इन तीनों में से जिसका app सबसे बेहतर होगा उसे 4 वर्षों के लिए राज्य और केंद्र सरकारों के काम में लगाया जाएगा। यही नहीं उन्हें 1 करोड़ की राशि भी दी जाएगी। इन चुनी गई दस कंपनियों में HCL और ZOho के साथ Aria Telecom, CyberHorizon Corp, Darsh, Instrive Softlabs, PeopleLink Unified Communications और Data Ingenious भी शामिल हैं।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप Zoom के बैन की मांग सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गयी है। सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका में ‘जूम एप्प’ को बैन करने की मांग की गयी है। याचिका में कहा कि Zoom ऐप्प देश की सुरक्षा के लिए खतरा है और इसकी वजह से देश में साइबर अपराध बढ़ सकती है.
इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से चार हफ्तों में जवाब मांगा है। साथ ही अमेरिका स्थित ZOOM वीडियो कम्यूनिकेशन से जबाव-तलब किया है।
भारत में 13 करोड़ से ज्यादा लोगों ने जूम एप्प डाउनलोड किया
बता दें कि भारत जूम एप्प का सबसे बड़ा बाजार है। इस वीडियो कॉलिंग ऐप्प को भारत में सबसे अधिक बार डाउनलोड किया गया है और इस वर्ष अप्रैल में इसे 13.1 करोड़ लोगों ने डाउनलोड किया।
परंतु इसकी सिक्यूरिटी को लेकर सवाल उठने लगे हैं। सरकार ने भी डेटा सिक्यूरिटी के खतरे को देखते हुए इस ऐप्प को डाउनलोड ना करने की सलाह दी थी। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 5 लाख से ज्यादा जूम ऐप्प यूजर्स का डेटा लीक हुआ है और इसे एक रुपये से भी कम कीमत में बेचा गया है।
नासा और स्पेस एक्स जैसी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को जूम इस्तेमाल करने से साफ मना कर दिया है। वहीं कनाडा की एक लैब का मानना है कि जूम एप्प एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन key के लिए चीनी सर्वर का इस्तेमाल करता है जो किसी भी स्थिति में सुरक्षित नहीं है।
ताइवान ने भी लगाया बैन
वहीं ताइवान ने आधिकारिक तौर पर ज़ूम एप्प के इस्तेमाल करने पर रोक लगा दिया है। भारत सरकार की ही एजेंसी कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम यानि CERT ने इस एप्प को सिक्योरिटी और प्राइवेसी के लिहाज से बड़ा खतरा बताया है.
वीडियो कॉलिंग के समय ट्रोलर आ जाते हैं, पॉर्न वीडियोज भेंजते हैं
Zoom के साथ चीन का लिंक एकमात्र चिंता का विषय नहीं है। कमजोर एन्क्रिप्शन टेक्नोलोजी के वजह से “Zoom बॉम्बिंग” होती है, जहां बिन बुलाए ट्रोल अन्य प्रतिभागियों को परेशान करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस तक पहुंच जाते हैं और कई तरह के अश्लील फोटो और वीडियो भेज देते हैं।
इसलिए सुरक्षा कारणों को देखते हुए यह आवश्यक है कि देश की अपनी वीडियो कॉलिंग ऐप्प हो। सरकार ने अब इसी दिशा में कदम बढ़ाया है और 10 IT कंपनियों का चुनाव किया है।
डेटा समूह के प्रमुख अजय डाटा का मानना है कि,
“भारतीय वीडियो कॉलिंग प्रोडक्ट होने के कई फायदे हैं, पहला यह कि ये app सभी भारतीय भाषाओं में हो सकता है, और इसे स्थानीय रूप से होस्ट किया जा सकता है। यह तब से महत्वपूर्ण है जब वीडियो को कानूनी उद्देश्यों के लिए रिकॉर्ड किया गया है, तब इसका डेटा भारत में स्टोर किया जाना चाहिए और एन्क्रिप्शन कोड भी भारत में ही उपलब्ध होनी चाहिए और ऐसा विदेशी प्रोडक्ट के साथ नहीं हो सकता।‘’
अब यह देखना है कितनी जल्दी एक भारतीय वीडियो कॉलिंग एप्लिकेशन बन कर सामने आता है।