केरल के त्रिशूर के कृष्णानंद आश्रम ने वडक्कड़ पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज कराई है। हिंदू मठ द्वारा की गई शिकायत के अनुसार, एक बाइक पर दो मुस्लिम युवक केरल के त्रिशूर जिले के पेरियामबलम के कृष्णानंद आश्रम में आए, और वहां मौजूद भक्तों को चेतावनी दी कि वे बिना माइक के ही मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में प्रार्थना (नामजापा) का संचालन करें। कट्टरपंथी युवकों ने आश्रम में मौजूद भक्तों को धमकी दी कि अगर माइक के साथ जाप किया तो भुगतना पड़ जाएगा.
स्वामी साधु कृष्णानंद सरस्वती, जो आश्रम के महासचिव हैं, उन्होंने अपनी शिकायत में उल्लेख किया है कि आश्रम के आसपास का गांव धार्मिक सौहार्द का क्षेत्र है और कुछ लोग धार्मिक नफरत को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। स्वामी साधु कृष्णानंद सरस्वती, जनरल सेक्रेटरी, कृष्णानंद आश्रम के जनरल सेक्रेटरी स्वामी साधु कृष्णानंद ने सप इंस्पेक्टर वडक्कड़ पुलिस से एक लिखित शिकायत की जिसका हिंदी अनुवाद ये है-
Muslims have asked an old temple in Thrissur to stop chanting prayers through loudspeakers in 'Muslim majority area .'
After threat, a complaint filed by Krishnanda Ashram of Periyambalam Authority against Muslims in Thrissur district of Kerala. pic.twitter.com/LaX3XrjAfE— महिमामंडन (@mahimapandey60) May 3, 2020
महोदय,
जब पेरियामांबलाम के कृष्णानंद आश्रम में सामान्य नामजापा का आयोजन किया जा रहा था, एक बाइक पर दो नौजवान आए और हमें नामजाप को रोकने के लिए कहा और माइक के बिना नामजापा का संचालन करने की धमकी दे डाली उन्होंने कहा कि यह मुस्लिम बहुल इलाका है इसलिए माइक का प्रयोग करना बंद करो। आश्रम के आसपास का गाँव एक ऐसा क्षेत्र है जहां धार्मिक सद्भाव का चलन है।
यह दर्दनाक है कि कुछ लोग इस तरह से कुछ करके धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। जिस पड़ोसी लड़ने ने यह धमकी दी थी उससे जब मैनें उसका नाम पूछा तो नाम बताने से मना कर दिया। मैं आपसे निवेदन करता हूं कि कृपया हमारी मदद करें ताकि इस तरह की घटनाएं अब न हों।”
बता दें कि पिछले कुछ सालों से केरल में इस्लामिक आतंकवाद चरम पर हो गया है. खासकर केरल के मुस्लिम युवकों में इस्लामिक आतंकवाद के प्रति कुछ ज्यादा ही दिलचस्पी है. आईएसआईएस और केरल के कट्टरपंथी युवकों में गहरा संबंध रहा है. केरल का कासरगोड तो सबसे बदनाम रहा है.
इसी तरह केरल राज्य से ही इस्लामिक संगठन पीएफआई का संचालन होता है. इस संगठन से जुड़े लोगों के नाम आप दिल्ली दंगे, देश भर में एंटी सीएए प्रोटेस्ट आदि में सुने होंगे. इसी तरह आपने आरएसएस कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमलों के बारे में भी सुना होगा. यहां ये सब मामले अब आम बात हो चुकी हैं. फिर भी देश के लिबरल जमात को लगता है कि केरल भारत का सबसे शांत और समृद्ध राज्य है.
दिलचस्प बात ये है कि जिस इस्लामिक कट्टरपंथ को केरल की कम्युनिस्ट सरकार ने पाला पोसा अब वही इसके जकड़ में फंस गई है. कई मौकों पर केरल के सीएम विजयन ने इन कट्टरपंथियों को आइना दिखाया है.
इस्लामिक चरमपंथियों के सामने घुटने टेक देने वाले विजयन ने वास्तव में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर मौन साध रखा है. कोई भी तमंचा लहराते हुए आता है और पूजा-पाठ कर रहे साधु-संत को धमकाकर चला जाता है. राज्य में जिस तरह से लाउडस्पीकर पर रोक लगाने की बात मुस्लिम युवक ने की है उससे साफ पता चलता है कि यहां कट्टर इस्लाम का कितना प्रभाव हो चुका है. ऐसे में केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करके इन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.