कोरोना के बाद से ही अमेरिका चीन को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है। अभी हाल ही में अमेरिका ने चीन को मात देने की नई रणनीति बनाई है, और वह है अपने साथियों के साथ मिलकर चीन को पटखनी देना। अब अमेरिका ने भारत के साथ मिलकर चीन को बर्बाद करने का प्लान तैयार किया है। दरअसल, आने वाले कुछ हफ्तों में भारत और अमेरिका एक मिनी ट्रेड डील पर साइन कर सकते हैं, जिसके जरिये दोनों देश चीन को सप्लाई चेन से बाहर करने की कोशिश करेंगे।
अमेरिकी सांसद टेड योहो यह पहले ही कह चुके हैं कि अमेरिका को दवाइयों को बनाने की सभी फ़ैक्टरियां चीन से निकालकर भारत जैसे देशों में स्थापित करनी चाहिए। इसके अलावा अमेरिका यह शुरू से ही कहता रहा है कि भारत और अमेरिका को अन्य देशों के साथ मिलकर चीन को सप्लाई चेन से बाहर करने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसे में दोनों देशों के बीच इस मिनी ट्रेड डील के कई मायने निकाले जा सकते हैं।
अमेरिका में मौजूद भारत के राजदूत तरनजीत संधु के मुताबिक “जिस तरह कोरोना महामारी के समय में भी दोनों देशों ने एक दूसरे की मदद की है, और सप्लाई चेन को टूटने नहीं दिया है, उसने दोनों देशों में एक दूसरे के प्रति आत्मविश्वास को बढ़ाया है। अब दोनों देश जल्द ही मिनी ट्रेड डील को साइन कर सकते हैं, जिससे इस महामारी से उबरने में मदद मिलेगी”। भारतीय राजदूत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी सांसद टेड योहो भारत जैसे देशों के साथ मिलकर चीन को सप्लाई चेन से बाहर करने की बात कर रहे हैं।
सांसद टेड योहो ने एक टीवी चैनल को दिये इंटरव्यू में कहा था “अभी चीन वैश्विक सप्लाई चेन का अहम हिस्सा है और यह दुनिया के लिए खतरनाक है। हमने भारत के राजदूत के साथ मिलकर सप्लाई चेन को दुरुस्त करने की बात कही है। चीन पर और ज़्यादा आर्थिक दबाव बनाने की ज़रूरत है”।
बता दें कि भारत और अमेरिका साथ मिलकर अपनी-अपनी अर्थव्यवस्थाओं को दोबारा खोलने का प्लान बना रहे हैं। अभी सैकड़ों अमेरिकी कंपनियां चीन को छोड़कर भारत में अपने कारखाने स्थापित करना चाहती हैं और अमेरिकी सरकार भी इसके पक्ष में है। पिछले कुछ हफ्तों में अमेरिकी विदेश सचिव और भारतीय विदेश मंत्री यानि पोम्पियो और जयशंकर के बीच करीब 4 बार फोन पर बात हो चुकी है।
30 अप्रैल को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी यह कहा था कि अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और वियतनाम जैसे देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है, ताकि सप्लाई चेन को दुरुस्त किया जा सके। तब पोम्पियो ने कहा था– “हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द वैश्विक सप्लाई चेन दुरुस्त हो और हम सभी देश अपनी पूरी क्षमता पर काम कर सकें, ताकि किसी भी देश के सामने दोबारा कभी ऐसी स्थिति पेश न हो। इसका एक उदाहरण हमें भारत में देखने को मिला जब भारत ने कोविड के मरीजों के उपचार के संबंध में ज़रूरी दवाइयों के एक्सपोर्ट पर से बैन हटाकर उन्हें दुनियाभर में एक्सपोर्ट किया”।
अमेरिका को यह समझ आ चुका है, अगर चीन को घुटनों पर लाना है तो भारत जैसे देश को अपने पाले में करना ही होगा। इसीलिए अब अमेरिका व्यापार के मुद्दे पर चीन को घेरने के लिए भारत के साथ आ गया है। जैसे ही यह मिनी ट्रेड डील साइन होगी, तो अमेरिका औ र भारत एक बड़ी ट्रेड डील को पक्का करने के लिए बातचीत शुरू कर देंगे और उसका फोकस भी सप्लाई चेन पर ही रहेगा। कुल मिलाकर आने वाला समय चीन के लिए बेहद बुरा रहने वाला है और उसके लिए उसे अभी से तैयारी कर लेनी चाहिए।