एशिया के सबसे धनी व्यक्ति मुकेश अंबानी ने जब से फेसबुक के साथ डील की है, तब से रिलायंस कम्पनी एक नए रंग में दिखाई दे रही है। पिछले 3 सप्ताह में रिलायंस ने एक के बाद एक कर 3 बड़ी डील अपने हिस्से में कर ली हैं और इनसे लगभग 8 बिलियन डॉलर निवेश के तौर पर जुटा लिया है।
इस कहानी की शुरुआत लॉकडाउन में ही हुई थी जब 22 अप्रैल को फेसबुक ने जियो में 5.7 बिलियन के निवेश करने की घोषणा की थी। इस निवेश के बाद जियो में फेसबुक की हिस्सेदारी 9.99% हो गयी है।
इसके तुरंत बाद ही दो निजी इक्विटी फर्म- विस्टा इक्विटी पार्टनर्स और कैलिफोर्निया स्थित सिल्वर लेक पार्टनर्स ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की दूरसंचार और डिजिटल इकाई, रिलायंस जियो में भारी निवेश करने का फैसला लिया है।
इस सप्ताह के शुरू में, सिल्वर लेक पार्टनर्स ने रिलायंस जियो में केवल 1 प्रतिशत हिस्सेदारी 748 मिलियन अमेरिकी डॉलर में खरीदने पर सहमति जताई थी। पहले से ही फेसबुक और सिल्वर लेक पार्टनर्स से बड़े पैमाने पर निवेश को सील करने के बाद, रिलायंस जियो ने अब निजी इक्विटी दिग्गज विस्टा इक्विटी पार्टनर्स को आकर्षित किया है, जो 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश के साथ इस डिजिटल प्लेटफॉर्म में 2.3 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए सहमत हुए हैं।
एक ऐसे समूह के लिए जिसका मुख्य व्यवसाय रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल है, इन निवेशों का आना काफी बड़ी उपलब्धि है क्योंकि कोरोना के वजह से तेल की कीमतों में भारी मंदी आई है। ऐसे समय में रिलायंस जैसे रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल की कंपनी में बड़े निवेशकों का निवेश दिखाता है कि इन सभी को रिलायंस पर भरोसा है और सभी जियो के भविष्य को लेकर उत्साहित हैं।
एक तरह से देखा जाए तो जियो ने Reliance Industries Ltd. को बचा लिया है और मुकेश अंबानी फेसबुक-Jio डील के बाद जैक मा की जगह एक बार फिर एशिया का सबसे अमीर व्यक्ति बनने में कामयाब रहे हैं। b
यहाँ यह ध्यान देने वाली बात है कि निजी इक्विटी फर्म डिजिटल प्लेटफॉर्म में भारी निवेश कर रहे हैं। इसका एक ही कारण है और वह कारण है कि सबको यह विश्वास है कि आने वाले समय में जियो एक नयी ऊंचाई छूने वाला है। वे इसकी भविष्य की योजनाओं से प्रभावित हैं और इसकी संभावनाओं की दृढ़ता से पुष्टि कर रहे हैं। भारत के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा FDI, Reliance और Jio ही हुआ था जिसके बाद अब दी बड़ी कंपनियाँ एक साथ सहयोग ही नहीं बल्कि व्यापार भी करने जा रही है।
भारत के डेटा मार्केट पर मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो की ही पकड़ है और यह एशिया का सबसे अमीर आदमी डेटा की कीमत समझता है। इस पर जोर देते हुए पिछले साल वाइब्रेंट गुजरात समिट में उन्होंने कहा था, “इस नई दुनिया में, डेटा ही नया तेल है”।
बता दें कि फेसबुक-जियो के डील से Jio Mart को देश में 3 करोड़ किराना स्टोर्स से जुड़ने को नई गति मिलेगी। यह सौदा Jio Mart को व्हाट्सएप के माध्यम से रिटेल स्टोर के साथ जोड़ेगा है, जो कि Jio Mart को Amazon और Fipkart जैसे अन्य ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से आगे निकलने का मौका भी देगा।
रिलायंस कंपनी की इस सफलता के पीछे मुकेश अंबानी का कुशल नेतृत्व माना जाता है। वे हर बड़े प्रोजेक्ट में खुद दिलचस्पी लेकर अपनी रणनीति को अंजाम देने में विश्वास रखते हैं। उन्होंने देश के कई बड़े प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक पूरा किया। वे आमतौर पर मीडिया से कम बातचीत करते हैं और बाज़ार में अपनी मोनोपोली स्थापित करने में विश्वास रखते हैं। अब वे डिजिटल क्षेत्र में भी अपनी कंपनी की मोनोपली स्थापित करने की कोशिश में लगे हैं।
Reliance Jio का Facebook के साथ डील से इस कंपनी का भविष्य और भी उज्ज्वल दिखने लगा है। यही कारण है कि निजी इक्विटी फर्म जैसे विस्टा और सिल्वर लेक भी इसे लेकर उत्साहित हैं। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान निवेश के साथ, एशिया के सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी ने दिखाया है कि वे आज जहां पर भी हैं, उसका कारण क्या है।