लगता है वुहान वायरस की महामारी के साथ-साथ मलेशिया को अपनी वास्तविकता का अहसास हुआ है। कभी कश्मीर के मुद्दे पर आंखें दिखाने वाला Malaysia आज भारत के सामने भीख मांगने की स्थिति में आ गया है। पाम ऑयल के ठप पड़े एक्सपोर्ट को पुनः प्रारंभ कराने के लिए अब Malaysia चीनी और चावल तक लेने को तैयार हैं।
हाल ही में मलेशिया ने भारत के साथ चावल के एक्सपोर्ट को लेकर एक रिकॉर्ड डील साइन की है। रॉयटर्स से बातचीत के अनुसार भारत मलेशिया को इसी माह रिकॉर्ड 1 लाख टन चावल एक्सपोर्ट करेगा। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि म्यांमार, कंबोडिया और वियतनाम ने मलेशिया को एक्सपोर्ट भेजने से मना कर दिया है।
भारत ने जितना मलेशिया को पिछले पांच वर्षों में चावल नहीं एक्सपोर्ट किया होगा, उससे ज़्यादा अब भारत मलेशिया को चावल एक्सपोर्ट करने वाला है। परन्तु Malaysia के रगं इतने क्यों बदल गया है?
इसके पीछे कारण है वुहान वायरस के कारण अर्थव्यवस्था पर दोहरी मार। एक तो पहले ही इस महामारी के कारण इस देश की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा है। उसके ऊपर से भारत द्वारा पाम ऑयल के इंपोर्ट पर लगी रोक ने मलेशिया की अलग से कमर तोड़ रखी है।
पर इस मुसीबत को मलेशिया ने खुद दावत दी थी। जब से 94 वर्ष के महातिर मोहम्मद देश के प्रधानमंत्री बने थे, तभी से Malaysia और भारत के रिश्तों में तनाव बना हुआ था। पहले कश्मीर और फिर CAA, भारत के खिलाफ बेतुके बयान देने की वजह से मलेशिया की मीडिया और लोग भी अपने प्रधानमंत्री की जमकर आलोचना कर रहे थे।
ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर से पहले ही Malaysia की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचा है। ऐसे में मलेशिया के पीएम द्वारा भारत के खिलाफ बयान ने इस देश को आर्थिक आपातकाल के मुहाने पर खड़ा कर दिया था। आखिरकार जब महातिर ने इस्तीफा सौंपा, तब जाकर स्थिति थोड़ी संभाली गई।
अब मलेशिया भारत को मनाने की जी तोड़ कोशिश कर रहा है। इस साल Malaysia ने भारत से रिकॉर्ड तोड़ शुगर इम्पोर्ट किया है और नई सरकार आने के बाद तो भारत से चीनी के आयात को बहुत ज़्यादा बढ़ा दिया गया है। माना जा रहा है कि मलेशिया(Malaysia) ऐसा भारत को लुभाने के लिए कर रहा है ताकि भारत दोबारा मलेशियाई पाम ऑयल का आयात करना शुरू कर दे।
All India Sugar Trade Association के अध्यक्ष प्रफुल विठलानी के मुताबिक “Malaysia इस साल बड़ी ही आक्रामकता के साथ भारत से चीनी आयात कर रहा है, जो कि हैरानी की बात है”। आंकड़ों के मुताबिक, मलेशिया ने इस साल भारत से 3 लाख 24 हज़ार से ज़्यादा चीनी आयात की है जबकि वर्ष 2019 में यह मात्रा सिर्फ 1 लाख 10 हज़ार टन थी। इसके अलावा मलेशिया ने इस साल वर्ष 2008 के 3 लाख 13 हज़ार टन चीनी आयात करने के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है। प्रफुल ने उम्मीद जताई है कि इस साल Malaysia भारत से 4 लाख टन से ज़्यादा चीनी आयात कर सकता है।
नई सरकार ने भारत से भरपूर मात्रा में चीनी और चावल आयात कर भारत सरकार को संकेत दे दिया है कि वह भारत से संबंध सुधारने को लेकर चिंतित है। मलेशिया आमतौर से ब्राज़ील और थाईलैंड से चीनी आयात करता है, लेकिन अब वह भारत को प्राथमिकता दे रहा है। ऐसे ही चलता रहा तो हमें जल्द ही भारत और मलेशिया के सम्बन्धों में दोबारा मधुरता देखने को मिल सकती है।