पिछले दिनों हमने आपके सामने खुलासा किया था कि कैसे चीन की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी Xiaomi अपने मोबाइल browser के जरिए यूजर्स के डेटा को चीन में मौजूद अपने सर्वर में पहुंचाता है। अब Xiaomi ने भी अपनी गलती मान ली है और अपने सभी browsers को अपडेट कर दिया है। नए अपडेट के बाद अब यूजर्स को यह ऑप्शन मिलेगा कि incognito मोड में वे अपनी जानकारी को सर्वर में भेजने से रोक सकेंगे। बता दें कि पिछले हफ्ते कुछ शोधकर्ताओं ने यह दावा किया था कि Xiaomi के मोबाइल फोन incognito मोड में भी यूजर के डेटा को चीन में मौजूद Xiaomi के सर्वर में पहुंचाते हैं, जिसके बाद Xiaomi ने इन आरोपों को नकार दिया था। हालांकि, अब जब कंपनी ने अपनी इस गलती को मानकर इसे दुरुस्त कर लिया है, तो ऐसे में करोड़ों लोगों के संवेदनशील डेटा को अपने पास गैर-कानूनी तरीके से जमा करने के लिए Xiaomi कंपनी पर कार्रवाई होनी चाहिए और Xiaomi के उपाध्यक्ष और Xiaomi India के MD मनु जैन को तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
मनु जैन सिर्फ करोड़ो Mi यूजर्स के दोषी हैं
Xiaomi के फोन बेहद सस्ती कीमत पर बाज़ार में उपलब्ध होते हैं और मनु जैन के MD रहते हुए इस कंपनी ने भारत में अपने व्यापार को कई गुना बढ़ाया है। आज भारत में सबसे ज़्यादा फोन Xiaomi के ही बिकते हैं। इसके साथ ही दुनिया में apple, Samsung और हुवावे के बाद इसी कंपनी का सबसे बड़ा मार्केट शेयर है। मनु जैन सिर्फ भारत के ही दोषी नहीं हैं, बल्कि कंपनी के उपाध्यक्ष होने के नाते वे दुनिया के करोड़ो Mi यूजर्स के भी दोषी हैं। ऐसे में ना सिर्फ मनु जैन को Xiaomi कंपनी के अपने सभी पदों से इस्तीफा देना चाहिए बल्कि उनपर कानूनी कार्रवाई भी की जानी चाहिए।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि हाल ही में कुछ शोधकर्ताओं ने यह दावा किया था कि Xiaomi फोन का web browser कई महत्वपूर्ण जानकारियों को चीन में alibaba के सर्वर में पहुंचा रहा था। उस रिसर्चर ने यह भी दावा किया था कि उसका फोन यह सब रिकॉर्ड कर रहा था कि उसने कौन सा फोल्डर खोला है और वह कहाँ swipe कर रहा है, इसके साथ ही मोबाइल की कई सेटिंग्स से जुड़ी जानकारी को भी मोबाइल स्टोर कर रहा था। इसके अलावा browser को लेकर भी यह दावा किया गया था कि यह बाकी browsers से अधिक जानकारी को कंपनी के सर्वर तक पहुंचाता है और यह प्रक्रिया incognito मोड में भी जारी रहती है, जिसके बाद कंपनी ने इसे गलत करार दिया था। हालांकि, अभी इसी कंपनी ने अपनी गलती को दुरुस्त करने की बात भी कही है।
मनु जैन कई मौकों पर अपने आप को बहुत बड़ा राष्ट्रवादी घोषित करने की बात कह चुके हैं, और इसके साथ ही वे Xiaomi फोन का भारत में उत्पादन कर make in India मुहिम के प्रति भी अपनी प्रतिबद्धता दिखा चुके हैं। हालांकि, अगर मनु जैन इस गलतफहमी में हैं कि Xiaomi कंपनी भारत में मोबाइल बनाकर भारत पर कोई अहसान कर रही है और इसके बदले में कंपनी को भारत के लोगों की निजता की धज्जियां उड़ाने की खुली छूट दे दी जाएगी, तो बेशक यह उनका सबसे बड़ा वहम है। भारत सरकार को ना सिर्फ Xiaomi कंपनी को कटघरे में खड़ा करना चाहिए बल्कि मनु जैन को भी तुरंत अपने पद से इस्तीफा देकर कानून के सामने सरेंडर कर देना चाहिए।