मशहूर सिंगिंग-डासिंग स्टार हैं इसलिए जिनपिंग की पत्नी को WHO ने बना दिया गुडविल एंबेसडर!

लेकिन जिनपिंग की पत्नी हैं ये बात दबा ली...आखिर क्यों??

WHO ने किस तरह से वुहान वायरस के जनक चीन की जी हुजूरी की है, इससे कोई भी अनभिज्ञ नहीं है। लेकिन हद तो तब हो गई जब पता चला कि हाल ही में पेंग लियुआं को WHO के गुडविल एम्बेसडरों में शामिल किया है.

अब आप पूछेंगे कि इसमें आपत्ति वाली बात क्या है? दरअसल, पेंग लियुआं हैं चीनी राष्ट्रध्यक्ष शी जिनपिंग की पत्नी, और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी में चीनी सॉन्ग एंड डांस विभाग की अध्यक्ष भी हैं, जिस कारण इन्हें सिविल सेवा में प्रथम दर्जा और सैन्य स्तर पर मेजर जनरल की रैंक दी गई है। यह हम नहीं कह रहे, स्वयं WHO ने इसे इनके आधिकारिक बायो में शामिल किया है।

अब WHO ने ना जाने किन कारणों से पेंग की अन्य योग्यताओं को शामिल नहीं किया है, और इसीलिए उनकी वास्तविक योग्यता पर प्रश्न किए जाने लगे हैं।

WHO की इन्फॉर्मेशन सेक्शन में पेंग के शी जिनपिंग से संबंध पर कोई प्रकाश नहीं डाला गया है, क्योंकि यदि ऐसा हुआ, तो WHO के साथ साथ चीन की पोल भी खुल जायेगी। पेंग की नियुक्ति यह सिद्ध करती है कि कैसे WHO की विश्वसनीयता रसातल में जा चुकी है, और कैसे WHO को बीजिंग का पालतू जानवर बनने में कोई आपत्ति नहीं है।

बिना किसी प्रावधान के पेंग की नियुक्ति इस बात को सिद्ध करती है कि कैसे चीन सॉफ्ट पावर का उपयोग कर अंतरराष्ट्रीय संगठन को अपनी मुट्ठी में करना चाहती है। वैसे भी UN के बजट में दूसरा बड़ा योगदान तो चीन का ही रहा है। वैसे भी पेंग लियुआन को उनकी गायकी के लिए कम और विवादों के लिए अधिक जाना जाता है। मोहतरमा को 1989 के कायराना टियनानमेन स्क्वायर नरसंहार के पश्चात चीनी सैनिकों के लिए कार्यक्रम में गाना गाती हुई भी देखी गई थीं।

आज भी टियनानमेन नरसंहार से कई चीनी अनभिज्ञ हैं। जो कोई भी इसके बारे में बात भी करना चाहता है, उसे चीनी सरकार कुचल कर रख देती है. 4 जून को चीन में इंटरनेट मेंटेनेंस दिवस के तौर पर मनाया जाता है, और इस दिन पूरे चीन का इंटरनेट ठप रहता है, क्योंकि इसी दिन टियनानमेन नरसंहार को 1989 में अंजाम दिया गया था। ऐसे में पेंग लियुआन की नियुक्ति कोई हैरानी की बात नहीं है।

WHO ने वुहान वायरस की भयावहता को दुनिया से छुपाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। इसकी आलोचना करते एक बार अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्वीट किया-

“जिसे हमने इतना पैसा दिया, वो WHO आज चीन की चाटुकारिता कर रहा है। इस पर हम अवश्य ध्यान देंगे। अच्छा हुआ कि उनकी चीन के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध और आवाजाही वाली सलाह मैंने नहीं मानी थी। हमें इतना घटिया सुझाव आखिर WHO ने क्यों दिया?”

बता दें कि चीन के वुहान में उत्पन्न चीनी वायरस पूरी दुनिया में उत्पात मचा रहा है। अब तक साढ़े तीन लाख से ज़्यादा लोग इससे मृत्यु को प्राप्त हो चुके हैं, और इस बीमारी का सबसे घातक प्रभाव अमेरिका पर ही पड़ा है, जहां लगभग 20 लाख लोग इस महामारी से संक्रमित है और करीब 1 लाख लोग इस बीमारी से मृत्यु को प्राप्त हो चुके हैं।

चीन तो इस महामारी को विश्व में फैलाने के कारण आलोचना के घेरे में है ही, इसके अलावा WHO पर भी इस महामारी की भयावहता छुपाने का आरोप लगा है। कुछ हफ्तों पहले फ्लॉरिडा से रिपब्लिक पार्टी की ओर से सीनेटर रिक स्कॉट ने कांग्रेस द्वारा WHO और चीन के गुप्त सम्बन्धों की जांच करने की मांग उठाने का फैसला लिया। इसी के साथ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि WHO अमेरिकी पैसे लेकर चीन के प्रोपेगैंडे को दुनियाभर में फैलाने का काम कर रहा है, ऐसे में इस संस्था की जांच की जानी चाहिए।

पेंग लियुआन की बतौर UN गुडविल एम्बेसडर के तौर पर नियुक्ति यही सिद्ध करती है कि WHO के लिए एक ही मंत्र लागू होता है “बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपैया!” ऐसे में ये अब चीन का एक अनाधिकारिक प्रवक्ता बन चुका है, जो चीन के एक इशारे पर दुनिया को ख़तरे में डालने से पहले एक बार भी नहीं सोचेगा।

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