जैसे-जैसे दुनियाभर और खासकर भारत में चीन का बहिष्कार करने की मांग तेजी से उठाई जाने लगी है, वैसे-वैसे अब चीनी कंपनियों ने भी चीन से किनारा करना शुरू कर दिया है। भारत में करोड़ों-अरबों का बिजनेस करने वाली Realme और Poco जैसी कंपनियां अपने आप को भारतीय बताने पर तुली हुई हैं। सोशल मीडिया पर चीन के भारी विरोध के बीच इन दोनों कंपनियों ने आकर यह बताया कि ये दोनों ही कंपनियां भारत में जन्मी हैं और भारतीय लोगों को रोजगार प्रदान करती हैं। इसी के साथ Xiaomi और Oppo जैसी कंपनियां भी भारतीय नागरिकों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शा रही हैं। साफ है कि जिस प्रकार तेजी से भारत में चीन के बहिष्कार की मांग उठाई जा रही है, ऐसे में इन कंपनियों को अपना व्यापार खोने का खतरा महसूस होने लगा है। इसी कारण से अब इन्होंने अपने आप को भारतीय दिखाने का पैंतरा अपनाया है।
दरअसल, हाल ही में YouTube पर एक कार्यक्रम में Realme India के CEO माधव सेठ ने यह दावा किया कि Realme एक भारतीय स्टार्टअप है, और यह कोई चीनी कंपनी नहीं है। सेठ ने यह भी कहा कि Realme सबसे पहले अपने नए gadgets किसी और देश में नहीं, बल्कि भारत में ही लॉन्च करती है। सेठ ने कहा “हम अपने मोबाइल फोन के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली 60 प्रतिशत सप्लाई भारत से ले ही लेते हैं, और वे भारत में 7500 लोगों को रोजगार देते हैं”। इस प्रकार उन्होंने उन लोगों को शांत करने की कोशिश की, जो बार-बार Realme की रूट्स को लेकर सवाल पूछ रहे थे। हालांकि, माधव सेठ के दावों के उलट Realme अब भी एक चीनी कंपनी “BBK Electronics Corporation” की शाखा के तौर पर ही काम करती है, जबकि पहले यह चीन की ही एक अन्य कंपनी Oppo के साथ भी काम कर चुकी है।
इसके साथ ही Xiaomi भी अब भारतीयों को लुभाने के लिए मैदान में उतर चुकी है। हाल ही में चीनी कंपनी Xiaomi India के CEO मनु जैन ने दावा किया था कि कंपनी के 99 प्रतिशत मोबाइल फोन भारत में ही बनाए जाते हैं। ऐसे ही Poco India भी अपने आप को भारतीय बताने पर तुली हुई है। Poco कंपनी ने हाल ही में ट्वीट कर यह जानकारी दी थी कि Poco का जन्म दो साल पहले नई दिल्ली में ही हुआ था। बता दें कि Poco पहले चीनी कंपनी Xiaomi का sub-brand था, लेकिन अब वह स्वतंत्र रूप से काम करती है।
भारत में काम करने वाली ये कंपनियां ही नहीं, बल्कि स्वयं चीन में काम करने वाली चीनी कंपनियां भी चीन से किनारा करने की कोशिश में लगी हैं। हाल ही में Reuters की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि Tiktok के स्वामित्व वाली चीनी कंपनी Bytedance अपनी पूरी मैनेजमेंट को चीन से बाहर शिफ्ट करने पर विचार कर रही है। चीनी कंपनी होने के अलावा Tiktok पर लोगों का डेटा चुराने और देश की सुरक्षा को खतरे में डालने के आरोप लगते रहे हैं, जिसके कारण भारत समेत दुनियाभर में TikTok का विरोध देखने को मिलता है। ऐसे में कंपनी को लग रहा है कि अब चीन से बाहर जाकर ही उनका कुछ गुजारा हो सकता है।
साफ है कि जिस प्रकार भारत-तिब्बत बॉर्डर पर चीन की आक्रामकता के बाद भारतीयों ने चीन का बहिष्कार करने का प्रण लिया है, उससे कई कंपनियों के हाथ-पाँव फूल गए हैं और वे चीन से नाता होने के बावजूद अपने आप को भारतीय बताने का दावा करने पर मजबूर हुई हैं।