“Jio है क्लीन कंपनी”, माइक पोम्पियो की तारीफ के बाद Jio जल्द ही गाड़ सकती है अमेरिका में अपने झंडे

अमेरिका वालों तैयार हो जाओ: हमारी Jio तहलका मचाने आ रही है

Jio

रिलायंस Jio ने किस प्रकार से दुनिया भर में तहलका मचाया हुआ है, ये किसी से नहीं छुपा है। अब स्वयं अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो भी इसके दीवाने हो चुके हैं और उन्होने हाल ही में Jio के बारे में जमकर तारीफ भी की है।

चीनी टेलिकॉम कंपनी Huawei का वर्चस्व तोड़ने के संबंध में बात करते हुए एक प्रेस वार्ता में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने संवाददाताओं को बताया की कैसे Jio विश्व के लीडिंग टेलीकॉम ऑपरेटर में से एक है। उनके अनुसार जियो उन चुनिन्दा ऑपरेटरों में शामिल है, जिनमें किसी प्रकार की चीनी मिलावट नहीं है, और इसीलिए जियो एक ‘क्लीन टेलिकॉम’ऑपरेटर है। जिस समय अमेरिका विश्व में लगभग हर वस्तु पर चीन के वर्चस्व को खत्म करने की कोशिश में लगा है, और वह टेलिकॉम क्षेत्र में Huawei के वर्चस्व को तोड़ना चाहता है, ऐसे में ये बयान बहुत अहमियत रखता है।

माइक पॉम्पियो यहीं पर नहीं रुके। उन्होने आगे यह भी कहा, “Huawei चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के इनफ्रास्ट्रक्चर का एक अहम हिस्सा है, और मैं बहुत खुश हूँ की जियो का एक भी उपकरण इस कंपनी द्वारा नहीं बनाया गया है। पूरी दुनिया इस समय Huawei के विरुद्ध है, क्योंकि विश्व को अब इस सर्वेलांस स्टेट [चीन] की कड़वी सच्चाई पता चल रही है”।

अब अमेरिका सहित कई ऐसे देश हैं, जैसे की ब्रिटेन, औस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया इत्यादि, जो चीन के ऊपर तकनीक के लिए आश्रित नहीं रहना चाहते हैं। उन्हें तलाश है एक बेहतर विकल्प की, जो ना केवल उच्चतम सुविधाएं प्रदान करे, अपितु जेब पर भी ज़्यादा भार ना पड़े।

तो Jio यह आवश्यकताएं कैसे पूरी करेगा? दरअसल, जब JIO को 2016 के अंत में लॉन्च किया गया था, तो उसका सबसे प्रमुख उद्देश्य था कि जन-जन को कम दाम पर विश्व स्तरीय टेलीकॉम सुविधाएं मिलें। JIO के कारण भारत के टेलीकॉम उद्योग में ऐसी क्रांति आई कि क्या डेटा, क्या कॉल रेट, सभी के दामों में भारी गिरावट आई। उदाहरण के लिए जो इंटरनेट प्रति जीबी 250 रुपए से अधिक के दाम पर 2014 में मिलता था, आज वो मात्र 12 रुपए प्रति जीबी के हिसाब से उपलब्ध है।

इसके अलावा जियो 5G तकनीक के मामले में चीन से भी कम लागत पर उत्कृष्ट सुविधाएं प्रदान कर सकता है। जियो ने पिछले कुछ समय में अपने ही दम पर इस तकनीक को विकसित करने में कड़ी मेहनत की है। जियो सक्रिय रूप से कार्बनिक और अकार्बनिक अप्रोच के मिश्रण के माध्यम से 5जी और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) प्रौद्योगिकी कैपेसिटी का निर्माण कर रही है। यह कदम न केवल भारत में, बल्कि विश्व स्तर पर भी पहला है, क्योंकि अधिकांश ऑपरेटर नेटवर्क उपकरणों के लिए टेक्नोलॉजी वेंडर पर निर्भर हैं। जियो के अधिकारियों के मुताबिक“जियो ने 5जी तकनीक संबंधित सब कुछ एंड-टू-एंड डेवलप किया है। बाकी वेंडर की तुलना में जियो अधिक स्केलेबल और पूरी तरह से स्वचालित हैं क्योंकि जियो के पास अपना स्वयं का क्लाउड-नैटिव प्लेटफॉर्म है”।

इतना ही नहीं, JIO के स्वामी और प्रख्यात उद्योगपति मुकेश अंबानी ने 25 फरवरी को अमेरिका के टेलीकम्युनिकेशन के सूरमाओं के साथ हुई एक मेगा कॉन्फ्रेंस में ये खुलेआम घोषणा की थी, “हमारी कंपनी दुनिया में पहली ऐसी कंपनी होगी, जिसके 5 जी तकनीक का एक भी उपकरण चीनी मूल का नहीं है”।

ऐसे में माइक पॉम्पियो द्वारा जियो की तारीफ करना बहुत मायने रखता है, क्योंकि वे भी रिलायंस Jio को Huawei के बेहतर विकल्प के रूप में देख रहे हैं। ऐसे में अब वो दिन दूर नहीं है, जब पूरी दुनिया में जियो का डंका बजेगा, और विश्व टेलिकॉम में भारत का भी नाम होगा।

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