चीन और चीन की कंपनियाँ शुरू से फर्जीवाड़े के लिए बदनाम हैं। अब एक ऐसे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है जो न सिर्फ देश की जनता बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए भी बेहद घातक है। चीन की जानी मानी मोबाइल कंपनी VIVO के इस फर्जीवाड़े में यह खुलसा हुआ है कि इस कंपनी ने TRAI के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए एक ही IMEI के देशभर में करीब साढ़े 13 हजार मोबाइल बेचें हैं। यह खुलासा मेरठ जोन पुलिस की साइबर क्राइम सेल की जांच के बाद हुआ।
अब चीन की वीवो कंपनी व उसके सर्विस सेंटर के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर मेरठ की मेडिकल थाना पुलिस ने जांच-पड़ताल शुरू कर दी है।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, चीन की एक बड़ी मोबाइल कंपनी वीवो ने भारत में एक ही IMEI नम्बर के हजारों मोबाइल फोन बाजार में उतारें हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि केन्द्र शासित प्रदेशों और देश के 28 राज्यों में जगह-जगह एक ही आईएमईआई नंबर पर कई मोबाइल फोन एक्टिव होने के प्रमाण पुलिस जुटा चुकी है।
हैरानी की बात यह है कि उत्तर प्रदेश में एक ही आईएमईआई नंबर पर सक्रिय मोबाइल फोन की संख्या सबसे ज्यादा है।
बता दें कि IMEI यानी इंटरनेशनल मोबाइल इक्यूपमेंट आईडेंटी किसी भी मोबाइल की पहचान होती है जैसे भारत में सभी का एक अलग आधार नंबर है। जैसे एक आधार के दो व्यक्ति नहीं हो सकते वैसे ही भारत में एक IMEI पर दो फोन नहीं का चाहिए का नियम नहीं है। मोबाइल बनाने वाली कंपनी किसी भी मोबाइल को आईएमईआई देती है।
ADG राजीव सबरवाल के अनुसार, कुछ वर्षों पहले जब चाइनीज फोन आए थे तब उनका IMEI नंबर एक ही होता था। सुरक्षा के लिहाज से यह खतरा था। इसलिए भारत सरकार ने सभी नंबरों को ब्लैक लिस्ट किया। इसके बाद ट्राई के नियम लागू हुए। इसके तहत एक आईएमईआई सिर्फ एक मोबाइल को दिया जा सकता है।
अब हुए खुलासे में यह बात सामने आई है कि एक ही IMEI नंबर के 13 हजार से अधिक फोन बाजार में है। बता दें कि यह जांच पिछले वर्ष एक शिकायत आने के बाद शुरू हुई थी।
यह नियमों के उल्लंघन के साथ देश की सुरक्षा के लिहाज से भी खतरा है। अगर किसी IMEI वाले मोबाइल से कोई अपराध हुआ तो 13 हजार लोगों में से अपराधी को ढूंढना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए अब इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
साइबर सेल ने पूरे मामले में वीवो इंडिया के नोडल अधिकारी हरमनजीत सिंह को 91 CRPC के तहत नोटिस दिया गया लेकिन नोटिस के जवाब से पुलिस संतुष्ट नहीं हुई। वह यह भी नहीं बता पाए कि ट्राई के किस नियम के अनुसार एक IMEI एक से ज्यादा मोबाइल नंबर पर सक्रिय नहीं होना चाहिए। साइबर सेल ने माना है कि इस मामले में मोबाइल कंपनी की घोर लापरवाही और ट्राई के नियमों का उल्लंघन है।
बता दें कि VIVO चीन में स्थित BBK इलेक्ट्रॉनिक्स की ही कंपनी है। हाँग काँग में स्थित काउंटरपॉइंट रिसर्च के क्यू3 डेटा के अनुसार दुनिया में स्मार्टफोन उत्पादन के लिहाज से BBK इलेक्ट्रॉनिक्स दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। भारत में अपने पाँव जमाने के बाद इस तरह से इस चीनी कंपनी की धोखाधड़ी से कई सवाल पैदा होते हैं। आखिर यह चीनी कंपनी किस सजिश के तहत एक ही IMEI के मोबाइल बेच रही थी? क्या इसे नियमों के बारे में पता नहीं था?
अब केंद्र सहित TRAI को भी इस मामले पर संज्ञान लेना चाहिए और VIVO सहित अन्य जो भी कंपनियाँ इस तरह की धोखाधड़ी में लिप्त हैं उन्हें दंड देना चाहिए।