आनंद महिंद्रा- महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हें परिचय की कोई आवश्यकता नहीं है। वे ना सिर्फ एक सफल बिजनेसमैन हैं, बल्कि दिल के सच्चे राष्ट्रवादी भी हैं। पिछले कुछ सालों में वे कई मौकों पर देश के साथ खड़े हुए हैं, और यह बड़ी बात है क्योंकि आजकल देश के साथ खड़ा होना कुछ लोगों के लिए फ़ैशन में नहीं है। अब भारत-चीन का बॉर्डर तनाव ही देख लीजिये। चीनी आक्रामकता के बाद आनंद महिंद्रा ने देश को वैश्विक उत्पादन केंद्र बनाने का संकल्प लिया है, जहां ना सिर्फ घरेलू इस्तेमाल के लिए उत्पादन बनें बल्कि भारत इन्हें दूसरे देशों को भी एक्सपोर्ट करे।
आनंद महिंद्रा आजकल प्रोपेगेंडावादी चीनी मीडिया का भी डटकर मुक़ाबला कर रहे हैं। CCP की मीडिया अक्सर अपने विरोधियों के खिलाफ मानसिक युद्ध छेड़कर रखती है, जहां वह चीन को एक अभेद्य शक्ति के तौर पर दर्शाने की कोशिश करती है। इसी कड़ी में हाल ही में CCP के तोते और Global Times के मुख्य संपादक हु शीजीन ने भारत को भाषण देते हुए एक ट्वीट किया “अगर चीन के लोग भी भारत के सामान का boycott करना चाहें, तो उन्हें कुछ खास मिलेगा ही नहीं। भारत के दोस्तों, राष्ट्रवाद के अलावा कुछ और है आपके पास”।
Well, even if Chinese people want to boycott Indian products, they can't really find many Indian goods. Indian friends, you need to have some things that are more important than nationalism. pic.twitter.com/6zauhqYbXH
— Hu Xijin 胡锡进 (@HuXijin_GT) June 29, 2020
भारत पर इस तरह के कटाक्ष के बाद आनंद महिंद्रा मैदान में उतरे और उन्होंने ट्वीट किया “मैं समझता हूँ कि यह ट्वीट भारत के लिए सबसे प्रभावी प्रेरणा और हुंकार की तरह काम कर सकता है। हमें प्रेरित करने के लिए धन्यवाद! हम ज़रूर उठेंगे”।
I suspect this comment might well be the most effective & motivating rallying cry that India Inc. has ever received. Thank you for the provocation. We will rise to the occasion…🙏🏽 https://t.co/LZbQhS8xVW
— anand mahindra (@anandmahindra) June 30, 2020
आनंद महिंद्रा ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें चुनौतियों से डर नहीं लगता, और इसलिए वे देश के लिए लड़ते हैं। हाल ही में महिंद्रा ने घोषणा की थी कि उनकी टीम ने ऐसे जीवनरक्षक वेंटीलेटर बनाए हैं, जो सिर्फ 7500 रुपये में उपलब्ध हो जाते हैं। बता दें कि बाज़ार में एक वेंटिलेटर की कीमत 5 से 10 लाख रुपये के बीच पड़ती है।
भारत सरकार ने जिस प्रकार चीन को सबक सिखाने के लिए 59 चीनी एप्स को बैन करने का फैसला लिया है, उसने भी महिंद्रा को बड़ा अवसर प्रदान किया है, जिसके बाद वे देश में IT क्रांति का नेतृत्व कर सकते हैं। चीन के खिलाफ खड़ा होने की बात कहकर आनंद महिंद्रा पहले ही बड़ा संकेत दे चुके हैं। इसके अलावा महिंद्रा जैसे एक reputed और विश्वसनीय ब्रांड के लिए एप मार्केट में तहलका मचाना कोई बड़ी बात नहीं होगी। महिंद्रा के पास पूंजी की भी कोई कमी नहीं है। ऐसे में जब आनंद महिंद्रा चीन की चुनौती को स्वीकार कर ही चुके हैं, तो उनसे उम्मीद लगाई जा सकती है कि वे जल्द ही IT के क्षेत्र में बड़ी घोषणा कर सकते हैं। एक बिजनेसमैन होने के नाते, यह उनके लिए एक अवसर भी है और ज़िम्मेदारी भी!
महिंद्रा ग्रुप भारत का अंतर्राष्ट्रीय विश्वसनीय ब्रांड है, जो 100 से ज़्यादा देशों में ऑपरेट करता है। कंपनी का हेडक्वार्टर मुंबई में है। यह ग्रुप एयरोस्पेस, एग्रीबिजनेस, आफ्टरमार्केट, ऑटोमोटिव, निर्माण कार्य, रक्षा, ऊर्जा, कृषि औज़ार, फाइनेंस, IT जैसे क्षेत्रों में ऑपरेट करता है। जनवरी 2020 में पद्म भूषण आनंद महिंद्रा की संपत्ति 1.6 बिलियन डॉलर थी। वर्ष 2011 में उन्हें एशिया के टॉप 25 ताकतवर उद्योगपतियों की लिस्ट में शामिल किया गया था। जैसा आनंद महिंद्रा ने बताया, चीन ने अब भारत को ललकारा है, और भारत के खिलाफ जहर उगला है। अगर इसका माकूल जवाब नहीं दिया गया, तो यह देश के लिए शर्म की बात होगी। ऐसे में अब भारत के उद्योगपतियों को सामने आकर चीन की हेकड़ी निकालने के लिए कदम उठाने होंगे।