हाल ही में चीन ने अपनी विस्तारवादी नीति के तहत भूटान के भी कुछ इलाके पर अपना दावा ठोका था। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने कहा था कि Bhutanके साथ उसका लंबे समय से पूर्वी, मध्य और पश्चिमी इलाके में सीमा विवाद है। चीन ने भारत की ओर इशारा करते हुए यह भी कहा था कि किसी तीसरे पक्ष को चीन-भूटान सीमा विवाद में उंगली नहीं उठानी चाहिए। अब भारत ने चीन को उसकी जगह बताते हुए इस विवाद में कूदने का प्लान बनाया है।
दरअसल, अब भारत ने भूटान के सामने चीन द्वारा claim किए गए इलाके में सड़क बनाने का प्रस्ताव पेश किया है। चीन भूटान के “येती” के साथ-साथ भारत के “तवांग” इलाके पर अपना दावा ठोकता है, और भारत की यह सड़क दोनों इलाकों से गुज़रेगी। इसके साथ ही सड़क बनने के बाद युद्ध की स्थिति में भारतीय सेना को तवांग तक पहुँचने में कम समय लगेगा। दोनों देशों ने साफ संकेत दिया है कि चीन की आक्रामकता के खिलाफ Bhutan अकेला नहीं है और चीन को भारत द्वारा कड़ा जवाब दिया जाएगा।
भारत द्वारा प्रस्तावित यह सड़क तवांग के पास लुमला को भूटान में त्राशिंगैंग को जोड़ेगी। भारत और भूटान दोनों को इसमें अपने सुरक्षा हित नजर आ रहे हैं। दरअसल, ये सड़क भूटान के जिस इलाके से होकर गुजरेगी उसमें Bhutan के पूर्वी इलाके में स्थित साकतेंग वाइल्डलाइफ सैंचुरी भी मौजूद है। जून में चीन ने इस सैंचुरी को अंतरराष्ट्रीय फंड मिलने पर विवादित क्षेत्र बताते हुए इसपर अड़ंगा लगाने की कोशिश की थी। तब चीन ने यह भी दावा किया था कि Bhutan के साथ उसका सीमा विवाद सुलझा नहीं है, जिसके बाद भूटान ने चीन के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।
चीन अपनी विस्तारवादी नीति के तहत कोरोना के बाद सब देशों की ज़मीन को हथियाने की योजना पर काम कर रहा है। चीन ने सबसे पहले लद्दाख में भारत के साथ विवाद भड़काया, उसके बाद चीन ने जापान के सेनकाकु द्वीपों पर अपना कब्जा जमाने का प्लान बनाया। इसके बाद चीन ने दक्षिण पूर्व एशिया के देशों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। चीन ने ताइवान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने की धमकी तक दे डाली। हद तो तब हो गयी जब चीन ने भूटान की ज़मीन पर भी दावा ठोक डाला। चीन को लगा था कि भूटान जैसे छोटे से देश की ज़मीन पर अपना दावा ठोकने के बाद उसे कोई परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। हालांकि, इस विवाद में भारत की एंट्री चीन के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं होगी।
गलवान मामले के बाद भारत चीन को सबक सिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है। भारत में चीनी एप्स बैन करनी हों, या फिर चीनी निवेश पर अनौपचारिक पाबंदी लगाना हो, भारत ने चीन को आर्थिक झटके देने में कोई कसर नही छोड़ी है। अब Bhutan के सामने सड़क निर्माण का प्रस्ताव रखकर भारत ने संकेत दे दिया है कि भारत चीन के खिलाफ किसी सैन्य कार्रवाई से भी पीछे नहीं हटेगा, और भूटान के खिलाफ किसी भी चीनी आक्रामकता को हल्के हाथों से नहीं लिया जाएगा।