पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह से हाँग काँग के राजनीतिक पटल पर भूचाल आया है, उस हिसाब से लंदन इस क्षेत्र के सम्पन्न लोगों के लिए एक उचित आसरे के रूप में सामने आ रहा है। अब जब से चीन ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून जैसे बर्बर अधिनियम को लागू किया है, तो कई लोगों ने लंदन को अपना दूसरा घर बनाते लाखों डॉलर का निवेश किया है, ताकि वे जल्द ही लंदन में शिफ्ट हो सकें।
मई माह में कई ब्रिटिश डेवेलपर्स ने Hong Kong के नागरिकों को ढाई करोड़ डॉलर की हाउसिंग प्रॉपर्टी बेची, और चूंकि ब्रिटिश सरकार ने हाँग काँग के पक्ष में कई वैधानिक सुधार किए हैं, इसलिए उन्हें इस साल काफी राजस्व मिलने की आशा है। ईको वर्ल्ड इंटरनेशनल बेरहद नामक प्रॉपर्टी संगठन के अध्यक्ष एवं सीईओ टेओव लियोंग सेंग का मानना है, “हाँग काँग निवेश के मामले में काफी आगे चलता है, और यहाँ के लोगों ने लंदन में खूब निवेश किया है। अभी यूके ने अपने वीज़ा सिस्टम में Hong Kong के हित में जो बदलाव किए हैं, उसके कारण कई लोग यहाँ पर अपनी प्रॉपर्टी खरीदने को इच्छुक हैं”।
जबसे ब्रेक्जिट सम्पन्न हुआ है, यूके के करेंसी पाउंड में काफी गिरावट आई है, जिसके कारण हाँग काँग के सम्पन्न लोगों के लिए यूके, विशेषकर लंदन, निवेश के लिए काफी आकर्षक बन गया है। इसके अलावा जब से चीन ने अपने बर्बर नेशनल सिक्योरिटी लॉ को हाँग काँग पर थोपा है, ब्रिटेन ने करीब 30 लाख हाँग काँग के निवासियों को लंदन में आकर काम करने और संपत्ति खरीदने का अधिकार दिया है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के अनुसार हाँग काँग के नागरिकों को ब्रिटेन में काम करने और गर्व से रहने का अधिकार मिलेगा, जो उन्हें ब्रिटिश नागरिक बनाने में सहायता भी करेगा।
प्रारम्भ से ही लंदन हाँग काँग के धनाढ्य लोगों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं रहा है। ब्यूचेंप एस्टेट्स की रिसर्च के अनुसार लंदन में करीब Hong Kong निवासी संपत्ति के मालिक है। चीन में भले ही बाहरी निवेश पर रोक लगी हो, पर Hong Kong में अब तक ऐसी कोई रोक नहीं थी, जिसके कारण ब्रिटेन में जमकर निवेश किया जा रहा है।
यूरोप, विशेषकर यूके में लक्ज़री हाउसिंग सेक्टर में मानो आर्थिक मंदी के कारण अकाल सा आ गया था। परंतु चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पारित होते ही मानो ब्रिटेन को मुँहमांगा वरदान मिल गया, और पिछले एक साल से ही Hong Kong ब्रिटेन में लाखो डॉलर का निवेश हाउसिंग सेक्टर में विशेष रूप से कर रहा है। एक ऐसे ही रीयल एस्टेट एजेंसी के मालिक स्टीवन हर्ड के अनुसार, “हम एक बार फिर हाँग काँग के निवासियों को भारी संख्या में आते हुए देख रहे हैं। हम देख रहे हैं कि वे लंदन को अपना दूसरा घर मानने लगे हैं, और यहाँ इसलिए निवेश कर रहे हैं, ताकि वे सही समय पर तुरंत यहाँ शिफ्ट हो सके और हाँग काँग में बर्बर शासन से छुटकारा पा सके”।
लंदन पिछले कई दशकों से धनाढ्य लोगों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं रहा है। इसी प्रकार से हाँग काँग में हो रहे राजनीतिक उथल पुथल के कारण लंदन अब Hong Kong के धनाढ्य नागरिकों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। जो चीन ने खोया, वो यूके ने अब पाया है, और ये नुकसान आने वाले समय में चीन को बहुत ज़्यादा भारी पड़ने वाला है।