सोमवार को अमेरिकी टेक दिग्गज कंपनी गूगल ने यह ऐलान किया कि वह भारत में 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानि करीब 75 हज़ार करोड़ रुपये निवेश करने जा रही है। कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई ने सोमवार का गूगल फ़ॉर इंडिया के सालाना कार्यक्रम में इसकी घोषणा की। सुंदर पिचाई ने इस अवसर पर कहा कि भारत की डिजिटल अर्थव्यस्था को बढ़ावा देने के लिए गूगल कंपनी 10 अरब अमरीकी डॉलर यानी क़रीब 75 हज़ार करोड़ रुपए का निवेश करेगी। गूगल के इस फैसले की Timing पर ध्यान देना अधिक आवश्यक है। हाल ही में भारत ने 59 चीनी एप्स को बैन किया था, जिसे गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियों के लिए भी एक कड़ी चेतावनी के रूप में देखा गया था। अब इसके बाद गूगल द्वारा इतने बड़े निवेश का फैसला लिए जाने का साफ संकेत है कि गूगल अपने आप को भारत सरकार की किसी भी संभावित कार्रवाई से बचाना चाहता है।
Today at #GoogleForIndia we announced a new $10B digitization fund to help accelerate India’s digital economy. We’re proud to support PM @narendramodi’s vision for Digital India – many thanks to Minister @rsprasad & Minister @DrRPNishank for joining us. https://t.co/H0EUFYSD1q
— Sundar Pichai (@sundarpichai) July 13, 2020
बता दें कि पिछले कुछ समय से गूगल, फेसबुक जैसी अमेरिकी टेक कंपनियों और भारत सरकार के बीच कुछ मुद्दों पर तनाव चल रहा है। भारत सरकार चाहती है कि भारत के यूजर्स के डेटा को भारत के सर्वर्स पर ही स्टोर किया जाये। ऐसे में गूगल को भारत में सर्वर स्थापित करने के लिए निवेश करना पड़ेगा। अब तक ये अमेरिकी कंपनियाँ भारत सरकार के इस निर्देश को हल्के में ले रही थीं या भारत सरकार पर अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का दबाव बना रही थीं। हालांकि, चीनी एप्स पर बैन के तुरंत बाद अब गूगल लाइन पर आता दिखाई दे रहा है।
भारत में चीनी एप्स पर बैन के कारण अमेरिकी टेक कंपनियों को बड़ा फायदा हो सकता है। भारत के करोड़ों TikTok और अन्य Chinese Apps के यूजर्स अब अन्य एप्स की तलाश में हैं और गूगल (YouTube), एवं फेसबुक उनमें से एक हैं। हालांकि, भारत सरकार भारतीय एप्स को प्रमोट कर रही है। ऐसे में गूगल और अन्य अमेरिकी कंपनियों को डर है कि कहीं आत्मनिर्भर भारत के तहत अमेरिकी कंपनियों का भी पत्ता न कट जाये। इसीलिए गूगल की ओर से यह बड़ा कदम देखने को मिल सकता है।
बता दें कि हाल ही में बॉर्डर पर हिंसक झड़प के बाद चीन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए भारत ने टिकटॉक, Shein, shareit जैसी पोपुलर चीनी एप्स को ब्लॉक कर दिया था। तब सरकार ने अपने बयान में स्पष्ट कहा था कि,“हमारे पास विश्वसनीय सूचना है कि ये एप ऐसे गतिविधि में लगे हुए थे, जिससे हमारी संप्रभुता और अखंडता और रक्षा को खतरा था, इसलिए हमने ये कदम उठाए।” यही नहीं सरकार ने संकेत दिया था कि आगे भी इसी तरह के और भी कदम उठाए जा सकते हैं।
बता दें कि गूगल भारत में अपने निवेश को बढ़ाने वाली इकलौती अमेरिकी कंपनी नहीं है। बल्कि, फेसबुक भी इससे पहले भारत की Reliance Jio कंपनी में निवेश कर चुकी है। फेसबुक ने हाल ही में 43,574 करोड़ रुपये निवेश कर Jio में 10 प्रतिशत की हिस्सदारी खरीदने का ऐलान किया था। अमेरिकी कंपनियों को भारत के टेक बाज़ार में बड़े अवसर दिखाई दे रहे हैं। चीनी एप्स पर बैन के बाद तो यह अवसर और भी ज़्यादा बढ़ गए हैं। इसी के कारण हमें गूगल और फेसबुक की ओर से यह निवेश देखने को मिल रहे हैं।