चीन द्वारा Hong Kong की स्वायत्ता को खत्म करने हेतु लाया गया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून अब चीन पर ही भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। हाँग काँग चीन के सबसे स्वच्छंद क्षेत्रों में से एक था, जिसके कारण विश्व की बड़ी महाशक्तियाँ इस देश में निवेश करती थी। लेकिन अब चीन के कायराना कदम के पश्चात अब विश्व ने चीन के आर्थिक शक्ति माने जाने वाले इस क्षेत्र को भी नष्ट करने का मन बना लिया है। अमेरिका, यूके, ताइवान और ऑस्ट्रेलिया के बाद अब जापान भी हाँग काँग की प्रतिभा को अपनी ओर आकर्षित करने की योजना को लागू करने पर लगी हुई है।
चीन द्वारा बर्बर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने के बाद जापानी सांसदों ने एक नए प्रोजेक्ट टीम का गठन किया है, जो हाँग काँग के टैलंट पूल को जापान की ओर आकर्षित करने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगा रहे हैं। जब से Hong Kong तानाशाही की ओर बढ़ रहा है, तभी से जापान को आभास हो चुका है कि यही समय है, टोक्यो के कद को बढ़ाने का।
पर हाँग काँग के टैलंट पूल को आकर्षित कैसे किया जाये? इसके लिए जापानी सांसदों ने कई सुझाव दिये हैं , जैसे टैक्स में कटौती, जापान में स्थायी नागरिकता के लिए आसान अधिनियम, ताकि हाँग काँग के निवासी भर भर कर जापान आए। जापान सेक्युरिटी डीलर्स एसोसियेशन के अध्यक्ष शिगेहारू सुज़ुकी ने बताया कि “राष्ट्रीय सुरक्षा कानून [Hong Kong] इतनी जल्दी तो नुकसान नहीं पहुंचाएगा, परंतु इतना तो पक्का है कि हाँग काँग एक वित्तीय केंद्र के तौर पर अपनी पहचान अवश्य खो देगा”।
इसके अलावा इस बात पर भी ज़ोर दिया जा रहा है कि एक पेशेवर वीज़ा धारक की अवधि को किस तरह से घटाया जाये ताकि जापान में स्थायी नागरिकता प्राप्त करने वालों को हर प्रकार की सुविधा मिल सके। टोक्यो ने पहले ही तकनीक और अन्य क्षेत्रों के लिए ऐसे बोनस पॉइंट्स देने का वादा किया है।
यह निर्णय अपने आप में क्रांतिकारी है, क्योंकि Hong Kong एक विशाल वित्तीय केंद्र था जो चीन के लिए आवश्यक निवेश को आकर्षित करता था। ये चीन का अपना द्वीप बैंक था। परंतु जिस तरह से चीन ने इसकी स्वायत्ता खत्म की है, उससे एक बात तो साफ है, कि अब चीन की यह विशाल संपत्ति अब जल्द ही उसके हाथ से खिसकने को तैयार है।
केवल जापान ही नहीं है, जो Hong Kong से भाग रहे प्रतिभावान कर्मचारियों को आकर्षित कर रहा है। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा था कि हाँग काँग की वर्तमान स्थिति बहुत चिंताजनक है, और वे हाँग काँग के निवासियों का खुले दिल से स्वागत करने को तैयार हैं।
चूंकि Hong Kong ब्रिटेन की पूर्व कॉलोनी रही है, इसलिए अंग्रेज़ भी हाँग काँग वासियों का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यूके के विदेश मंत्री डोमिनिक राब (Dominic Raab)के अनुसार 25 लाख से अधिक हाँग काँग वासियों को ब्रिटेन पासपोर्ट प्रदान करेगा। इसके अलावा 35 लाख हाँग काँग के बीएनओ पासपोर्ट धारक अपने आप ब्रिटेन की नागरिकता के लिए योग्य ठहराए जाएँगे। यही नहीं, ताइवान ने भी घोषणा किया है कि यदि चीन ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को पारित किया, तो जो भी हाँग काँग वासी ताइवान में शरण लेना चाहते हैं, उनका ताइवान खुले दिल से स्वागत करेगा।
सच कहें तो बीजिंग ने अपने हाथों से अपने वित्तीय केंद्र को खोने का प्रबंध किया है। अब लोकतांत्रिक दुनिया का चीन, विशेषकर Hong Kong में स्पष्ट संदेश दिया है – आप लोकतन्त्र को मारोगे, हम तुम्हारे निवासी ही बाहर निकलवा लेंगे। अब विश्व ने चीन की वित्तीय ताकत को खत्म करने के लिए हाथ जोड़ लिया है।