बिजनेस क्षेत्र से जुड़े लोग अक्सर इस बात पर ज़ोर देते हैं कि 21वीं सदी में Data ही नया Oil है। यानि जिस प्रकार कभी ऊर्जा की खपत से उद्योग अपना आकार बढ़ाया करते थे, वो आज Data की खपत से हो रहा है। जिसके पास ज़्यादा Data है, वही बाज़ार का शहंशाह भी है। कोरोना महामारी के बाद अब वैश्विक स्तर पर यही देखने को मिल रहा है। Media Reports के मुताबिक market value के मामले में अमेरिकी टेक कंपनी Apple ने सऊदी अरब की तेल कंपनी Aramco को पीछे छोड़ दिया है। नए आंकड़ों के मुताबिक Apple की मार्केट वैल्यू 184,000 करोड़ डॉलर है, तो वहीं सऊदी अरामको की बाजार पूंजी फिलहाल 176,000 करोड़ डॉलर ही है। बेहतर कारोबार के साथ एप्पल के शेयरों में शुक्रवार तक 10.47 फीसदी तक उछाल आया है, जिसकी वजह से एपल को यह position हासिल हुई है।
इन्टरनेट के दौर में अब दुनिया में टेक कंपनियों का ही बोलबाला रहने वाला है। यह आप मार्केट वैल्यू के हिसाब से दुनिया की टॉप 10 कंपनियों की सूची देखकर समझ सकते हैं। अभी टॉप 10 कंपनियों में अमेरिकी टेक दिग्गज Microsoft, Facebook, Amazon, Alphabet शामिल हैं। इसके साथ ही इस लिस्ट में Alibaba और tencent जैसी चीनी टेक कंपनियाँ भी शामिल हैं। कुल मिलाकर पिछली शताब्दी में वैश्विक अर्थव्यवस्था को बल देने वाले Oil से जुड़ी सिर्फ एक ही कंपनी Top 10 कंपनियों में शामिल है।
दुनिया की सभी बड़ी टेक कंपनियाँ करोड़ों-अरबों लोगों के data की मालिक हैं। इसी data के बल-बूते ताकतवर Online advertising industry चलती है, जो targeted ads पर आधारित होती है। इस दशक में दुनिया के कई हिस्सों में इंटरनेट क्रांति देखने को मिली है, और कोरोना के बाद इसमें तेजी देखने को मिली है।
Work from Home और Distance learning को बढ़ावा मिलने से टेक कंपनियों का प्रभाव बढ़ता ही जा रहा है। इसी का नतीजा है कि अब टेक कंपनियाँ दुनिया पर राज कर रही हैं।
Data का इस्तेमाल कर ही ये टेक कंपनियाँ कोरोना के समय में भी positive growth हासिल करने में सफल रहे हैं। भारत में भी Reliance Jio इसी मंत्र के सहारे टेक क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ती दिखाई दे रही है। Jio पिछले 2 से 3 महीनों में आधा दर्जन नए निवेशकों को आकर्षित करने में कामयाब रही है। मुकेश अंबानी पहले ही साफ कर चुके हैं कि उनकी कंपनी को consumer बिजनेस क्षेत्र में तेजी से विकास करना है, क्योंकि अभी इस क्षेत्र से कंपनी के कुल राजस्व का केवल 20 प्रतिशत हिस्सा ही आता है। वे चाहते हैं कि वर्ष 2025 तक consumer बिजनेस कंपनी के कुल राजस्व में एनर्जी और refining व्यवसाय जितना ही योगदान दे। भविष्य में भी मुकेश अंबानी पेट्रो केमिकल बिजनेस से हटकर कंज़्यूमर बिजनेस पर ही ध्यान देना चाहते हैं। पहले कभी RIL का टोटल प्रॉफ़िट सिर्फ पेट्रो बिजनेस पर ही आधारित होता था, लेकिन अब कंपनी के Ebitda यानि tax, depreciation और amortization के खर्च से पहले की कमाई में कंज़्यूमर बिजनेस की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत तक पहुंच गयी है।
आगामी दशक में कच्चे तेल और fossil energy की जगह green energy पर ही ज़्यादा फोकस किया जाएगा, जिससे तेल कंपनियों का प्रभाव और ज़्यादा कम होगा। ऐसे में Apple द्वारा Aramco को पछाड़कर दुनिया की Top कंपनी बनना Aramco के संकट भरे भविष्य का सबसे बड़ा संकेत हो सकता है। Aramco नहीं, आगामी दशक Jio जैसी टेक कंपनियों का है, क्योंकि Data ही नया Oil है।