हाल ही में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की संदेहास्पद मृत्यु से जुड़े मामले को, सुप्रीम कोर्ट ने एक आधिकारिक तौर पर सीबीआई को सौंप दिया। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी निर्देश कि मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार को हर हाल में सीबीआई का सहयोग करना होगा। देश की जनता पिछले कई दिनों से इस मामले पर सीबीआई जांच की मांग कर रही थी और सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें निराश नहीं किया।
तो सीबीआई की इस खास टीम के सदस्य कौन हैं और उनका प्रोफाइल क्या है? दरअसल सीबीआई द्वारा नियुक्त की गई टीम का नेतृत्व कर रहें हैं वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और सीबीआई के जोईंट डायरेक्टर मनोज शशीधर, जिन्हें केंद्र सरकार ने पहले ही इस मिशन के लिए चिन्हित कर लिया था। उनका साथ देंगी डीआईजी गगनदीप गंभीर, जो मनोज शशिधर की तरह ही गुजरात कैडर की आईपीएस अफसर हैं। इनके अलावा इस टीम में होंगे, एडिशनल एसपी अनिल कुमार यादव, जो उत्तर प्रदेश कैडर से हैं और एसपी नूपुर प्रसाद, जो कि सीबीआई की चर्चित अफसरों में से एक हैं।
अब इस टीम में ऐसा खास क्या है, जिसके कारण सुशांत सिंह राजपूत के मामले में इनके शत प्रतिशत सफल होने की संभावना जताई जा रही है? दरअसल इस टीम के सदस्य काफी हाई प्रोफाइल मामलों से जुड़े हुए हैं, चाहे वो भगोड़े उद्योगपति विजय माल्या का केस हो, या फिर काँग्रेस के शासन में हुए ऑगस्टा वेस्टलैंड हेलीकाप्टर घोटाले का पर्दाफाश करना। मजे की बात यह है कि इसमें से कुछ अफसर उस टीम में भी शामिल थे, जिस टीम ने इस हेलीकॉप्टर घोटाले से जुड़े एक दलाल, क्रिश्चियन मिचेल को सफलतापूर्वक प्रत्यर्पित कर भारत वापस लाया था।
उदाहरण के लिए एडि. एसपी अनिल कुमार यादव को ही देख लीजिये। इस मामले से पहले वे राष्ट्रमंडल खेल घोटाले, शोपियाँ दुष्कर्म कांड, व्यापम घोटाला जैसे बड़े मामलों की जांच से भी जुड़े रहे हैं। वहीं नूपुर प्रसाद विजय माल्या की वित्तीय अनियमितताओं और ऑगस्टा वेस्टलैंड घोटाले से संबन्धित रही हैं। इतना ही नहीं, गगनदीप गंभीर ने तो उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के राज में हुए अवैध खनन घोटाले की जांच पड़ताल में कई बड़े खुलासे किये थे।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिलते ही सीबीआई की इस टीम ने मोर्चा संभाल लिया है। उन्होंने आते ही मामले से जुड़े लोगों से पूछताछ करनी शुरू कर दी। टीम ने मुंबई आते ही सर्वप्रथम जितने भी साक्ष्य इस केस से जुड़े हुए थे, उसे अपने नियंत्रण में लिया है, ताकि आरुषि तलवार वाले मामले की तरह सबूतों के अभाव में अन्याय न हो। साथ ही उन डीसीपी रैंक के अफसरों से पूछताछ की गई, जिनके सामने अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती ने अपना बयान दिया था। यही नहीं, रिया चक्रवर्ती द्वारा कूपर हॉस्पिटल के मुर्दाघर में काफी देर तक रुके रहने की भी जांच की जा रही है। बता दें कि, कूपर हॉस्पिटल वही अस्पताल है जहां सुशांत के पार्थिव शरीर को पोस्टमोर्टम के लिए भेजा गया था।
अब इन अफसरों की तत्परता और इनका इतिहास देख कर ये कहना गलत नहीं होगा कि सुशांत सिंह राजपूत के मामले में इन लोगों की भूमिका काफी अहम होगी और इनके मोर्चा संभालने से जल्द ही सुशांत सिंह राजपूत के मामले में एक निष्कर्ष निकलकर सामने आएगा।