हाल ही में चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने एक सर्वे जारी किया है, जिसमें चीनियों द्वारा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहुत बढ़-चढ़ कर बड़ाई की गई है। इस सर्वे के अनुसार चीन के आधे से अधिक लोग पीएम मोदी के शासन से जितने खुश हैं, उतने वे अपने खुद के नेताओं के शासन से नहीं है। सर्वे के 50 प्रतिशत भागीदारों ने ये कहा कि, उन्हें पीएम मोदी की सरकार से कोई आपत्ति नहीं है।
अब आप भी सोच रहे होंगे, आखिर चीन में सूरज किस दिशा से उगा है? दरअसल, पिछले कुछ महीनों से भारत समेत पूरी दुनिया में चीन को जो जिल्लत मिली है, अब चीन उसे अपने प्रोपेगैंडा के रास्ते साफ करना चाहता है। ग्लोबल टाइम्स का सर्वे उसके इसी प्रोपेगैंडा का हिस्सा है। चीन यह दिखाना चाहता है कि, उसके मन में भारत के प्रति बहुत सम्मान है और वह संबंधों का आदर करता है। गौरतलब है कि, आज से 3 दिन पहले ही भारत में चीनी राजदूत सुन वेईडोंग ने भी यही राग अलापा था कि उनके लिए भारत के साथ संबंध बहुत महत्वपूर्ण हैं। पर हाथी के दांत दिखने के और खाने के अलग-अलग होते हैं यह सबको पता है।
गलवान घाटी में चीन द्वारा किए गए हमले के बाद भारत काफी आक्रामक हो चुका है और वह चीन के विरुद्ध हर मोर्चे पर उसे कभी न भरने वाले घाव देना चाहता है। फिर चाहे वह चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाना हो या 2021 तक चीन को 1 लाख करोड़ का नुकसान पहुंचाना हो या फिर अंतर्राष्ट्रीय मोर्चे पर पाकिस्तान की भांति चीन को अलग-थलग करना हो, भारत ने किसी भी मोर्चे पर कोई कसर नहीं छोड़ी है।
इसके अलावा Huawei ने भी भारतीयों को लुभाने के अपने प्रयास तेज कर दिये हैं। वर्तमान रिपोर्ट्स के अनुसार भारत के सभी प्रमुख अखबारों में चीनी टेक कंपनी Huawei बड़े-बड़े विज्ञापन छपवाना चाहती है। वह ये जताना चाहती है कि, वह पिछले 20 वर्षों से भारत में काम कर रही है और भारत के हितों के साथ कोई समझौता नहीं करेगी। लेकिन इस कंपनी के व्यवसाय के नाम पर डाटा चोरी करने के मंसूबे, अब भारत में कभी पूरे नहीं होने वाले
जिस चीन को अपनी आर्थिक शक्ति और अपने प्रोपगैंडा पर बड़ा गर्व था वह अब भारत के विरुद्ध दोनों ही मोर्चों पर असहाय महसूस कर रहा है। भारतीय सेना भी चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को यह बात स्पष्ट रूप से कह चुकी है कि, LAC पर किसी भी तरह का बदलाव उसे मंजूर नहीं है और इसी रूख को सीडीएस बिपिन रावत ने भी दोहराया है।
कोरोना वायरस दुनिया भर में फैलाने के कारण कई देशों में चीन के खिलाफ गुस्सा है। छोटा सा देश ताइवान भी उससे अब नहीं डरता और तो और अमेरिका ने भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे कई शक्तिशाली देशों के साथ उसके घमंड को ध्वस्त करने के लिए एक वैश्विक अभियान को भी बढ़ावा दिया है। अब चीन की स्थिति इतनी बुरी हो चुकी है कि, उसका प्रोपेगैंडा भी उसके किसी काम नहीं आ रहा है।