5 अगस्त 2020 को हमेशा भारतीय संस्कृति के गौरवशाली क्षणों में से एक महत्वपूर्ण दिवस के रूप में याद किया जाएगा। लगभग 500 वर्षों के अथक संघर्ष के पश्चात आखिरकार, सनातनी संस्कृति के गौरवशाली प्रतीक, भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है। दूरदर्शन के लाइव प्रसारण के माध्यम से करोड़ों लोगों ने इस निर्माण की भूमिपूजन प्रक्रिया को देखा. लेकिन देश के अंदर कुछ लोग ऐसे भी निकले, जिन्हें राम भक्त जनता द्वारा ये गौरवशाली क्षण देखना बर्दाश्त नहीं हुआ।
कल से सोशल मीडिया पर ऐसी कई शिकायतें सामने आई हैं, जिसमें कहा गया है कि केरल और पश्चिम बंगाल के प्रशासन ने जानबूझकर उसी समय बिजली काट दी, जब राम मंदिर के भूमि पूजन का लाइव प्रसारण हो रहा था। केरल में कई लोगों ने मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन सरकार पर निशाना साधते हुए भूमि पूजन के प्रसारण के दौरान बिजली काटने का आरोप लगाया। दिलचस्प बात तो यह है, कि बिजली आपूर्ति तभी बहाल हुई, जब भूमि पूजन समारोह पूरी तरह सम्पन्न हो गया। एक ट्वीट के अनुसार “केरल और बंगाल सरकार ने कल जानबूझकर बिजली आपूर्ति रोक दी ताकि लोग राम मंदिर का भूमि पूजन न देख सके। बंगाल सरकार ने तो राज्य में कर्फ़्यू लगा दिया। यह असल फासीवाद नहीं तो क्या है?” ।
वहीं एक और व्यक्ति ने अपने ट्वीट में तंज़ कसते हुए कहा, “गज़ब खेल रही है केरल सरकार। राम मंदिर भूमि पूजन के समय ही बिजली काट दी। अब क्या करेंगे ये जोकर? लोगों के हाथों से फोन और लैपटाप छीनेंगे?”
Same here in Kasaragod . .
— Vinay (@vkn1198) August 5, 2020
Kerela Government and Bengal Government suspended electricity yesterday to stop people from watching Bhoomi pujan.. Mamata also put curfew in state. This is real fasicism!!!@sardesairajdeep @BDUTT @ravishndtv @abhisar_sharma #dontcountmeinthat130crore
— Surya Vashishtha (@SuryaVashishtha) August 6, 2020
Deliberate power cut in parts of Kerala especially in the Malabar region. How pathetic! So what's ur next step jokers. Snatch phone tablets and laptops?? @RatanSharda55 @sambitswaraj @narendramodi @PiyushGoyal @BJP4Keralam @BJP4India
— GK Nair (I Worship Shakti) (@Appugnair) August 5, 2020
https://twitter.com/TrulyMonica/status/1290906133624836098?s=20
Thank to internet, saw it live even when power was gone. Ensured that my elders also saw it.
Eff you paranari 🖕
— देवसख (@Devasakha) August 5, 2020
Unanmounced Electricity Cut in Kerala to deny the right of Keralites to watch BhumiPujan. Frustrated CPM Govt desperately trying to blackout kerala
— J Nandakumar (@kumarnandaj) August 5, 2020
पश्चिम बंगाल में भी हालात कुछ इसी तरह थे। भूमि पूजन के समय ही पूरे राज्य में बिजली मनो एक साथ काट दी गई। टीएमसी के अंदर प्रभु श्री राम के लिए घृणा इस हद तक देखी गयी, कि पूरे राज्य में एक दिन का कर्फ़्यू तक लगा दिया गया। यही सरकार बकरीद के अवसर पर पूरे राज्य में किसी भी गतिविधि पर रोक नहीं लगाना चाहती थी और भूमिपूजन के दौरान इस सरकार ने पूरे राज्य में न सिर्फ कर्फ़्यू लगाया, बल्कि श्री राम की पूजा करने पर लोगों को घर से निकालकर पीटा भी जा रहा था। निर्दोष लोगों पर प्रशासन यह आरोप लगा रहा था, कि लोगों ने कर्फ़्यू का उल्लंघन किया था । भाजपा नेता और वरिष्ठ वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने इस स्थिति पर ट्वीट किया, “केरल और बंगाल सरकार ने भूमि पूजन के समय ही राज्य की बिजली काट दी। भगवान इन दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री को सद्बुद्धि दे!”
Power cut in West Bengal & Kerala at many places during #BhoomiPujan
अयोध्या में भूमिपूजन के समय केरल-बंगाल में कई स्थानों पर बिजली काट दी गई है🤔
दोनों मुख्यमंत्रियों को सद्बुद्धि दीजिये प्रभु🙏
— Ashwini Upadhyay (@AshwiniUpadhyay) August 5, 2020
https://twitter.com/alphafrager/status/1290928154870079488?s=20
https://twitter.com/subrata40031867/status/1290877709023813633?s=20
Power cut in West Bengal & Kerala at many places during #BhoomiPujan
अयोध्या में भूमिपूजन के समय केरल-बंगाल में कई स्थानों पर बिजली काट दी गई है🤔
दोनों मुख्यमंत्रियों को सद्बुद्धि दीजिये प्रभु🙏
— Vikesh (विकेश)🇮🇳 (@radhevikesh) August 5, 2020
Power cut in Bengal & Kerala at time of bhumipoojan. Didi & smuggler were not informed about youtube live telecast & also it's digital world.
😂😂😂😂— नौ पूर्व © (@nine_east) August 5, 2020
किसी भक्त को अपने आराध्य के दर्शन से वंचित करना अपने आप में कहीं से भी उचित नहीं है, लेकिन केरल और बंगाल सरकार को यह महापाप करने में विशेष आनंद मिलता है। राम मंदिर भूमि पूजन का लाइव प्रसारण रोकने का प्रयास करने से यह बात फिर सिद्ध होती है कि अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के लिए इन राज्यों की वर्तमान सरकार किसी भी हद तक गिरने को तैयार है। लगता है ये सरकारें भूल रहीं हैं कि भारत तुष्टीकरण करने वाली पार्टियों का हश्र क्या हो चुका है।