FATF के बढ़ते दबाव के बीच पाकिस्तान की सरकार ने यह स्वीकार कर लिया है कि मुंबई बम धमाके का मास्टरमाइंड और भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों में शामिल दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में ही रह रहा है। पाकिस्तान सरकार ने United Nations Security Council (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) द्वारा चिन्हित 88 आतंकियों को प्रतिबंधित करते हुए इनके बैंक खातों को सील कर दिया है तथा इनकी सभी चल और अचल संपत्तियों जब्त करने के आदेश दिए हैं।
इस सूची में दाऊद इब्राहिम के अतिरिक्त हाफिज सईद, मौलाना मसूद अजहर, जाकिर रहमान लखवी का नाम भी शामिल है। पाकिस्तान द्वारा जारी की गई सूची के अनुसार दाऊद इब्राहिम करांची में रह रहा है और डिफेंस हाऊसिंग इलाके के 37 नंबर बंगले को उसने अपना ठिकाना बनाया है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान की माली हालत बहुत ख़राब चल रही है। उसे इस वक्त अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए विदेशी निवेश की आवश्यकता है लेकिन FATF द्वारा ग्रे लिस्ट में डाले जाने के कारण उसे कोई बड़ा निवेश नहीं मिल रहा है। हाल ही में पाकिस्तान द्वारा कश्मीर मुद्दे को बार बार OIC में उठाया गया और जब सऊदी ने उसकी मांग को समर्थन नहीं दिया तो इससे पाकिस्तान ने न सिर्फ सऊदी को घेरने की कोशिश की, बल्कि OIC को छोड़ने की धमकी दी थी। इसके बाद सऊदी ने भी पाकिस्तान को मिल रही आर्थिक मदद रोक दी। इसके बाद दूसरे प्रमुख देश UAE से भी पाकिस्तान ने अपने सम्बन्ध खराब कर लिए हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने UAE और इजराइल के बीच हुए समझौते के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा था कि वे कभी इजराइल को मान्यता नहीं देंगे। अप्रत्यक्ष रूप से यह इस बात का संकेत देता है कि पाकिस्तान UAE द्वारा लिए गए फैसले को गलत मानता है और इरान की तरह इसे मुस्लिम जगत के साथ धोखा मानता है।
मध्य एशिया की राजनीति में पाकिस्तान अपनी क्षमता के ऊपर जाकर सऊदी के धड़े से लड़ने का प्रयास कर रहा है। तुर्की से अपने संबंधों के कारण वः खुद को अरब देशों से मिल रही थोड़ी बहुत आर्थिक मदद भी समाप्त कर चुका है। यही नहीं पाकिस्तान ने अपनी मूर्खताओं के कारण अपनी अर्थव्यवस्था को पहले ही चीन की गिरफ्त में कर रखा है। अब पाकिस्तान में इस बात को लेकर चिंता बढ़ रही है कि पाकिस्तान चीन का उपनिवेश न बन जाए।
ऐसे हालात में पाकिस्तान के पास एक ही रास्ता बचा है कि वह किसी प्रकार से खुद के ऊपर लटक रही FATF की तलवार को हटाए। यदि पाकिस्तान को IMF से तत्काल मदद नहीं मिली तो हो सकता है कि पाकिस्तान चीन के पूर्ण नियंत्रण में चला जाए। पाकिस्तान में पहले से ही आतंरिक असंतोष चरम पर है ऐसे में यदि चीन के बढ़ते आर्थिक प्रभाव को नहीं रोका गया तो पाकिस्तान अगला अफगानिस्तान बन जाएगा।
यही कारण है कि पाकिस्तान ने दाऊद इब्राहिम के पाकिस्तान में छुपे होने की बात स्वीकार कर लिया है। FATF का दबाव इतनी जल्दी पाकिस्तान पर से ख़त्म नहीं होने वाला है। ऐसे में भविष्य में पाकिस्तान दाऊद इब्राहिम जैसे आतंकियों पर और भी कड़ी कार्रवाई करने को मजबूर होगा।